फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) बीमारी की मुसीबत कब किसे अपने गले में जकड़ ले यह कोई नही जानता| लेकिन यदि समय रहते उपचार मिल जाए तो अधिकांश लोगों की जान को बचाया जा सकता है| जादातर लोगों की मौत इसी वजह से हो जाती है कि उन्हें समय पर सही दवा उपलब्ध नही होती| लेकिन अब हजारों लोगों के घरों में वह फर्स्ट एड किट पंहुच गयी है जिसमे जीवन रक्षक दवाओं का तरकस है| तरकस में दवाओं रूप तीर रखे गये है जो हर बीमारी से लड़ने में सक्षम है|
दरअसल लोक अधिकार मंच के अध्यक्ष डॉ० अरविन्द लोगों की इसी जरूरत को पूरा करने एक लिए कई महीनों से वह और उनकी टीम एक ‘फर्स्ट एड किट’ (प्राथमिक चिकित्सा किट)का वितरण बिल्कुल मुफ्त में कर रहे है| जिससे लोगों को काफी राहत मिल रही है| किसी बीमारी के समय तत्काल उनके घर में ही दवा उपलब्ध है| जिसको वह खाने के बाद चिकित्सक को दिखाने आ सकते है|
दरअसल डॉ० अरविन्द ने यह मुहीम ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के उन बाशिंदों के लिए की है जो संसाधनों के आभाव में अपना जीवन जी रहे है| अचानक बीमारी होनें पर उन्हें अस्पताल तक आने के लिए कई बार सोचना होगा कुछ बीमारी इस तरह की है कि उन्हें तत्काल ही उपचार और दवा की आवश्यकता होती है| यदि तत्काल दवा मिल जाए तो मरीज की जान को कम खतरा रहता है| अब तक लोक अधिकार मंच की टीम नें हजारों की संख्या में किट वितरित भी कर दी है|
प्राथमिक चिकित्सा किट में क्या रखा गया है
गैस के लिए तेजाब बनने की दवा, बुखार की दवा, दस्त होने की दवा, एलर्जी की दवा, दिल में दर्द होनें की दवा, दर्द की दवा, उल्टी की दवा, साँस फूलने की दवा के साथ ही एक पट्टी भी रखी हुई है|
एक वर्ष तक काम करेगी किट की दवा
प्राथमिक चिकित्सा किट केबल एक वर्ष तक ही काम करेगी| उसके बाद यदि दवा बचती भी है तो वह सेबन करने से मना किया गया है| किट क नष्ट कर दें| किट में दो मास्क भी दिए गये है| जो कोरोना से बचाव में सहायता करते है|
किट के कबर पर आधा दर्जन सुरक्षा के मन्त्र
जिस किट के भीतर कई बीमारी की प्रारम्भिक उपचार की दवा रखी है उसके ऊपर शारीरिक सुरक्षा सम्बन्धी कई महत्वपूर्ण जानकारी दी गयीं है| जिन्हें पढ़कर हम काफी लाभ उठा सकते है| किट पर अंकित है कि प्राथमिक उपचार के तुरंत बाद डाक्टर को जरुर दिखाएँ, दवा लेनें में अगर परेशानी होती है तुरंत डाक्टर को दिखायें| खून बहने पर पट्टी बांधे या हाथ से दवाएं, मिर्गी का दौरा आने अपर मरीज को करवट से लिटा दे व कुछ भी ना खिलाएं न पिलायें, पीलिया होनें पर चिकित्सक को दिखाएँ, किसी प्रकार का विरवा न खाए यह गुर्दे खराब कर देता है|
किट में है जीवन शैली से बदलाव के मंत्र
किट के भीतर के पम्पलेट रखा गया है| जिस पर जीवन शैली में बदलाव के मंत्र दिये गये है| बीड़ी, तम्बाकू, शराब का सेबन न करने, पानी प्रचुर मात्रा में पीने, नीबू, अदरक, लहसुन, तुलसी का सेवन ज्यादा करें| खासी,बुखार, जुखाम, होनें पर घबराये नही डाक्टर से सलाह लें|इस तरह की सलाह दी गयी है|
डॉ० अरविन्द गुप्ता नें जेएनआई को बताया उनकी इस जीवन रक्षक मुहीम चलाकर बिल्कुल मुफ्त में किट जरूरत मंदों को दी जा रही है| अभियान लगातार जारी रहेगा| जीवन से अनमोल कुछ भी नही होता| लोक अधिकार मंच लगातार इस अभियान को आगे ले जायेगा|