फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) जिले में दो अगस्त से शुरू हुआ सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा 14 अगस्त तक चलेगा। पखवाड़े के तहत आशा कार्यकर्ता डायरिया बीमारी से बचाव के लिए अपने कार्यक्षेत्र में जागरूक करने के साथ ही साथ जिन घरों में 05 वर्ष तक के बच्चे होंगे उन घरों में ओआरएस तथा जिंक की गोली देने का काम कर रही है। यह जानकारी अपर मुख्य चिकित्साधिकारी और दस्त नियंत्रण पखवाड़े के नोडल अधिकारी डॉ दलवीर सिंह ने दी।
डॉ. सिंह ने बताया कि पखवाड़े की सफलता के लिए शासन की ओर से जनपद में ओआरएस घोल के पैकेट व जिंक दवा जिले को प्राप्त हुई है। पखवाड़े को सफल बनाने के लिए आशा कार्यकर्ताओ के अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी लगाया गया है। वह अपने-अपने कार्यक्षेत्र में पांच वर्ष तक के बच्चों को घर – घर ओआरएस पैकेट व जिंक की गोलियों को देने का काम कर रही है। दवा के वितरण के साथ ही साथ डायरिया जैसे बीमारी के बचाव के लिए भी जागरूक काम कर रही है और अपने घरों व आसपास सफाई रखने का भी सुझाव देने का भी परामर्श दे रही है।
डॉ. सिंह ने बताया कि पखवाड़े में कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुए आशा कार्यकर्ता कोरोना से बचाव हेतु मुंह पर मास्क लगाने, दो गज की दूरी का पालन करना और साबुन से बार-बार हाथों को साफ करने और कोरोना का टीका लगवाने के लिए भी प्रेरित कर रही है।
डॉ राममनोहर लोहिया महिला चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ शिवाषीश उपाध्याय ने बताया दस्त में खून आना जैसे लक्षणों के आधार पर डायरिया की पहचान आसानी से की जा सकती है। ओआरएस एवं जिंक घोल निर्जलीकरण से बचाव करता है लगातार दस्त होने से बच्चों में निर्जलीकरण की समस्या बढ़ जाती है। दस्त के कारण पानी के साथ जरूरी एल्क्ट्रोलाइट्स( सोडियम, पोटैशियम, क्लोराइड एवं बाईकार्बोनेट) का तेजी से ह्रास होता है। बच्चों में इसकी कमी को दूर करने के लिए ओरल रीहाइड्रेशन सलूशन(ओआरएस) एवं जिंक घोल दिया जाता है। इससे डायरिया के साथ डिहाइड्रेशन से भी बचाव होता है।
साथ ही कहा कि चिकित्सक से परामर्श लिए बगैर अपने मन से कोई भी दवा बच्चे को न दें
बच्चों में निम्न लक्षण हो तो तुरन्त सम्पर्क करें डाक्टर से :-
– पानी जैसा बार- बार दस्त का होना।
– बार-बार उल्टी का होना।
– पानी न पी पाना।
– बुखार का होना।
– मल में लगातार खून का आना |