लखनऊ: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बीते वर्ष लॉकडाउन के कारण बंद स्कूलों में अब छोटे बच्चे भी पढ़ाई करने जाएंगे। बेसिक शिक्षा विभाग ने कक्षा छह से आठ तक के स्कूलों को 10 फरवरी और प्राइमरी स्कूलों को एक मार्च से खोलने के बारे में शासनादेश भी जारी कर दिया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 मार्च 2019 से घरों में रहकर पढ़ाई कर रहे कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को दस फरवरी से स्कूल जाकर पढऩे के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है। इसी क्रम में प्राइमरी से कक्षा पांच तक के बच्चे एक मार्च से स्कूल जाकर पढ़ाई कर सकेंगे। इस दौरान स्कूल प्रबंधन के साथ बच्चों को भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। प्रदेश में कोरोना वायरस के कम होते प्रभाव तथा वैक्सीन आने के बाद से अभी तक कक्षा नौ से 12 तक के विद्यार्थी स्कूल में जाकर पढ़ाई कर रहे हैं। हाईस्कूल तथा इंटर की पढ़ाई की तैयारी के कारण बच्चे एक दिसंबर के बाद से स्कूलों में जाकर अपना कोर्स पूरा करने के साथ ही प्री-बोर्ड की परीक्षा भी दे रहे हैं। इनके बाद अब कक्षा छह से आठ तक की पढ़ाई करने वाले बच्चों को स्कूल भेजने की योजना एक फरवरी से तैयार की जा रही थी। तीन फरवरी को सीएम योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक में भी टीम-11 को दस दिनों में कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को स्कूल में पढ़ाई के लिए बुलाने का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया था।
इसी क्रम में बेसिक शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री के समक्ष दस फरवरी से कक्षा छह से लेकर कक्षा आठ तक के बच्चों को स्कूल में शिक्षा देने का प्रस्ताव पेश किया। इसको मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद अब प्रदेश में दस फरवरी से कक्षा छह से आठ तक के स्कूल खोले जाएंगे। वही कक्षा एक से पांच तक के प्राइमरी स्कूल एक मार्च से खुलेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग ने कक्षा छह से आठ तक के स्कूलों को 15 फरवरी और प्राइमरी स्कूलों को एक मार्च से खोलने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के लिए भेजा था। मुख्यमंत्री ने कक्षा छह से आठ तक के स्कूलों को 10 फरवरी से खोलने का निर्देश दिया है। प्राइमरी स्कूल एक मार्च से खुलेंगे। अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार ने यह जानकारी दी|
कोरोना संक्रमण के 11 महीने बाद एक बार फिर से प्रदेश भर के स्कूल छात्रों से गुलजार होने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के उच्च प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा के सभी स्कूल/कॉलेज व विश्वविद्यालय नियमित रूप से10 फरवरी से खोले जाने निर्देश दिए हैं। इसके अलावा कक्षा एक से पांच तक के विद्यालय एक मार्च से खोलने के निर्देश जारी किए है। सीएम ने कोरोना काल के पूर्व की तरह जैसे विद्यालय संचालित किए जाते थे, वैसे ही विद्यालय संचालित किए जाने और पठन-पाठन शुरू करने के निर्देश दिए हैं। स्कूल प्रशासन को मास्क, थर्मल स्कैनर, स्वच्छता व छात्रों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग विशेष ध्यान देने की हिदायत दी है। लॉकडाउन के बाद पिछले साल अप्रैल से बंद चल रहे है स्कूलों के परिसर एक बार फिर से बच्चों की हंसी, खेलकूद एवं पठन-पाठन की रौनक दिखाई देगी। खासकर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में एक मार्च से कक्षाओं का संचालन शुरू हो जाएगा। स्कूल व डिग्री कॉलेज के शैक्षिक सत्र को पटरी पर लाने के लिए मुख्यमंत्री ने नियमित रूप से शिक्षण संस्थाएं खोलने के निर्देश दिए हैं। वहीं, पिछले 11 महीने से ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे छात्र अब कक्षा में गुरूजी से रूबरू होकर सवाल कर सकेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कक्षा 6 से आठ तक के उच्च प्राथमिक, माध्यमिक व डिग्री कॉलेजों को 10 से पूर्व की तरह संचालित किए जाने के निर्देश दे दिए हैं।
स्कूलों का हो गया कायाकल्प: बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्रदेश के 1.5 लाख से अधिक प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 1 करोड़ 83 लाख से अधिक बच्चें पढ़ते हैं। 11 महीने बाद एक मार्च को जब प्राथमिक विद्यालय के छात्र अपने स्कूल पहुंचेंगे तो उनको बहुत कुछ बदला हुआ नजर आएगा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कोरोना संक्रमण के दौरान प्रदेश के हजारों स्कूलों का कायाकल्प किया जा चुका है।
लाइब्रेरी के साथ मिलेंगे स्मार्ट क्लासेज: मुख्यमंत्री के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित 80 प्रतिशत से अधिक प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों का कायाकल्प किया जा चुका है। इसमें स्कूल में रंगाई पुताई के साथ वॉल पेटिंग, छात्रों के लिए मल्टीपल हैंडवॉश व शौचालय बनाए गए है। वहीं, छात्रों से जुड़ी शिक्षण सामग्री स्कूलों में पहुंच चुकी है। इसके अलावा छात्रों को बेहतर शिक्षा देने के लिए स्कूलों में एक से दो कक्षाओं को स्मार्ट क्लास के रूप में डेवलप किया जा रहा है। अकेले लखनऊ के 1642 स्कूलों से करीब 100 स्कूल में स्मार्ट क्लासेज संचालित होंगी। बीएसए लखनऊ दिनेश कुमार के मुताबिक छात्र जब स्कूल पहुंचेंगे तो उनको बहुत कुछ बदला हुआ दिखाई देगा|
सहज पुस्तक पढ़ेंगे बच्चे: बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से कक्षा एक से तीन के छात्रों को सहज पुस्तक भी उपलब्ध कराई जाएगी। सहज पुस्तक में चित्र युक्त कहानियां मौजूद है। इससे छात्रों में पढ़ने की प्रवृति डेवलप होगी। बीएसए दिनेश कुमार ने बताया कि स्कूलों में सहज पुस्तकें पहुंच चुकी हैं।