Monday, December 23, 2024
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बोर्ड परीक्षा से पहले यूपी में पंचायत चुनाव करानें की तैयारी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने यूपी बोर्ड परीक्षा से पहले ही गांव की सरकार यानी पंचायत के चुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि सरकार ग्राम पंचायत के चुनाव कराने के बाद मार्च के अंत में ही बोर्ड की परीक्षा का आयोजन करेगी। इसको लेकर 14 जनवरी को प्रदेश के डिप्टी सीएम तथा माध्यमिक व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने एक बैठक भी करेंगे। उसमें बोर्ड की परीक्षा की तारीख तय की जाएगी।
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव का यूपी बोर्ड की परीक्षा से पहले होना तय माना जा रहा है। प्रदेश में यूपी बोर्ड परीक्षा पंचायत चुनाव के बाद होंगी। पंचायत चुनाव के कारण ही अभी तक बोर्ड परीक्षा की तिथि तय नहीं की गई है। इस बार प्रदेश में ग्राम प्रधान के साथ ही ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य और जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव एक साथ होंगे। आरक्षण का फार्मूला जल्द तय हो जाएगा। वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया फरवरी तक पूर्ण कर ली जाएगी।  प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी जोरों पर है। पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि 15 फरवरी तक नोटिफिकेशन आ जाएगा। 15 मार्च से 30 के बीच त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होगा। उन्होंने कहा कि ग्राम सभाओं के पुनर्गठन का कार्य पूरा हो चुका है। प्रदेश में सभी वार्डों का परिसीमन जारी है। चार जिले मुरादाबाद, गोंडा तथा संभल के साथ गौतमबुद्धनगर का पूर्ण परिसीमन हो रहा है। बाकी जिलों का आंशिक परिसीमन का कार्य जारी है।
पंचायती राज मंत्री ने कहा कि 14 जनवरी तक परिसीमन का कार्य पूरा हो जाएगा। इसके बाद आरक्षण का काम पूरा किया जाएगा। प्रदेश में अभी तक ग्राम पंचायत सीटों पर आरक्षण निर्धारण जनपद मुख्यालय स्तर पर होता था, मगर इस बार ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा, बीडीसी, प्रधान व जिला पंचायत सदस्यों की सीटों पर आरक्षण की ऑनलाइन व्यवस्था लखनऊ से तय होगी। पंचायतों में आरक्षण लागू करने के लिए राजस्व ग्रामों की जनसंख्या का आकलन किया जाएगा। पांच साल पहले चुनाव के समय ग्राम पंचायत की क्या स्थिति थी। वर्तमान में क्या स्थिति है, उसी आधार पर तय होगा कि उस ग्राम पंचायत की सीट किस प्रत्याशी के लिए आरक्षित होगी।
अब प्रदेश के डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा 14 जनवरी को माध्यमिक शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक में बोर्ड परीक्षा की तारीख तय करेंगे। प्रदेश में हर चुनाव में शिक्षकों की ड्यूटी अनिवार्य रूप से लगाई जाती है, अब पंचायत चुनाव को लेकर शिक्षकों की ड्यूटी को ध्यान में रखकर बोर्ड परीक्षा के कार्यक्रम पर मुहर लगेगी।उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाई स्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा 2021 पंचायत चुनाव के बाद आयोजित की जाएगी। इससे तय हो गया है कि पंचायत के चुनाव फरवरी से होंगे। माना जा रहा है कि चार या पांच चरण में होने वाले पंचायत चुनाव में शिक्षकों को भी ड्यूटी में लगाया जाएगा। इसी कारण अब यूपी बोर्ड की परीक्षा मार्च में आयोजित कराने का कार्यक्रम बन रहा है।
यूपी बोर्ड की परीक्षा के कार्यक्रम को लेकर उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में 14 जनवरी को होने वाली बैठक में निर्णय लिया जाएगा। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि शिक्षकों का पंचायत चुनाव और बोर्ड परीक्षा में एक साथ ड्यूटी करना संभव नहीं होगा। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि बोर्ड परीक्षा के लिए पंचायत चुनाव के प्रस्तावित कार्यक्रम का इंतजार किया जा रहा है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित विद्यालय परीक्षा केंद्र भी हैं उन्हें पंचायत चुनाव के लिए मतदान केंद्र भी बनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त शिक्षकों की चुनाव में भी ड्यूटी लगाई जाएगी और परीक्षा में भी। उन्होंने कहा कि परीक्षा पंचायत चुनाव के बाद कराने की योजना है।
25 दिसंबर को समाप्त हो गया प्रधानों का कार्यकाल : प्रदेश में ग्राम सभा के प्रधानों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो गया है। कोविड-19 के चलते प्रदेश में पंचायत चुनाव समय से नहीं हो पाए हैं। ग्राम पंचायतों में 26 दिसंबर से विकास खंडों के सहायक विकास अधिकारियों (एडीओ पंचायत) को प्रशासक नियुक्त कर दिया गया। सभी जगह जिला पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा होने पर जिलाधिकारी और क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष (ब्लाक प्रमुख) का कार्यकाल पूरा होने पर उप जिलाधिकारी (एसडीएम) को प्रशासक तैनात किया जाएगा। शासन ने पंचायत चुनावों को कराने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारी कर ली है। प्रदेश में पिछली बार ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्य के चुनाव एक साथ हुए थे।
क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्य के चुनाव अलग से हुए थे। इस बार समय बचाने के लिए चारों पदों के चुनाव एक साथ कराने की तैयारी है। एक मतदाता को इस बार चार बैलेट पेपर पर मुहर लगानी होगी। मतदाताओं की सुविधा के लिए प्रत्येक पोलिंग स्टेशन पर ग्राम प्रधान-ग्राम पंचायत सदस्य और बीडीसी-जिला पंचायत सदस्य के लिए अलग-अलग बूथ बनाए जाएंगे। यानी, प्रत्येक बूथ में वोटर को दो बैलेट पेपर देकर भेजा जाएगा।

 

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