फर्रुखाबाद:(नगर संवाददाता) गंगा में शवों के प्रवाहित करनें के मामले में शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन भी एलर्ट मोड़ पर आ गया है| शनिवार को अधिकारियों नें गंगा किनारे बैठक कर सख्त निर्देश दिये कि किसी भी सूरत में गंगा में शवों को प्रवाहित न करें। यदि कोई गरीब है तो उसके लिए जिला प्रशासन 5 हजार अंतिम संस्कार के लिए भी देगा|
दरअसल यूपी के चंदौली में गंगा में बड़ी संख्या में शवों के पाये जाने पर सरकार गंभीर हो गयी| जिसके चलते सरकार नें कोरोना से जिदगी हारने वाले मृतकों के अंतिम संस्कार में आर्थिक तंगी आड़े नहीं आएगी। साथ ही दाह-संस्कार में हीलाहवाली करने वाले परिवारजन की अनदेखी से संक्रमितों का शव पड़ा नहीं रहेगा, बल्कि विधि-विधान से उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। सरकार ने संक्रमितों की अंतिम विदाई के लिए सरकारी खजाना खोला है। अब कोरोना मृतकों के अंतिम संस्कार पर 5000 की इमदाद सरकार दे रही है|
एसडीएम सदर अनिल कुमार, सीओ सिटी नितेश कुमार, कोतवाल वेद प्रकाश पाण्डेय, डीपीओ व बीडीओ बढ़पुर भारत प्रसाद नें पांचाल घाट पर ग्रामीणों के साथ बैठक कर उन्हें जागरूक किया| एसडीएम नें गंगापुत्रों और ग्रामीणों को जागरूक करते हुए कहा कि अब कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार के लिए शासन ने 5000 रुपये की मदद स्वीकृत की है, ताकि क्रियाकर्म में आर्थिक तंगी आड़े न आए। इसके साथ ही उन्होंने गंगा में मछली मारने पर भी पाबंदी लगा दी है|
उन्होंने ग्राम प्रधान नसरुद्दीन से गांव में खांसी, जुकाम, बुखार का मरीजों को दवा किट देने की बात कही। सीओ सिटी नीतेश कुमार ने कहा कि गांव में जो लोग शांतिभंग में निरुद्ध हैं, वह यदि कोई भी उपद्रव करते हैं, तो बड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। चौकी प्रभारी बलराज भाटी मौजूद रहे।