Monday, December 23, 2024
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सूर्यदेव भी नहीं तोड़ सके ठंड का गुरूर, ठिठुरन और बढ़ी

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) दिनों से पछुआ हवा के झोंकों ने अचानक जिले का पारा कम कर दिया है। हाड़ कंपा देने वाली ठंड की वजह से आमजन बेहाल है। सबसे बुरा हाल उन गरीबों का है जिनके पास इस ठंड से जूझने के लिए न तो तन पर गर्म कपड़े हैं और न ही सिर पर छत। निरंतर ठंड से पीड़ित मरीजों की तादाद अस्पताल में बढ़ रही है।मौसम के करवट लेने के साथ ही शीतलहर से ठिठुरन बढ़ गई। दिन में सूर्यदेव भी ठंड का गुरूर नहीं तोड़ सके। ठंडी हवाओं के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। न्यूनतम तापमान शाम चार बजे 17 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। वहीं ठंड बढ़ने के साथ बाजार में गर्म कपड़ों की बिक्री में इजाफा हुआ।
गुरुवार की सुबह कोहरा न होने के कारण वाहनों के आवागमन में कोई परेशानी नहीं रही। बादल छाए रहने से लोगों को कड़ाके की ठंड का एहसास हुआ। दिन में थोड़ी देर के लिए सूर्यदेव ने दर्शन दिए लेकिन ठंड के आगे धूप की गर्मी बेअसर रही। दोपहर बाद से एकाएक ठंड का प्रकोप फिर बढ़ गया। शाम होते ही ठंडी हवाओं ने ठिठुरन बढ़ा दी।
ठंड से निजात पाने के लिए राहगीरों नें अलाव का सहारा लिया| मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है। मौसम में ठंडक बढ़ने से नजला-जुकाम का प्रकोप भी बढ़ा है। ठंड ने उन दुकानदारों के चेहरों पर रौनक ला दी है, जिन्होंने गर्म कपड़ों का स्टाक लगा दिया था। रूई के भाव भी सर्दी बढ़ने के साथ ही बढ़ गए हैं। ठंड ने गरीब आदमी के सामने परेशानी खड़ी करनी शुरू कर दी है। विशेष रूप से रात में बढ़ी ठंड ने उन्हें ज्यादा परेशान कर दिया है। पिछले दो दिन में ही तापमान काफी घट गया है। पारा थोड़ा और गिरा तो गरीब-असहाय लोगों का जीना मुश्किल हो जाएगा। धूप न निकलने व ठंडी हवाओं के कारण परेशानी बढ़ गई है।
कई दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड ने आमजन को ही नहीं बल्कि पशुओं को को भी बेहाल कर दिया है। ठंड के असर से उन्हें बचाने के लिए पशुपालक अब पशुओं को बंद कमरों में पराल पाती डालकर रहे हैं, साथ ही अलाव जलाकर उन्हें आग की तपिश दी जा रही है।

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