लखनऊ: उत्त प्रदेश में शुक्रवार को त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई है। इसी के साथ राज्य निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता भी लागू कर दी है। अधिसूचना जारी होने के बाद निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले, नियुक्ति, प्रोन्नति नहीं हो सकेंगे। अपरिहार्य परिस्थितियों में ऐसा राज्य निर्वाचन आयोग की पूर्वानुमति के बाद ही किया जा सकेगा।
चुनाव की अवधि में पंचायतों से संबंधित सरकारी व अर्द्धसरकारी विभागों और संस्थाओं व सार्वजनिक उपक्रमों की ओर से किसी भी नई योजना-परियोजना या कार्यक्रम की न तो घोषणा की जाएगी और न ऐसे कार्य प्रारंभ किये जाएंगे। इस बारे में कोई वित्तीय स्वीकृति या धनराशि जारी नहीं की जाएगी। चालू परियोजनाओं के जो काम चल रहे हैं और जिनके लिए धनराशि जारी की जा चुकी है, वे जारी रहेंगे। चालू परियोजनाओं के लिए नई वित्तीय स्वीकृति नहीं दी जाएगी। चुनाव के दौरान निर्वाचन क्षेत्र में नये निर्माण कार्य या किसी परियोजना का शिलान्यास या उद्घाटन नहीं किया जाएगा।
सरकारी दौरों को चुनाव प्रचार से नहीं जोड़ेंगे मंत्री : चुनाव के दौरान सरकार के मंत्री सरकारी दौरों को चुनाव प्रचार कार्य से नहीं जोड़ेंगे। न ही सरकारी तंत्र या कर्मचारियों का उपयोग कर सकेंगे। सत्ताधारी दल और उससे जुड़े प्रत्याशी व इलेक्शन एजेंट किसी भी सार्वजनिक उपक्रम, सरकारी या अर्द्धसरकारी विभाग के निरीक्षण गृह, डाक बंगला या अन्य किसी विश्राम गृह का प्रयोग चुनाव प्रचार या चुनाव कार्यालय के लिए नहीं करेंगे। केंद्र और राज्य सरकार के मंत्री किसी मतदान केंद्र पर वोटर होने के अलावा अन्य किसी हैसियत से प्रवेश नहीं कर सकेंगे।
रात 10 से सुबह छह बजे तक लाउडस्पीकर का प्रयोग प्रतिबंधित : उम्मीदवार और उनके इलेक्शन एजेंट चुनाव प्रचार के लिए तय सीमा से ज्यादा खर्च नहीं कर सकेंगे। चुनाव प्रचार में वाहनों और लाउडस्पीकर व साउंड बॉक्स के इस्तेमाल के लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेना जरूरी होगा। रात 10 से सुबह छह बजे तक लाउडस्पीकर व साउंड बॉक्स का प्रयोग प्रतिबंधित रहेगा और स्थायी तौर पर इन्हें स्थापित नहीं किया जाएगा। मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर व गुरुद्वारा आदि पूजा स्थलों का इस्तेमाल चुनाव प्रचार व निर्वाचन से जुड़े कार्यों के लिए नहीं किया जाएगा। चुनाव प्रचार के लिए किसी व्यक्ति की भूमि, भवन, अहाते या दीवार का इस्तेमाल उसकी अनुमति के बिना नहीं किया जाएगा। सरकारी व सार्वजनिक स्थलों, भवनों या परिसर का इस्तेमाल प्रचार के लिए विज्ञापन, वॉल राइटिंग, कटआउट, होर्डिंग व बैनर आदि लगाने के लिए नहीं किया जाएगा।
सभाएं व जुलूस प्रशासन की पूर्व अनुमति से : उम्मीदवार और उनके चुनाव एजेंट जिला प्रशासन से पूर्व अनुमति लेकर ही सभा, रैली या जुलूस का आयोजन कर सकेंगे। इनका आयोजन इस तरह से किया जाएगा, जिससे यातायात में बाधा न हो। जुलूस, सभाओं व रैलियों में जिला प्रशासन की ओर से दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 लागू रहेगी, जिसके तहत प्रतिबंधित असलहे, लाठी-डंडे, ईंट-पत्थर आदि लेकर चलना प्रतिबंधित होगा।
मतदताओं को सादे कागज पर मिलेंगी पहचान पर्चियां : मतदान के दिन प्रत्याशी और उनके इलेक्शन एजेंट वोटरों को मतदान केंद्र तक लाने या वापस ले जाने के लिए वाहन उपलब्ध नहीं कराएंगे। वोट डालने के लिए मतदाता अपने निजी वाहन को मतदान केंद्र से 100 मीटर की दूरी तक ही ले जा सकेंगे। मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे के अंदर चुनाव प्रचार करना और वोट मांगना प्रतिबंधित होगा। मतदाताओं को पहचान पर्चियां सादे कागज पर दी जाएंगी और उन पर कोई प्रतीक या उम्मीदवार का नाम नहीं होगा। मतदान केंद्र के अंदर राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अधिकृत व्यक्ति, प्रेक्षक, चुनाव ड्यूटी में लगे मजिस्ट्रेट व कार्मिक, प्रत्याशी व उनके इलेक्शन और पोलिंग एजेंट तथा मतदाताओं के अलावा कोई अन्य व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकेगा।