Monday, January 6, 2025
spot_img
HomeFARRUKHABAD NEWSइस्तेमाल की गयीं पीपीई किट खुले में न फेंकें फैल सकता कोरोना

इस्तेमाल की गयीं पीपीई किट खुले में न फेंकें फैल सकता कोरोना

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों, अस्पतालों व अन्य कार्यस्थलों के स्टाफ को सुरक्षित बनाने में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट (पीपीई किट) की बड़ी भूमिका है, बशर्ते इस्तेमाल के बाद उसका सही तरीके से निस्तारण किया जाए । इस्तेमाल के बाद इधर-उधर खुले में छोड़ देने से संक्रमण का खतरा और अधिक बढ़ जाता है। अस्पतालों, एम्बुलेंस, एयरपोर्ट और यहाँ तक कि श्मसान घाटों तक पर खुले में फेंकी गयी पीपीई किट के बारे में चिकित्सकों का साफ़ कहना है कि ऐसा करके हम खुद को बचा नहीं रहें हैं बल्कि अपने साथ ही दूसरों को भी मुश्किल में डालने का काम कर रहे हैं। इससे जहाँ संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, वहीँ इसका सीधे तौर पर पर्यावरण पर भी असर पड़ता है| जो कि लोगों के जीवन को प्रभावित कर सकता है। अस्पतालों ने वैसे इस काम को एजेंसियों के जिम्मे कर रखा है जो कि कचरे को निस्तारित करने के लिए इन्सीनरेटर मशीन लगा रखी हैं, जहाँ पर इसका समुचित निस्तारण होता है ताकि किसी तरह के प्रदूषण का खतरा न रहे ।
​अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० दलवीर सिंह का कहना है कि इसके लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बाकायदा गाइड लाइन जारी की है कि पीपीई किट के इस्तेमाल और निस्तारण में किस तरह से सावधानी बरतनी है । उसके मुताबिक़ ही इसके निस्तारण में सभी की भलाई है । उनका कहना है कि देश में इस समय रोजाना लाखों पीपीई किट का इस्तेमाल हो रहा है और यह एक बार ही इस्तेमाल के लिए हैं । इसलिए इस्तेमाल के बाद इसको मशीन के जरिये ही नष्ट किया जाना सबसे उपयुक्त तरीका है । उनका कहना है कि अगर कोई भी पीपीई किट को इस्तेमाल के बाद इधर-उधर खुले में फेंक देगा तो उसका यह कृत्य इस लड़ाई को कमजोर बना सकता है । इसलिए खुद के साथ दूसरों को भी सुरक्षित बनाने के लिए जरूरी है कि एक जिम्मेदार नागरिक की भांति इस्तेमाल के बाद किट को ढक्कन बंद डस्टबिन में ही डालें ।
साथ ही कहा प्राइवेट अस्पतालों और अस्पतालों को मेडिकल वेस्ट को खुले में नहीं डालना है|  अगर खुले में पड़ी मिली तो सख्त कार्रवाई की जाएगी|
पीपीई किट में क्या-क्या है शामिल
इस किट में सिर से पाँव तक को पूरी तरह से कवर करने का पूरा ध्यान रखा गया है । इसमें सिर को ढकने के लिए कैप, गागल्स/फेस शील्ड, ट्रिपल लेयर मास्क, ग्लव्स, गाउन (एप्रन के साथ व एप्रन के बिना दोनों तरह से) और शू कवर शामिल हैं । इसमें से कोई भी चीज को इस्तेमाल के बाद खुले में फेंकने पर पूरी तरह से मनाही है, क्योंकि इसके संपर्क में आने से कोई भी संक्रमण की जद में आ सकता है ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० वन्दना सिंह का कहना है कि इस्तेमाल की गयी पीपीई किट से कम से कम दो दिन तक संक्रमण का पूरा खतरा रहता है। इसलिए किट का चाहे मास्क हो या गाउन उसको कदापि इधर-उधर न फेंके बल्कि उसके लिए निर्धारित ढक्कन बंद पीली डस्टबिन में ही डालें और अस्पतालों को भी चाहिए कि इस बायो मेडिकल वेस्ट (अस्पताल के कचरे) के निस्तारण की व्यवस्था दुरुस्त रखें। उनका कहना है कि ऐसा देखने में आया है कि कुछ लोग किट को इस्तेमाल के बाद इधर-उधर फेंक देते हैं, जो कि बहुत ही गंभीर मामला है। ऐसे लोगों के खिलाफ तो आपदा अधिनियम के तहत कार्रवाई होनी चाहिए|

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments