इस गणतंत्र दिवस पर सेन्ट्रल जेल के तीन बंदियों को सलाखों से मिली आजादी

FARRUKHABAD NEWS JAIL जिला प्रशासन

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) बीते गणतंत्र दिवस पर शासन के निर्देश पर सेन्ट्रल जेल से दो बार में तीन बंदियों को सलाखों से आजादी मिली|
दरअसल गणतंत्र दिवस पर बंदियाें की रिहाई की अनुमति में जेल में रहने के दौरान बंदियों का आचरण सबसे महत्वपूर्ण होता है। आचरण के साथ ही तीन श्रेणियों में आने वाले बंदियों की रिहाई पर शासन विचार करता है। इनमें पहला है, जिन बंदियों की उम्र 80 साल या उससे अधिक होती है और उसने दस वर्ष की सजा पूर्ण कर ली है। दूसरा जिस बंदी की उम्र 70 साल या उससे अधिक हो और उसने 12 साल की सजा काट ली हो। तीसरा जिस बंदी ने 16 साल की अपरिहार्य सजा काट ली हो, इसमें उम्र की बाध्यता नहीं होती। इन तीनों श्रेणियों के साथ बेहतर आचरण वाले बंदियों की रिहाई पर ही विचार होता है। इसी के तहत सेन्ट्रल जेल से भी प्रस्ताव शासन को गया था| जिसके बाद शासन के आदेश पर कानपुर काकादेव विजय नगर टीन रोड निवासी राजू उर्फ राजेश भाटिया पुत्र तिलकराज, एटा के पटियाली नगला सहजन निवासी लटूरी सिंह पुत्र नत्थू सिंह व कानपुर नगर के ककवन कसिगवां निवासी रामसेवक पुत्र मुंशीलाल को सेंट्रल जेल से रिहाई मिली है|
सेन्ट्रल जेल अधीक्षक प्रमोद शुक्ला नें जेएनआई को बताया कि तीन बंदियों को अभी फिलाहल रिहाई मिली है| अन्य का आदेश आने पर रिहाई होगी|
जाँच टीम नें पाकशाला में देखी रोटी बनाने की मशीन
बीते दिनों सेन्ट्रल जेल में बंदियों की रोटी बनाने के लिए आई मशीन नें भोजन बनाने की व्यवस्था को सरल कर दिया| जेल की पाकशाला में मशीन से रोटी बनानें की व्यवस्था चल रही है| जिसकी परख करने के लिए जाँच टीम नें डेरा डाल कर जेल के पाकशाला में लगी मशीन को परखा|