फर्रुखाबाद:(जेएआई ब्यूरो) बेसिक शिक्षा की ओर से संचालित परिषदीय स्कूलों को संवारने के लिए शासन ने आपरेशन कायाकल्प योजना शुरू की थी। ग्रामीणांचल के विद्यालयों में ग्राम सभाओं को मिलने वाली निधि से संवारने का काम दिया गया था, जबकि शहरी विद्यालयों का जिम्मा नगर पालिका या नगर पंचायत को दिया गया था। समयावधि पूर्ण होंने के बाद भी विद्यालयों में कायाकल्प का कार्य भी अधूरें हैं|
दरअसल आपरेशन कायाकल्प के तहत शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में 14 पैरामीटर पर काम होना है, जिसमें दीवार, विद्यालय की फर्श में टाइल्स लगाना, इज्जतघरों को बनवाना दुरुस्त करना, खिड़की, कैंपस के अंदर खड़ंजा सीसी निर्माण, पौधारोपण, पेयजल व्यवस्था, सफाई जैसे महत्वपूर्ण कार्य किए जाने थे। जिसके लिए लगभग 20-25 लाख वजट प्रति विद्यालय के हिसाब से दिए गये थे| विद्यालयों का कायाकल्प लगभग मार्च 2021 तक पूर्ण किया जाना था| लेकिन इसके बाद भी आपरेशन कायाकल्प से ग्रामीणांचल के साथ ही जिला मुख्यालय के विद्यालय पूर्ण रूप से संवारे जाने की बांट जोह रहे हैं। आपरेशन कायाकल्प योजना के तहत विद्यालयों में काम पूर्ण ना किये जाने से कई विद्यालय बदसूरती का शिकार हैं। शहर के विद्यालयों में तमाम दिक्कतें हैं। ऐसी दशा में चिराग तले अंधेरा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।
विकास खंड राजेपुर के ग्राम परमापुर में भी कायाकल्प योजना का भी यही हाल है| प्रधानाध्यापक हरिशंकर नें बताया कि कायाकल्प योजना का कार्य हुए एक वर्ष का समय बीत गया लेकिन अभी तक दरवाजा, खिड़की, पुताई बाल पेंटिंग, मैदान में मिट्टी का कार्य नही कराया गया| सूत्र बताते हैं कि पूरे जिले में करोड़ के आये वजट के बाद भी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में से एक ‘आपरेशन कायाकल्प’ अधर में लटका है|
बीएसए लाल जी यादव नें जेएनआई को बताया कि मामला संज्ञान में है| सीडीओ नें प्रधानों को निर्देशित किया है| प्रधान नये निर्वाचित हुए थे जिसके चलते कायाकल्प के काम बाधित हुए| जल्द कार्यपूर्ण करनें के निर्देश दिये गये है|