लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अब जिन वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) नहीं लगी होगी, उनके आरटीओ से जुड़े काम भी नहीं हो पाएंगे। यानी ऐसे वाहनों का स्थानांतरण, पता परिवर्तन और फिटनेस प्रमाण पत्र आदि नहीं मिल पाएंगे। नियम न मानने वाले आरटीओ व एआरटीओ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एचएसआरपी लगाए जाने के बाद ई-चालान प्रमाणिक तौर पर किया जाना संभव भी हो सकेगा।
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव राजेश कुमार सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। उन्होंने परिवहन आयुक्त को भेजे आदेश में कहा है कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को अनिवार्य कर दिया गया है। परिवहन विभाग द्वारा अंतर विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए सड़क सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कई कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। इसी के तहत एचएसआरपी लगाया जाना एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। इसके लगाने से कई फायदे भी हैं।
प्रमुख सचिव ने कहा है कि एचएसआरपी लगाए जाने के बाद ई-चालान प्रमाणिक तौर पर किया जाना संभव होगा। उन्होंने कहा कि किसी भी मोटरयान को फिटनेस प्रमाण पत्र तभी दिया जाए, जब उसमें एचएसआरपी लगी हो। निजी, कॉमर्शियल वाहन के अलावा सभी प्रकार के वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अनिवार्य कर दिया गया है। अब बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के स्थानांतरण, पता परिवर्तन, इंश्योरेंस, फिटनेश प्रमाण पत्र के अलावा सभी कार्यों पर रोक लगा दी गई। कार्य कराने से पहले वाहन पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाना जरूरी होगा।
नंबर प्लेट बुकिंग की पर्ची भी होगी मान्य : उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि एचएसआरपी की ऑनलाइन बुकिंग कर जो रसीद मिलती है उसे भी आरटीओ में काम कराने के लिए मान्य कर दिया गया है। यानी रसीद दिखाकर आरटीओ से जुड़े काम हो सकेंगे। ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि एचएसआरपी बुकिंग के बाद वाहन स्वामी को प्लेट लगवाने के लिए 10 से 15 दिन बाद का समय मिलता है। प्रमुख सचिव ने बताया कि नंबर प्लेट की बुकिंग होने पर यह मान लिया जाएगा कि भविष्य में एचएसआरपी वाहन पर लग जाएगी।
एआरटीओ में अब हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के बगैर नही होगा काम
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