लखनऊ:(जेएनआई) कानपुर के चौबेपुर में गुरुवार रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमला करके एक सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाला दुर्दांत अपराधी विकास दुबे 36 घंटे बाद भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के साथ ही पुलिस के आला अधिकारी उसकी तलाश में कानपुर में कैंप कर रहे हैं। इसी बीच विकास दुबे सहित 35 लोगों के खिलाफ हत्या तथा हथियारों की लूट का मामला दर्ज कराया गया है।
प्रदेश के आठ बहादुर पुलिसकर्मियों का हत्यारा दुर्दांत अपराधी विकास दुबे अभी भी फरार है। कानपुर के चौबेपुर में अपने गांव बिकारू में करीब चार घंटे की लौहमर्षक घटना को अंजाम देने के बाद से फरार विकास दुबे की तलाश में प्रदेश की सौ पुलिस टीमें लगी हैं। इनमें एसटीएफ की भी आठ टीमें हैं। विकास दुबे की फरारी के 36 घंटा के बाद भी उसका कोई सुराग नहीं मिल रहा है। पुलिस की टीमें लगातार उसकी तलाश में लखनऊ, कन्नौज, सौनभद्र, वाराणसी, प्रयागराज, मथुरा, सहारनपुर तथा बांदा में छापे मार रही हैं। लखनऊ में उनके छोटे भाई की पत्नी तथा पत्नी के भाई को भी हिरासत में लिया गया है।
कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या और सात को गंभीर रूप से घायल करने के बाद विकास दुबे और उसके साथियों ने पुलिस से पांच असलहे भी लूटे थे। इनमे एक एक एके-47 रायफल, एक इंसास रायफल, एक ग्लॉक पिस्टल और दो 9 एमएम पिस्टल हैं। कानपुर में ईंट के भट्टों, स्कूल और कॉलेजों समेत करोड़ो रुपये की संपत्ति के मालिक विकास दुबे की तलाश में पुलिस के साथ एसटीएफ की टीम ने लखनऊ में छापा मारा। कृष्णानगर इलाके में इंद्रलोक कॉलोनी में विकास दुबे के घर में पुलिस को नौकर के सिवाय कोई नहीं मिला। सघन तलाशी में पुलिस ने कुछ पेन ड्राइव आदि जब्त की। पुलिस टीम ने लखनऊ में कई अन्य जगह विकास की तलाश में उसके संभावित ठिकानों पर रेड की लेकिन सफलता हाथ नहीं लग सकी। इसके बाद पुलिस ने पास ही विकास के भाई दीप के घर छापा मारा। यहां दीप की पत्नी के पास रिवाल्वर बरामद हुई। दावा किया गया है कि वह लाइसेंसी है। पुलिस इस रिवाल्वर के लाइसेंस की जांच करवा रही है। घर पर विकास का भाई दीप नहीं मिला, पता चला कि घटना के बाद से ही वह घर से निकल गया और लौटकर नहीं आया है। मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ बता रहा है। विकास के परिवार के लोगों समेत 32 के खिलाफ मुकदमा
कानपुर में मुठभेड़ और सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में थाना प्रभारी ने शुक्रवार देर रात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे, उसके भाई, भतीजे, मामा व परिवार के 10 सदस्यों और 22 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। मुकदमे हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती, बलवा, सरकारी कार्य में बाधा, 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट आदि धाराओं में दर्ज किया गया है। मुठभेड़ में आरोपित के दो रिश्तेदारों की मौत मामले में भी हत्या का प्रयास, आर्म्स एक्ट का केस दर्ज कराया गया है। सीओ, तीन दारोगा और अन्य जवानों के पोस्टमार्टम के बाद देर रात अधिकारियों के निर्देश पर चौबेपुर थाना प्रभारी विनय कुमार तिवारी ने यह दो मुकदमे दर्ज कराए।
तहरीर के मुताबिक वह हत्या के प्रयास व बलवा के मामले में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकडऩे टीम के साथ गए थे। तभी विकास ने अपने साथियों व परिवारवालों के साथ पुलिस टीम पर हमला कर दिया। बंदूकों, रायफलों से गोलीबारी व बमबाजी की। इसमें सीओ देवेंद्र मिश्र, थाना प्रभारी शिवराजपुर, दो दारोगा व चार सिपाही शहीद हो गए। वहीं, बिठूर थाना प्रभारी, चार सिपाही, एक होमगार्ड व एक अन्य घायल हो गए। एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि विकास समेत दस परिवार वालों को नामजद किया गया है और 22 अज्ञात हमलावर भी शामिल हैं। शुक्रवार सुबह कॉम्बिंग के दौरान मुठभेड़ में हमलावर प्रेमकुमार व अतुल की मौत हो गई। उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट, जानलेवा हमले की धाराओं में रिपोर्ट लिखाई गई।