सूबे में बाढ़ के उफान से सैकड़ों गांव जलमग्न, जालौन में हाईवे बंद

FARRUKHABAD NEWS जिला प्रशासन सामाजिक

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में नदियों के उफनाने से सैकड़ों गांव बाढ़ से घिर गए हैं। जालौन में बचाव कार्य के लिए सेना ने मोर्चा संभाला है। उधर, इटावा में प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डा. महेंद्र सिंह ने हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ की हकीकत परखी।
शुक्रवार को जालौन और औरैया को जोड़ने वाले हाईवे पर शेरगढ़ घाट स्थित पुल डूबने से यातायात बंद कर दिया गया है, जबकि पानी कालपी कस्बे में घुस गया है। इटावा-औरैया को जोड़ने वाले जुहीखा पुल तक पानी पहुंचने से स्थिति खतरनाक बन गई है। पहुज में उफान से बबाइन स्थित पीपा पुल भी बह गया है। वहीं, उरई, औरैया, चित्रकूट, इटावा, बांदा, हमीरपुर और फतेहपुर में भी कई गांव बाढ़ से घिर गए हैं। जालौन जिले में लगातार पानी बढ़ने से यमुना खतरे के निशान से चार मीटर ऊपर बह रही है। रामपुरा क्षेत्र में बिलौड़, कुसेपुरा सहित कई गांव पूरी तरह डूबे हैं। बिलौड़ और कुसेपुरा तक स्टीमर तेज बहाव के कारण नहीं पहुंच पा रहे हैं। कदौरा, कालपी व महेबा के लगभग सौ गांव पानी में डूब गए हैं।
चित्रकूट की मऊ तहसील में परदवां, मवई कला और बरहा कोटरा समेत आधा दर्जन गांवों में सड़क से आवागमन बंद हो गया है। प्रशासन ने यहां पर 11 नावों की व्यवस्था की है। बांदा में यमुना नदी खतरे के निशान पर है। हमीरपुर में यमुना का जल स्तर बढ़ने से मुख्यालय में बेतवा का पानी भी बढ़ रहा है। कुरारा क्षेत्र के एक दर्जन गांवों में पक्के भवनों में रहने वाले अपना सामान समेटकर ऊपरी मंजिल में शिफ्ट कर लिया है। बेतवा का जलस्तर बढ़ने से टिकरौली मार्ग में पानी भरने से करीब आधा दर्जन गांवों का संपर्क टूट गया है।
इटावा में शुक्रवार को चंबल नदी में बाढ़ का पानी कम होना शुरू हो गया, मगर यमुना नदी का जलस्तर बढ़कर 123.03 मीटर हो गया। शहर के काली बांह मंदिर सहित शमशान घाट व धूमनपुरा गांव में यमुना ने पानी भर गया है। फतेहपुर में यमुना नदी में बढ़े जलस्तर से ललौली के पल्टूपुरवा, कोर्राकनक, दसौली आदि गांवों के रास्तों में पानी भर गया है। बिंदकी व खागा क्षेत्र में कई गांवों का संपर्क टूट गया है।
उन्नाव में गंगा का जलस्तर बीते 16 घंटों में चार सेंटीमीटर और बढ़ा है। आगरा जिला के पिनाहट क्षेत्र में शुक्रवार चंबल नदी का जलस्तर 133.4 मीटर था, जबकि खतरे का निशान 130 मीटर है। खतरा देखते हुए 15 गांवों निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।