रक्षाबंधन पर डिजाइनर व रंग-बिरंगी राखियों से सजे बाजार

FARRUKHABAD NEWS FEATURED

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) भाई-बहनों का पवित्र पर्व रक्षाबंधन को लेकर बाजार में रौनक बढ़ गई है। बाजारों में रंग बिरंगी राखियां सज गई है। पर्व को लेकर घर-घर में तैयारियां शुरू हो गई है। एक से बढ़कर एक सजी राखियों की दुकानों पर बहनें अपने भाइयों के लिए चुन-चुनकर राखियां खरीद रही है। बाजार में राखियों की ढ़ेर सारी वैरायटी दिखने को मिल रही है। वाटरप्रुफ राखियां भी बाजार में बिक रही है। लेकिन कोरोना महामारी के चलते इस बार बिक्री की रफ्तार कुछ कम रहने की उम्मीद है|  नगर में नेहरू रोड व रेलवे रोड पर जगह-जगह राखी की दुकानें सज रही है| रक्षाबंधन 3 अगस्त को है|
राखियां आनलाइन भी खूब हो रही बुक: रक्षाबंधन को लेकर शहर से लेकर देहात तक में रौनक बढ़ गई है। बाजारों में राखी खरीदने को लेकर भीड़ देखी जा रही है। वहीं राखी को लेकर आनलाइन बाजार भी लोगों को खूब भा रहा है। इंटरनेट के माध्यम से भी लोग राखी की बुकिंग कराने में पीछे नहीं है। इंटरनेट का बाजार भी अपनी मांग को देखकर लोगों के लिए लुभावना आफर लेकर आया है। इंटरनेट के बाजारों में एक से बढ़कर एक आफर आ चुके है। आकर्षक उपहारों से इंटरनेट बाजार पट गया है। आन लाइन शापिंग के माध्यम से बहनें देश के किसी भी कोने में अपने भाई को राखी भेज सकती है।
बाजार में छाई कई डिजाइन की राखियां: मोतियों वाली राखी बाजार में नये डिजायन में दिखने को मिल रही है। इसमें धागों से डिजाइन बनाई गई है। धागों के माध्यम से रंग-बिरंगे बनी राखियां भी लोगों को खूब भा रही है। जबकि मोतियों वाली राखी थोड़ी नए अंदाज में दिखने को मिल रही है। सफेद के स्थान पर रंगीन मोतियों से इन्हें नए लुक दिया जा रहा है। हालांकि इन सब पर गिन्नी स्टाइल वाली राखियां भारी पड़ रही है। अब तक तो आने गिन्नी बस सोने और चांदी में देखी होगी। मगर राखियों में भी इनका दबदबा दिखने लगा है। जरी वाली राखी भी बाजार में अपनी पहचान के बदौलत बहनों को खूब भा रही है। जरी वाली राखी अपने आकर्षक रुप रंग में बाजार में छायी हुई है।
कई प्रकार की विशेष राखियां आई है जो बहिनों और छोटे बच्चों को भी लुभा रहीं है। नागरिकों की माने तो वह उन्होंने इस वर्ष चीनी राखी खरीदने व बांधने से परहेज कर रहे हैं। राखी बाजार में ग्राहकों की भीड पहुंचना प्रारंभ हो गई है साथ ही आने वाले दिनों में ग्राहकों की भीड और अधिक बढेगी। रक्षा बंधन के एक सप्ताह पूर्व से ही बहिनों का अपने मायके आने जाने का दौर शुरु हो गया ।