Monday, December 23, 2024
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चार घंटे सुनबाई के बाद भी सुप्रीम कोर्ट में यूपी शिक्षक भर्ती पर फैसला नही,कल फिर बहस

लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश की 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में बुधवार को भर्ती से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई चल रही है। बुधवार को मामले में लगभग चार घंटे की बहस के बावजूद निर्णय तक नहीं पहुंच पाया। इसलिए गुरुवार को भी सुनवाई जारी रहेगी। गुरुवार सुबह 10:30 बजे से सिर्फ इसी मामले को सुना जाएगा। शीर्ष कोर्ट के फैसले पर हजारों की निगाहें लगी हैं। पिछले दिनों हुई सुनवाई में कोर्ट ने किसी मामले में अभ्यर्थियों को राहत नहीं दी है, बल्कि कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी जरूर की थी कि वह अगली तारीख पर सुनवाई करके फैसला देगा। अभ्यर्थी यह भी आस लगाए हैं कि सुप्रीम कोर्ट से फैसला भी जल्द आएगा। प्रदेश में जिला आवंटन पा चुके अभ्यर्थी एक माह से नियुक्ति पाने का इंतजार कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती विवादों के घेरे में है। यह भर्ती कटऑफ अंक को लेकर हाई कोर्ट में लंबे समय तक फंसी रही, फिर प्रश्नों के जवाब को लेकर ऐन वक्त पर काउंसिलिंग रोकी गई। शिक्षामित्रों के चयन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 37339 पद भरने पर रोक लगा रखी है। हर बार कोर्ट ने भर्ती के अहम मोड़ पर स्थगनादेश जारी कर दिया। हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने तीन जून को लिखित परीक्षा में पूछे गए 142 प्रश्नों का यूजीसी के विशेषज्ञों से परीक्षण कराने का आदेश दिया था। उस पर 12 जून को दो जजों की पीठ ने रोक लगाकर प्रश्नों के विवाद का अंत कर दिया है। लेकिन, नौ जून को शीर्ष कोर्ट के आदेश की वजह से यह भर्ती अधर में है।
सुप्रीम कोर्ट में अभ्यर्थियों ने दो जजों की पीठ के आदेश को चुनौती देने के लिए कई याचिकाएं की। पिछले दिनों हुई सुनवाई में कोर्ट ने किसी मामले में अभ्यर्थियों को राहत नहीं दी है, बल्कि कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी जरूर की थी कि वह अगली तारीख पर सुनवाई करके फैसला देगा। प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट का 12 जून का आदेश आने के बाद शीर्ष कोर्ट में मॉडिफिकेशन याचिका दाखिल करके सुनवाई का अनुरोध किया है। सरकार का कहना था कि नौ जून का आदेश उसे बिना सुने किया गया है।
देश सरकार ने हाई कोर्ट का 12 जून का आदेश आने के बाद शीर्ष कोर्ट में मॉडिफिकेशन याचिका दाखिल करके सुनवाई का अनुरोध किया था, सरकार का कहना था कि नौ जून का आदेश उसे बिना सुने किया गया है। इसकी सुनवाई पहले 14 जुलाई को होनी थी लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने उसे एक दिन और आगे बढ़ाकर 15 जुलाई कर दिया है। इसका फैसला आने के बाद काउंसिलिंग कराकर नियुक्तियां होंगी।

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