Monday, December 23, 2024
spot_img
HomeFARRUKHABAD NEWSरक्षाबंधन पर अबकी जेल में बंदीयों ने खुद बांधी राखी, बाहर रहा...

रक्षाबंधन पर अबकी जेल में बंदीयों ने खुद बांधी राखी, बाहर रहा सन्नाटा

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) भाई-बहन के बीच और पवित्र रिश्ते का त्योहार रक्षाबंधन इस बार जेल में बंद कैदियों के लिए फीका साबित हुआ। कोरोना संक्रमण के प्रकोप के चलते अबकी जेल में बंदियों से उनकी बहनों की मुलाकात पर रोक लगा दी गई। बहनों से लेकर राखी व रोली-अक्षत ही जेल के भीतर भेजा गया। अबकी बंदियों को खुद राखी बांधनी पड़ी| इसके साथ बहनों की संख्या भी इस बार काफी कम रही|
कोरोना संक्रमण के प्रकोप ने इस बार रक्षाबंधन का रंग फीका कर दिया। महामारी से बचाव के लिए जिला कारागार व सेन्ट्रल जेल में भी सुरक्षा के बेहतर इंतजाम किए गए। हर दिन जेल परिसर को सैनिटाइज करने के साथ ही बंदियों व कैदियों के बीच फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखने का पूरा प्रयास किया जा रहा है| कैदियों और बंदियों को साफ कह दिया गया कि दो मीटर दूरी बनाकर रखें और मास्क जरूर लगाएं।
वही  कोरोना संक्रमण फैलने न पाए, इसके लिए रक्षाबंधन के एक-दो दिन पहले रक्षा सूत्र और अक्षत-रोली गेट के बाहर ही लेकर एक कमरे में सुरक्षित कर दिया गया, जिससे संक्रमण का प्रभाव कम हो जाए और रक्षाबंधन वाले दिन सभी बंदी व कैदी अपने हाथों से ही राखी बांध लें। मिठाई पर तो पूरी तरह रोक लगा दी गई है। रक्षाबंधन के दिन बंदियों को उनकी बहनों द्वारा दी गयी राखी उपलब्ध करायी गयी|
सेन्ट्रल जेल पर मुफ्त में बहनों को लिफाफे की सुबिधा
जेल अधीक्षक के निर्देश पर विभाग नें बहनों की राखी रखने के लिए लिफाफे की व्यवस्था की| जिससे आने वाली बहनों की राखी उसमे रखकर भेजी गयी| जेल प्रशासन का यह सहयोग देखकर बहने फूली नही समाई|सेन्ट्रल जेल पे बंदी रक्षक नमन कुमार को राखी काउन्टर की व्यवस्था दी गयी थी|
बहनों की संख्या भी रही काफी कम
कोरोना के चलते बसों में भीड़ और सक्रमण के खतरे को  देखते हुए बहनें जेलों में काफी कम पंहुची| सेन्ट्रल जेल में तो 2100 बंदियों पर केबल चार दर्जन बहनों की ही राखी आयी| जिन जेलों पर रक्षाबंधन के दिन पैर रखने की जगह नही होती थी वह जेलें सन्नाटे की चादर ओढ़े रहीं|
बंदियों को विशेष भोजन की व्यवस्था
जेलों में बंदियों के भोजन की विशेष व्यवस्था कि गयी| जिससे उनको भी त्योहार का अहसास हो| भोजन के साथ ही उन्हें बहन का राखी वाला लिफाफ सलाखों के पीछे उन तक पंहुचा तो उनकी खुशी का ठिकाना नही रहा|
सेन्ट्रल जेल अधीक्षक एचएसएम सिद्दीकी नें जेएनआई को बताया कि जेल के आला अफसरों के निर्देश पर कोरोना संक्रमण से बचाव के उपाय में कोई कसर नहीं छोड़ी गयी। रक्षाबंधन पर बंदियों व कैदियों से उनके बहनों को मिलने नहीं दिया गया। लेकिन राखी और अक्षत व रोली लेकर जेल में बंदियों के पास भेजी गयी| जो बहनें बाद में राखी लेकर पंहुची उनकी भी राखी निर्धारित व्यवस्था के हिसाब से भेज दी जायेगी| 

 

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments