Monday, December 23, 2024
spot_img
HomeFARRUKHABAD NEWSहर पांच सौ मीटर पर जरूरी है पीपल का पेंड, अभी भी...

हर पांच सौ मीटर पर जरूरी है पीपल का पेंड, अभी भी नही चेते तो फिर…….

फर्रुखाबाद:(दीपक शुक्ला) वनस्पतियां आक्सीजन देकर हमें जीवन प्रदान करती हैं। कारण कि बिना आक्सीजन के हम जीवित रह ही नहीं सकते और पेड़-पौधे यही जीवनदायिनी आक्सीजन छोड़ते हैं। वे हमारे द्वारा छोड़ी गई विषैली गैस कार्बन-डाइ-आक्साइड को ग्रहण करते हैं। कुछ पौधे ऐसे भी होते हैं जो रात में भी आक्सीजन छोड़ते हैं। पीपल, नीम, तुलसी, एलोवेरा, एक्समस कैक्टस आदि ऐसे पेड़-पौधें हैं जो रात में भी आक्सीजन छोड़ते हैं। लेकिन आज हम ककरीट के जंगल बनाकर असली जंगल नष्ट कर रहें है|
अधिक पत्तियों वाले पौधे अधिक आक्सीजन छोड़ते हैं। पत्तियां एक घंटे में पांच मिलीलीटर आक्सीजन उत्पन्न करती हैं। पीपल का पेड़ जहां रात में भी आक्सीजन देता है वहीं 22 घंटे से अधिक समय तक आक्सीजन देता है। बांस का पौधा भी अन्य पेड़ों की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक आक्सीजन देता है। नीम, बरगद एवं तुलसी का पौधा भी 20 घंटे से अधिक समय तक आक्सीजन देता है।
वर्तमान में हर पांच सौ  से 700 मीटर पर ऑक्सीजन बैंक (पीपल के पेंड) की आवश्यकता है। यह पीपल के पौधे लगाने से मुमकिन हो सकता है। एक पीपल का पौधा लगाने से एक ऑक्सीजन बैंक का निर्माण होता है। आज वायु प्रदूषण से वातवरण जूझ रहा है क्योंकि दशकों से भारी मात्र में ऑक्सीजन देने वाले पेड़ों को नजरंदाज किया जा रहा है।
अचानक कोरोना की दूसरी लहर के बीच अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी देखने को मिल रही है| एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर 6 पेड़ ज्यादा से ज्यादा लगाए गए होते तो देश में कभी भी ऑक्सीजन की कमी नहीं होती| जहां पहले पेड़ों से ऑक्सीजन मिलती थी, अब फैक्टरी में इनका निर्माण होने लगा है| समय के साथ आधुनिक होती दुनिया ने पेड़ों की जमकर कटाई की, जिसका नतीजा निकला पर्यावरण में ऑक्सीजन की कमी| अब अगर दुनिया में पेड़ ना हों, तो कितनी भी फैक्ट्री लगा दें, ऑक्सीजन की कमी होगी ही, जेएनआई आज आपको 6 तरह के पेड़ों के बारे में बताते हुए अभी भी इन 6 तरह के पेड़ों को अपने आस-पास लगानें के लिए जागरूक कर रहा है|
नीम का पेड़
नीम के पेड़ में कई औषधीय गुण हैं|  ये पेड़ पर्यावरण को साफ़ रखने में मदद करता है| ये एक तरह से नेचुरल एयर प्यूरीफायर है| ये वातावरण में मौजूद गंदगी को साफ़ कर हवा में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाती है| जानकारों का कहना है कि नीम के पेड़ को लगाने से आसपास की हवा में मौजूद बैक्टेरिया मर जाते हैं|
जामुन का पेड़
जामुन तो आपने काफी खाए होंगे|  इसके बीज भी काफी फायदेमंद होते हैं| लेकिन इसके पेड़ को कम ना समझें|  जामुन का पेड़ सल्फर और नाइट्रोजन जैसे गैसों को शुद्ध बना देता है, साथ ही काफी ज्यादा ऑक्सीजन भी देता करता है|
बरगद का पेड़
बरगद के पेड़ को नेशनल ट्री कहा जाता है|  हिन्दुओं में भी इस पेड़ की पूजा की जाती है| ये पेड़ भी काफी विशाल होता है| बरगद के पेड़ की एक खासियत है कि ये पेड़ कितना ऑक्सीजन बनाएगा, ये बात इसकी छाया पर निर्भर करता है|  यानी जितना बड़ा और घना पेड़ होगा, उतनी ही ज्यादा इससे ऑक्सीजन मिल पाएगी|
अशोक का पेड़
अशोक का पेड़ भारी मात्रा में ऑक्सीजन का निर्माण कर पर्यावरण में छोड़ता है| इसे लगाने से ना सिर्फ ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है बल्कि ये पेड़ दूषित गैसों को भी सोख कर शुद्ध बना देती है|
अर्जुन का पेड़
अर्जुन के पेड़ का हिन्दू धर्म में काफी महत्व है| इसे माता सीता का फेवरिट माना जाता है| इसके कई आयुर्वेदिक फायदे हैं| ना सिर्फ ये पेड़ ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने में मदद करता है बल्कि दूषित गैसों को सोखकर शुद्ध बना देता है|
पीपल का पेड़
जानकारों का कहना है कि पीपल का पेड़ किसी अन्य पेड़ की तुलना में सबसे ज्यादा ऑक्सीजन का निर्माण करता है| ये पेड़ 60 से 80 फ़ीट तक लंबा हो सकता है| हिन्दुओं में तो इस पेड़ का धार्मिक महत्व भी है| ये पेड़ अपनी पूरी जिंदगी में इतना ऑक्सीजन बना सकता है जितना कई फैक्टरीज भी नहीं कर पाते हैं|
डीएफओ पीके उपाध्याय नें जेएनआई को बताया कि जिले में प्रतिवर्ष पौधारोपण होता है| लेकिन लोग पीपल व बरगद जैसे वृक्ष अक्सर छोटे पर ही नष्ट करते है| फिर भी इस बार अभियान चलेगा| शहर के भीतर भी पीपल के पौधे लगाये गये है| फिर भी यदि कोई पीपल,बरगद, नीम या जामुन आदि के पौधे लगाने का प्रयास करता है तो उसका विभागीय सहयोग किया जायेगा| विभाग भी अपनी तरफ से प्रयास होगा की अधिक से अधिक पीपल और बरगद, नीम व जामुन आदि का पौधारोपण किया जाये|

नोट-जेएनआई के अभियान से जुड़े और पीपल या आक्सीजन देंनें वाले पौधे का रोपण करते फोटो भेजें हम आपकी फोटो के साथ खबर प्रकाशित करेंगे| (7355278516 या 91 99354 62960 पर व्हाट्सएप करें फोटो)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments