फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) मेजर पिता ने घर के भीतर अपने बेटे से ही अपने अधिकार की जंग जीत ली है| कोर्ट नें ऐतिहासिक फैसला दिया है| जो अन्य बुजुर्गो के लिए नजीर साबित होगा|
उपजिलाधिकारी सदर व अध्यक्ष भरण पोषण अधिकरण अनिल कुमार नें माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण अधिनियम के तहत एक अहम फैसला सुनाया| दरअसल दुर्गा कालोनी फतेहगढ़ निवासी सूबेदार मेजर 75 वर्षीय राजकुमार चौहान व उनकी पत्नी सरोजा देवी नें कोर्ट में अधिवक्ता दीपक द्विवेदी के द्वारा वाद दायर किया| जिसमे उन्होंने कोर्ट को अवगत कराया कि उनके संताने है| दो पुत्र और तीन पुत्री है| सभी के विवाह हो चुके है| बंदूक का लाइसेंस अपने पुत्र रामवीर चौंहान के नाम कर दिया| मकान का बैनामा भी रामवीर और उसकी पत्नी अंशु राठौर नें अपने नाम करा लिया| एक कार भी बेटे रामवीर को दी|
लेकिन सब सम्पति लेने के बाद आरोपी बेटा रामवीर और उसकी पत्नी अंशु आर्थिक और शारीरक शोषण करने लगे| कमरे से निकला तक दूभर कर दिया| कोर्ट नें मेजर पिता की गुहार पर सुनवाई की| बुधवार को कोर्ट नें फैसला किया कि पुत्र रामवीर पिता राजकुमार और माँ सरोजा देवी को जबरन घर से बाहर नही निकालेंगे| उनके साथ शांतिपूर्ण व्यवहार करेंगे| यदि उत्पीडन किया जाता है तो पुलिस थानाध्यक्ष कार्यवाही करेंगे|