अयोध्या:अयोध्या में आज श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भूमि पूजन हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर का भूमि पूजन किया। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के सर संघचालक मोहन भागवत भी भूमि पूजन में शामिल हुए। इस दौरान अपने संबोधन में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि आज पूरा देश आनंद से भर गया है। आज हमारा संकल्प पूरा हुआ है। उन्होंने इस दौरान राम मंदिर के लिए बलिदान देने वाले संघ के लोगों को याद किया और उनके योगदान को सराहा।
इस मौके पर मोहन भागवत ने भारत की प्राचीन परंपरा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का जिक्र करते हुए कहा कि हमारा देश ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ में विश्वास करता है यानि हमारे लिए विश्व एक परिवार है। हम सभी को साथ लेकर चलने में यकीन करते हैं। भागवत ने कहा कि आज एक नए भारत की नई शुरुआत है।
‘मंदिर के लिए अनेक लोगों ने दिए बलिदान’
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भूमि पूजन पर दिए गए अपने संबोधन में भागवत ने कहा कि यह आनंद का क्षण है। उन्होंने कहा कि बहुत प्रकार से हमें आनंद है एक संकल्प लिया था, लेकिन मुझे याद है तब हमारे संघ के सरसंघचालक बाला साहब देवरस जी ने यह बात हमको कदम आगे बढ़ाने से पहले याद दिलाई थी। उन्होंने कहा था कि 30 साल काम करना होगा तब यह काम पूरा होगा। आज हमने उस संकल्प को पूरा कर दिया। इस संकल्प की पूर्ति का आनंद मिल रहा है। उन्होंने साथ ही कहा कि राम मंदिर के लिए अनेक लोगों ने बलिदान दिए हैं और वह सूक्ष्मरूप में यहां उपस्थित हैं।
राम मंदिर के लिए बलिदान देने वालों को किया याद
भागवत ने कहा कि ऐसे बहुत से लोग हैं जो आज यहां आ नहीं सकते। इस मौके पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी के योगदान को भी याद किया। उन्होंने कहा कि आडवाणी जी अपने घर में बैठकर इस कार्यक्रम को देख रहे होंगे। उन्होंने कहा कि पूरे देश में आनंद की लहर है। लोगों की सदियों की आस पूरे होने की खुशी है। सबसे बड़ा आनंद है भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जिस आत्मविश्वास की आवश्यकता थी, जिस आत्म भान की आवश्यकता थी उसका शुभारंभ आज हो रहा है।
उन्होंने राम मंदिर के लिए बलिदान देने वाले लोगों को याद दिया है। भागवत ने कहा कि आज अगर अशोक जीहोते तो कितना अच्छा होता. रामचंद्र दास जी होते तो और अच्छा होता, लेकिन मेरा विश्वास है शरीर से जो नहीं हैं वह सूक्ष्म रूप से आनंद उठा रहे होंगे।
आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा कि अब हमको अयोध्या को सजाना-संवारना है।संपूर्ण विश्व को सुख शांति देने वाले भारत को हम खड़ा कर सकें, इसलिए हमें योद्धा बनना है। इस मंदिर के पूर्ण होने से पहले हमारा मन मंदिर बनकर तैयार रहना चाहिए, इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। भागवत बोले कि हमारे हृदय में भी राम का बसेरा होना चाहिए।