Monday, December 23, 2024
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टॉप-10 अपराधी के पुलिस मुठभेड़ में लगी गोली, भागने में लकी निकला भीमा!

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) बीती देर रात पुलिस के साथ टॉप-10 अपराधी के साथ पुलिस के साथ मुठभेड़ हो गयी| पुलिस नें मुठभेड़ के दौरान उसके पैर में गोली लग गयी|उसका साथी शातिर भीमा मौके से फरार हो गया| घायल अपराधी को पुलिस नें लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया है| पुलिस नें उसे गिरफ्तार कर लिया|
शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला अंगूरीबाग निवासी लकी पाल पुत्र अनिल पाल मूल निवासी राजपुर अमृतपुर अपने साथ मोहल्ला श्यामनगर निवासी भीम उर्फ भीमा राजपूत पुत्र शिवराम के साथ जा रहा था| रात लगभग 2 बजे पुलिस को सूचना मिली तो स्वाट टीम और कोतवाली पुलिस नें उसकी ग्राम खानपुर और मढैया के मध्य घेरा बंदी कर दी| पुलिस के अनुसार पुलिस की घेराबंदी के दौरान ही उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी| जिसके बाद पुलिस नें भी मुठभेड़ की| लेकिन पुलिस की जबाबी फायरिंग में लकी पाल के पैर में गोली लगी| जबकि सुत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भीमा पुलिस को चकमा देनें के कामयाब हो गया|
पुलिस ने घायल लकी को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया| लकी शहर कोतवाली का टॉप-10 अपराधी है| और भीमा भी पुलिस के लिए बड़ा सिर दर्द है| सूत्रों की माने तो लकी खुद ही कोतवाली में बीती रात दो अधिवक्ताओं के साथ आत्मसमर्पण करने आया था| लेकिन पुलिस इस बात को गलत बता रही है|
दोस्त की हत्या के बाद लकी को लगा था रंगदारी का चस्का
एक समय पुलिस के लिए सिरदर्द रहे शातिर बदमाश कल्लू पाल के भतीजे लकी पाल परअपने ही दोस्त शिवम शंखवार की 9 अगस्त 2015 को हत्या के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था| उसके पास ही उसका अपराध की दुनिया में बड़ा हाथ हो गया| वह रंगदारी बसूलने का काम लोगों को धमका कर शुरू किया| जिसके बाद दिन-प्रतिदिन उसका अपराध करने की भूख बढती रही| लकी के चाचा हिस्ट्रीशीटर बदमाश कल्लू पाल ने घर के सामने 26 अगस्त 2014 को पुलिस नें उसको पकड़ने के लिए घेराबंदी की| घर के चारो तरफ खुद को पुलिस के चंगुल में फंसा देख कल्लू नें खुद को तमंचे से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी| उसके बाद से लकी का गंगादरवाजा औरअंगूरी बाग क्षेत्र में दबदबा बढ़ गया|
बाल सुधार गृह से साथी के साथ फरार होकर भीमा नें दिया था घटना को अंजाम
भीमा वर्षो से शातिर अपराधी है| पूर्व में वह छोटी मोटी चोरियां करता था| लेकिन वर्षों पहले तैनात रहे कुछ पुलिस कर्मियों के उसके ऊपर हाथ रखने उसके हौसले बढ़ गये और भीमा जुर्म और जरायम की दुनिया में एक चर्चित नाम बन गया| 21 नबम्वर 2012 को बंदूक चोरी के आरोप में बाल सुधार गृह जखा भेज दिया गया था। लेकिन उसकी आपराधिक हरकतों के चलते उसे जखा से इटावा के बाल सुधार गृह भेज दिया गया था। भीमा 13 अक्तूबर को बाल सुधार गृह से अपने साथी अजय जाटव पुत्र परशुराम निवासी नगला बरी हसायन जिला हाथरास के साथ फरार हो गया| जिसके बाद उसने शहर कोतवाली के नेहरु रोड स्थित प्रमोद वर्मा की सर्राफा दुकान का ताला तोड़ रहा था। इसी दौरान गश्ती पुलिस वहां जा पहुंची। पुलिस को देख कर दोनों चोरों ने भागने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने दोनों को दौड़ा कर पकड़ लिया।
वर्ष 2015 में भीमा पुलिस मुठभेड़ में हुआ था फरार
बीते 23 सितम्बर 2015 को भीमा की कोतवाली फतेहगढ़ क्षेत्र के कानपुर मार्ग याकूतगंज में स्वाट टीम से मुठभेड़ हुई| जिस पर भीमा पुलिस पर फायरिंग कर फरार हो गया था| जिसके बाद पुलिस ने 29 सितम्बर को 2015 को उसके तीन साथियों के साथ दबोचा था| इसके आलावा दर्जनों चोरी और अन्य वारदातों से पुलिस की फाइलें भीमा के नाम से भरी हुई है| लेकिन मजे की बात है कि पुलिस और एसओजी के अत्याधुनिक हथियार और पूरी तैयारी के आगे भीमा का तमंचा भारी पड़ा और वह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया|
सीओ सिटी मन्नी लाल गौड़ नें बताया कि मुठभेड़ में अपराधी लकी के पैर में गोली लगी है| उसकी गिरफ्तारी की गयी|  फरार भीमा की तलाश की जा रही है|

 

 

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