फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) कोरोना संक्रमण-कोहरे और मौसम की मार भी आस्था के कदम न रोक सकी मकर संक्रांति पर गुरुवार को गंगा नदी में हजारों लोगों ने स्नान कर पूजन-दान कर पारंपरिक रूप से चूड़ा-दही, तिलवा-तिलकुट, लाई, घीवर आदि का ग्रहण किया। पर्व को लेकर स्थानीय विभिन्न गंगा घाटों पर लोग स्नान के लिए उमड़ पड़े। स्नान-ध्यान के बाद आसपास स्थित मंदिरों में पूजन किया। वहीं तिल-गुड़ का दान कर पुण्य कमाया। कुछ लोगों ने इस मौके पर गरीबों में वस्त्रदान भी किया। उधर, मकर संक्रांति को लेकर बाजारों में चहल पहल रही। दही, घीवर, तिलवा-मस्का-तिलकुट की दुकानों पर खासी भीड़ रही। मकर संक्रांति को लेकर दही के भाव और दिनों की अपेक्षा तेज रहे। आम दिन में सौ रुपया किलो बिकने वाला दही 120 रुपया किलो तक बिका। वहीं सब्जियों के भाव में भी आज तेजी रही।
शहर के पांचाल घाट गंगा तट पर भी श्रद्धालु गंगा में आस्था की दुबकी लगाने पंहुचे| कड़ाके की ठिठुरन भरी ठंड उनके हौसले को ठंडा नही कर सकी| और उन्होंने गंगा में दुबकी लगाकर धर्मिक अनुष्ठान पूर्ण किये| इस दौरान हर गंगा घाट हर-हर गंगे और जय मां गंगे के जय घोष से गुंजायमान रहे, हर किसी का एकमात्र उद्देश्य मकर संक्रांति के पुण्य काल में पतित पावनी गंगा में डुबकी लगा, दान-पुण्य कर पुण्य अर्जित करना था। स्नान के दौरान कोविड-19 गाइड लाइन के पालन को लेकर प्रशासनिक दावों के पालन को लेकर कहीं सख्ती नजर नहीं आयी। नतीजतन, श्रृद्धालु शारीरिक दूरी और मास्क लगाने की अनिवार्यता का पालन करते नहीं दिखे।