Monday, December 23, 2024
spot_img
HomeCRIMEजिस जेसीबी से विकास ने रोंका था पुलिस का रास्ता उसी से...

जिस जेसीबी से विकास ने रोंका था पुलिस का रास्ता उसी से तोड़ा गया उसका किले जैसा मकान

कानपुर:(जेएनआई) चौबेपुर के बिकरू गांव में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों को मौत के घाट उतारने वाले हिस्ट्रीशीटर अपराधी विकास दुबे के दो बीघे की चाहरदिवारी में बने किलेनुमा मुकान में पुलिस ने बुलडोजर चलाकर करीब दो घंटे में मलबे में तब्दील कर दिया है। पुलिस ने उसी बुलडोजर का इस्तेमाल किया, जिसे सड़क पर लगाकर रात में पुलिस का रास्ता रोक दिया था। घर के अंदर खड़ी दस से पंद्रह लाख कीमत वाली दो लग्जरी कार और दो ट्रैक्टर भी नष्ट कर दिए। पुलिस ने बीते तीस घंटे में मकान सील करके चप्पे-चप्पे की तलाशी ली तो महफूज किले जैसी सुरक्षा घेरे वाले परिसर के अंदर बने पुराने मकान में तलघर की भी तलाश कर रही है।
दो बीघा के अंदर चार कमरे नए हैैं, जहां विकास रहता था। पूरे की करीब 12 फीट ऊंची बाउंड्रीवाल है। कोई दाखिल न हो सके, इसलिए करीब दो फीट ऊंचाई में छल्लेदार कंटीले तार भी लगाए गए हैैं। गांव वालों के मुताबिक नया घर सात-आठ साल पहले ही बना है। बाउंड्रीवाल के अंदर ही पैतृक घर भी है, जहां अब सेवादार रहते हैैं। घर में दाखिल होने के चार गेट हैैं। एक मुख्य द्वार है। दो गेट दाएं-बाएं वाली गलियों में खुलते हैैं तो चौथा गेट पुराने घर से अंदर आने-जाने का है। तीनों नए गेट इतने चौड़े हैैं कि चार पहिया वाहन आ जाए। चारों गेट के बाहर और अंदर सीसीटीवी कैमरे लगे हैैं। कोई गेट के पास पहुंचा नहीं कि सीसीटीवी से उसे खबर लग जाती।
मुख्य गेट से करीब 80 मीटर अंदर चार कमरों वाले आलीशन घर में ही विकास रहता था। यहां जाने से पहले चैनल का मजबूत गेट लगा है। दालान और फिर बाएं बैठक का कमरा। इस कमरे के बराबर विकास का बेड रूम। दाहिने कमरे में पिता रामकुमार दुबे और उनके पीछे वाले कमरे में कामवाली रेखा अपने पति व दो बेटियों संग रहती है। सीढिय़ां बाहर से भी छत तक पहुंचाती हैैं, आंगन से भी। इन्हीं तगड़े इंतजामों और बेखौफ प्रवृत्ति के कारण पुलिस भी घर में दाखिल होने से घबराती थी। घर में ऐशो-आराम का भी पूरा इंतजाम है। बाथटब से लेकर वाश बेसिन तक डिजाइनर। किचन भी माड्युलर। यानी, सबकुछ ऐसा इंतजाम कि शहर में रहने वाले तमाम लोगों को भी शायद ही नसीब हो।
पुलिस ने सारा दिन और रात मकान के हर एक हिस्से की गहनता से छानबीन की। पुलिस के मुताबिक शनिवार सुबह पुराने मकान में जांच के दौरान लकड़ी के तखत का तखत हटाकर फर्श को ठोका तो खोखलेपन की आवाज महसूस हुई। इसपर पुलिस को फर्श के नीचे तलघर यानी बंकर होने का अहसास हुआ।
पुलिस को आशंका हुई कि अपराध करने के बाद विकास इसी तलघर में छिपता था। कुछ देर आला अफसरों का निर्देश मिलने के बाद पुलिस ने घर के अंदर से विकास के पिता और नौकरनी समेत परिवार को बाहर निकाल दिया। इसके बाद मकान के आसपास पचास मीटर पर आवागमन बंद करा दिया है, मीडिया को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है और मकान गिराने की तैयारी शुरू कर दी।
जिस बुलडोजर से रोका रास्ता उससे ही गिराया मकान
पुलिस ने रास्ता रोकने वाले बुलडोजर पर चालक को बिठाया और फिर उससे ही विकास के मकान की चाहरिदवारी को गिराना शुरू कर दिया, एक के बाद एक मकान की दीवारों को कमरे को गिरते हुए अंदर कार खड़ा करने वाले हिस्से को भी ढहा दिया। पुलिस ने दो घंटे की कार्रवाई में पूरे मकान को गिराकर मलबे में तब्दील कर दिया है। गैराज गिराकर दस से पंद्रह लाख कीमत वाली दो कारें और दो ट्रैक्टर पर क्षतिग्रस्त कर दिए हैं। मकान में महंगे बाथरूम, ड्राइंग रूम और किचने समेत सभी हिस्सों को गिरा दिया गया है।
गांव में सशस्त्र पुलिस फोर्स तैनात है। वहीं गांव वाले भी दूर से पुलिस की कार्रवाई को देख रहे हैं और पुलिस फोर्स को देखकर पास जाने की कोई हिम्मत नहीं कर रहा है। बताया गया है कि विकास दुबे ने खेत में काम कराने के लिए चौबेपुर के रहने वाले किसी व्यक्ति का बुलडोजर करीब दस दिन पहले मंगाया था। बुलडोजर को मानू नाम का युवक चला रहा था, जो वहीं पर रुका था। घटना के बाद से मानू भी फरार है और पुलिस ने मुकदमे में उसे भी नामजद किया है। 

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments