ग्रामीणों नें एसपी को बतायी गुजरपुर पमारान बूथ कैप्चरिंग की घटना

FARRUKHABAD NEWS POLICE जिला प्रशासन सामाजिक

फर्रुखाबाद:(अमृतपुर/राजेपुर संवाददाता) जिला पंचायत का चुनाव कुछ ही दिनों में होनें वाला है| जिसको शान्ति व्यवस्था साथ सम्पन्न करानें के लिए पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा पूरा जोर लगा रहें है| लेकिन सुरक्षा के लाख दावों के बाद भी ग्रामीणों के भीतर से पिछले चुनाव में हुई बूथ कैप्चरिंग और फायरिंग का भय फिर से जीवंत हो गया है| उन्होंने एसपी से पुन: पोलिंग डंप करनें का खतरा बताया| जिस पर एसपी नें ग्रामीणों को पूर्ण सुरक्षा और शांति व्यवस्था कायम करनें के भरोसे के साथ अराजक तत्वों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिये|
पुलिस अधीक्षक नें भारी दल-बल के साथ अतिसंवेदनशील प्लस पोलिंग कुम्हरौर का सीओ अजेय शर्मा  के साथ निरीक्षण किया| इसके साथ ही एसपी गुजरपुर पमारान पंहुचे| उन्होंने बूथ का जायजा लिया| एसपी से पूर्व प्रधान अरविन्द नें कहा कि बीते वर्ष एक सपा नेता चुनाव लड़े थे| उनके ही लोगों नें गुजरपुर पमारान में पोलिंग बूथ में घुसकर उसे डंप किया था|  दर्जनों लोगों पर केस भी हुआ था लेकिन पुलिस नें आज तक गिरफ्तार नही किया| इतना सुनते ही एसपी का पारा चढ़ गया उन्होंने थानाध्यक्ष को कड़ी फटकार लगा दी और पोलिंग बूथ कैप्चरिंग करनें वालों पर जिलाबदर व रासुका की कार्यवाही करें|
दो दिनों में जमा हो सभी लाइसेंसी हथियार नही तो लाइसेंस होगा निरस्त
पुलिस अधीक्षक नें थानाध्यक्ष जसबंत सिंह से सख्त लहजे में कहा कि हर कीमत पर दो दिनों के भीतर सभी लाइसेंसी
हथियार जमा हों| जो जमा नही होगे उनके लाइसेंस निरस्त किये जायेंगे|
बूथ पर या रास्ते में किसी मतदाता को धमकाया तो होगी जेल
थाना राजेपुर के ग्राम वीरपुर हरियरपुर पूर्व माध्यमिक विद्यालय में उन्होंने पंहुचकर ग्रामीणों से वार्ता की| एसपी नें कहा कि इस बार यदि किसी नें विवाद किया तो कार्यवाही कड़ी की जायेगी| सीएम होगी के निर्देश पर हर कीमत पर शांति व्यवस्था को कायम करके रखना है| बूथ पर मोबाइल नहीं जाएगा| उन्होंने ग्राम भुड़ीया भेड़ा में भी बूथ चेक किया जहाँ बीते 2015 में विवाद हुआ था|
गुजरपुर पमारान बूथ कैप्चरिंग की घटना एक नजर में
बीते 13 अक्टूबर 2015 की घटना है| सपा की सरकार थी वहीं जिले में अलग से एक नेता की सरकार चलती थी| जिसकी दम पर घटना को अंजाम दिया गया और पुलिस और अधिकारी मूक बने थे और आज भी बने है! अब समझे राजेपुर ब्लाक के गुजरपुर पमारान में बूथ लूटने की घटना ने तत्कालीन जिला प्रशासन की साख पर बट्टा लगा था| क्योंकि जब बूथ लूट रहा था जिले के डीएम-एसपी और स्वाट टीम का दस्ता राजेपुर के अमृतपुर थाने में ही मौजूद था| उस समय जिले के अधिकांश पत्रकार राजेपुर मध्य में वीरपुर हंगामे का कवरेज कर रहे थे और गुजरपुर में बूथ लूटने की सूचना पर तुरंत पहुंचे थे|  मगर वहां जिले का कोई बड़ा अफसर नहीं था जबकि मौके पर फायरिंग हो रही थी| सवाल सोचने पर मजबूर करने वाला है कि क्या जनता ने जिले के बड़े अफसरों को फोन करने से पहले पत्रकारों को फोन किया या फिर अफसरों ने फोन पर मिली सूचना को तबज्जो नहीं दी| दबंगों ने बूथ लूटा उसके बाद बैलेट फाड़े और मतपेटियो में अंगूठा लगाकर भर दिये| चारों तरफ से गोलियों की आबाज आ रही थी| पुलिस पर भी फायरिंग की गयी| जान जोखिम में डालकर आरोपियों के फायरिंग करती हुई तस्वीरें प्रकाशित की गयी| लेकिन सत्ता के बजन के नीचे सारे नियम कानून दब गये| उत्तर प्रदेश में ऐसे वाकये चुनावो में पहली बार नहीं हो रहे मगर अब दौर ई-मीडिया का है लिहाजा मामलो को छिपाना मुश्किल जरूर था| कुछ ही देर में खबर जेएनआई पर तैयार गयी| सत्ता के दबाब में बाद में औपचारिकता के रूप में गुजरपुर मतदान केंद्र पर हुई बूथ कैप्चरिंग की घटना के बाद तत्कालीन पीठासीन अधिकारी नरेंद्र राजपूत ने 200 अज्ञात लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था| पुलिस ने आरोपियों पर 147/148/149/332/353/336/504/307/394 आईपीसी और 7 क्रिमिनल एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है| पुलिस पर फायरिंग का मामला शासन तक पंहुचा| पुलिस आज तक उसमे से एक भी आरोपी को गिरफ्तार करनें की जहमत नही उठा पायी|
पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा नें जेएनआई को बताया कि चुनाव में अराजकता फैलानें वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश दिये गये है|  जिन लोगो नें पिछले चुनाव में अराजकता फैलाई उनके खिलाफ भी पुलिस सख्त एक्शन लेगी| चुनाव शान्तिपूर्ण करानें को पुलिस संकल्पित है|