Sunday, January 12, 2025
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जबरन सेवानिवृत करनें पर आईपीएस अभिताभ ठाकुर ने सरकार को लिखा खत, किया सार्वजनिक

लखनऊ: गृह मंत्रालय ने आइपीएस आधिकारी अमिताभ ठाकुर, राकेश शंकर और राजेश कृष्णा को समय से पूर्व अनिवार्य रूप से सेवानिवृत करने का आदेश दिया है। मंगलवार को जारी इस आदेश के बाद बुधवार को अमिताभ ठाकुर ने सरकार को लिखे पत्र के कुछ अंश इंटरनेट मीडिया पर सार्वजनिक किए हैं। उन्होंने यह पत्र चार दिसंबर, 2019 को लिखा था। अमिताभ ठाकुर ने ट्वीट कर कहा है कि जबरिया सेवानिवृति के संबंध में सरकार को लिखा उनका पत्र आज अत्यंत प्रासंगिक दिखता है।
पत्र में अमिताभ ने लिखा था कि उन्हें विश्वस्त सूत्रों से बताया गया है कि उनके कथित रूप से असुविधाजनक तथा अप्रिय होने, ‘मुकदमेबाज’ होने, आपराधिक वाद दायर करने अथवा प्रशासनिक कार्रवाई करने की मांग करने के कारण उन्हें अत्यंत उच्चस्तरीय दवाब में अनिवार्य सेवानिवृति देकर नौकरी से अलग करने के उच्चस्तरीय मौखिक निर्देश हुए हैं, जिसका शीघ्र क्रियान्वयन होगा।
उन्होंने पत्र में कहा था कि यदि ऐसा हुआ तो यह घोर अन्यायपरक और मनमाना होगा, जिसका उद्देश्य प्रशासनिक व्यवस्था में अवांछित कर्मी को अलग करना नहीं बल्कि इस प्रावधान का गलत प्रयोग करते हुए व्यवस्था में ताकतवर स्थानों पर बैठे तमाम व्यक्तियों के लिए असुविधाजनक तथा अप्रिय व्यक्ति को व्यवस्था से अलग करना होगा, जो अनुचित उद्देश्य से संचालित होगा।
अमिताभ ने कहा था कि वे किसी भी प्रकार से अवांछित कर्मी नहीं हैं, बल्कि यह संभव है कि वे व्यवस्था में बैठे ताकतवर लोगों के लिए असुविधाजनक तथा अप्रिय हों। उन्होंने अपने ऊपर फर्जी ढंग से विभागीय कार्रवाई शुरू करने और उन्हें लम्बे समय तक जानबूझ कर लंबित रखे जाने की बात भी कही थी।
बता दें कि दागी व कामचोर अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की दिशा में सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश कैडर के आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर, राकेश शंकर व राजेश कृष्णा को उनका सेवाकाल पूरा होने से पूर्व ही अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई है। गृह मंत्रालय ने तीनों आइपीएस अधिकारियों को लोकहित में सेवाकाल पूरा होने से पहले अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने का निर्णय किया है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने तीनों अधिकारियों के विरुद्ध किए गए निर्णय का आदेश जारी कर दिया है। यह पहला मौका है जब उत्तर प्रदेश में एक साथ तीन आइपीएस अधिकारियों के विरुद्ध ऐसी कार्रवाई की गई है।

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