कानपुर:(जेएनआई) उत्तर प्रदेश एसटीएफ के हाथों दस जुलाई को मारे गए कुख्यात विकास दुबे के खिलाफ बिगुल फूंकने वाला शख्स राहुल तिवारी बीते 12 दिन से लापता है। राहुल तिवारी ने ही विकास दुबे के खिलाफ चौबेपुर थाना में 30 जून को रिपोर्ट लिखाई थी। जिसका पता चलते ही विकास दुबे ने उसको अपने गांव बुलाया था और तत्कालीन थाना प्रभारी चौबेपुर विनय तिवारी के सामने ही पीटा था। विकास ने बीच-बचाव करने पर विनय तिवारी से भी झड़प की थी।
राहुल तिवारी की एफआइआर पर ही कानपुर के चौबेपुर के बिकरू गांव में दो-तीन जुलाई की रात पुलिस ने विकास दुबे को पकडऩे के लिए दबिश दी थी। दबिश के पहले ही बेहद मुस्तैद हो चुके विकास दुबे ने अपने गैंग के साथ सीओ देवेंद्र मिश्रा सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। विकास दुबे के खिलाफ हत्या के प्रयास की रिपोर्ट लिखवाने वाला विकास दुबे फिलहाल लापता है। उसके परिवार के लोगों का कहना है कि आखिरी बार दो जुलाई को राहुल से बात हुई थी, उसके बाद से ही राहुल तिवारी का कुछ पता नहीं चल पा रहा है। कानपुर के जादेपुर गांव में रहने वाली राहुल की मां सुमन के अनुसार, राहुल से आखिरी बार दो जुलाई को बात हुई थी। वह पत्नी, बच्चों और साली को लेकर कहीं चले गए हैं।
इसी बीच 12 जुलाई को पुलिस ने आकर राहुल तिवारी के परिवार के लोगों से कहा कि अगर राहुल को पेश नहीं किया गया तो एफआईआर दर्ज होगी। विकास दुबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने वाले राहुल तिवारी के परिवार के सदस्यों के मुताबिक वो लापता है। पुलिस ने कहा कि राहुल तिवारी शिकायतकर्ता होने के अलावा विकास दुबे से जुड़ी घटनाओं का प्रमुख गवाह है, जिनके कारण यह घटना हुई। कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने कहा कि राहुल की जान को भी गंभीर खतरा है। डिप्टी एसपी सुकर्म प्रकाश के नेतृत्व में एक टीम उसकी तलाश कर रही है।
बिकरू से सटे जडेपुर निवाड़ा गांव में रहने वाले राहुल तिवारी अपनी साली मोनिका से निवाड़ा गांव में अपनी ससुराल से संबंधित जमीन का निपटान करना चाहते थे, जो आसपास के इलाके में भी स्थित है। उनकी पत्नी की बहनों ने प्रस्तावित बिक्री का विरोध किया। उनमें से एक (जो बिकरू में रहता है) पक्ष ने मामले में विकास दुबे के हस्तक्षेप की मांग की।
ससुराल की जमीन बेचने के विवाद मेें विकास ने राहुल को पीटा
जादेपुर गांव के राहुल तिवारी का मोहिनी निवादा गांव में ससुराल है। आरोप है कि वह ससुराल की जमीन बेचना चाहते थे, लेकिन पत्नी की बहनें इसका विरोध कर रही थीं। बिकरू में ब्याही राहुल की एक साली ने विकास दुबे से इसमें दखल देने को कहा तो विकास ने राहुल को पीटा। इसके बाद बलिदानी सीओ देवेंद्र मिश्रा के हस्तक्षेप के बाद एफआईआर दर्ज हुई।
एसओ के सामने विकास दुबे ने फिर पीटा
तत्कालीन एसओ विनय तिवारी के साथ जब राहुल एक जुलाई को बिकरू गांव पहुंचे, तब भी विकास ने उसे पीटा। इसके अगले दिन राहुल परिवार के साथ कहीं चले गए थे। बकौल सुमन, राहुल ने फोन पर कहा था कि वह जहां है सुरक्षित हैं। चिंता मत करना। इसके बाद उनसे कोई संपर्क नहीं हुआ। बीते 12 दिनों में बदले घटनाक्रम में भी राहुल कहीं नजर नहीं आया।
दस को विकास का एनकाउंटर
कानपुर के चौबेपुर के कांड के बाद नौ जुलाई को उज्जैन में पुलिस की पकड़ में आया दुर्दांत बदमाश विकास दुबे को यूपी एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने 10 जुलाई को कानपुर के पास मुठभेड़ में मार गिराया था। दस जुलाई को उज्जैन से कानपुर लाते वक्त भौंती में विकास दुबे का एनकाउंटर हुआ था। उसी दस जुलाई को देर शाम कानपुर के भैरव घाट पर उसका अंतिम संस्कार किया गया था।