फर्रुखाबाद:(दीपक शुक्ला)खेतों में खरबूजा की फसल लगी हुई हैं। लेकिन तकरीबन एक महीने से चल रहे कोरोना कर्फ्यू ने पहले से ही खरबूजा पैदा करनें वाले किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है| उनको मुनाफा तो छोड़ें उन्हें अपना मूलधन निकालना ही नाकों चने चवानें से कम नही| बची खुची कसर बीते दिनों हुई तेज बारिश के साथ तेज हवाएं चलने के कारण फसल की बेल एकत्र हो गई हैं। फसल वाले खेतों में पानी भर गया, जिसके कारण फसल को नुक्सान हुआ हैं।
किसानों के लिए खुशी के साथ ही मायूसी की भी बरसात हुई। बीते दिनों हुई तेज बारिश नें जुताई और खेतों में खड़ी मक्का, धान और मूंगफली के लिए अच्छी है, लेकिन पलेज की खेती करने वाले किसानों के अरमानों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। किसानों का कहना है कि तरबूज और खरबूजा की मिठास कम हो जाएगी तो फसल को कीड़े लगने की भी संभावना बड़ गई है।
शहर से सटे ग्राम गढिया ढिलाबल निवासी महेंद्र पाल नें बताया कि उन्होंने चार बीघा में तरबूज की फसल में 10 हजार की लागत से की थी| उम्मीद थी कि फसल अच्छी है तो मुनाफा भी ठीक ठाक हो जायेगा| लेकिन कोरोना कर्फ्यू के कारण तोड़ी गयी फसल को पुलिस बिक्री नही करनें देती जिससे फसल औने-पौने दामों में बिक्री करनी पड़ रही थी| उसके बीच में बेमौसम हुई बरसात में खरबूजा की फसल को काफी बड़ा नुकसान हुआ बल्कि लगभग खत्म ही हो गयी है|