नामांकन पत्र लेनें आये पूर्व सपा सांसद समर्थक को भाजपाईयों ने पीटा

FARRUKHABAD NEWS POLICE जिला प्रशासन

फर्रुखाबाद:(जेएनआई न्यूज) जिला सहकारी बैंक में हुए डायरेक्टर के नामांकन में पूर्व सांसद छोटे सिंह यादव के समर्थक को नामांकन पत्र खरीदने के प्रयास में भाजपा नेताओं नें पीट दिया | इसके बाद वह मौके से चले गये और जिलाधिकारीकार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया| जिलाधिकारी के निर्देश पर भी पुलिस उनका पर्चा दाखिल नही करा सकी|
सहकारी बैंक में पूर्व सांसद छोटे सिंह का किला पूरी तरह भाजपा ने ध्वस्त करने की पूर्व में हीरणनीति बनायी थी| गुरुवार को सहकारी बैंक फतेहगढ़ में डायरेक्टर पदों के लिए नामांकन पत्र खरीद और उन्हें दाखिल करने की प्रक्रिया सुबह 10 बजे से शुरू हुई| इसके बाद शाम 4 बजे तक चली| भाजपा ने इस बार कायदे से मोर्चाबंदी की थी| सब कुछ सामान्य चल रहा था| उसी दौरान पूर्व सपा सांसद समर्थक दिगम्बर सिंह के पुत्र दिग्विजय सिंह अपने साथ महिला कंचन कनौजिया को लेकर पर्चा खरीदने बैंक पंहुचे|
जैसे ही कार बैंक के बाहर रुकी पहले से सक्रिय बड़ी संख्या में भाजपाईयों नें उन्हें घेर लिया| महिला कंचन कार से उतर कर बैंक के भीतर भी चली गयी उसे वहां से वापस लाया गया| दिग्विजय के साथ कुछ भाजपाईयों ने हाथापाई और धक्का-मुक्की भी कर दी| जिसके बाद वह वापस चले गये|
मामले की जानकारी होनें पर पर्चा खरीदने आये पूर्व सांसद समर्थक दिगम्बर सिंह, कंचन सिंह, दिग्विजय सिंह, अवधेश सिंह, राजेश कुमार, हिमांशु भदौरिया, इरशाद अली, अरविन्द कुमार आदि जिलाधिकारी के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गये| जिसके बाद दिगम्बर सिंह नें फोन पर पुलिस अधीक्षक से वार्ता करनी चाही लेकिन फोन पीआरओ ने उठाया| उन्हें पूरी जानकारी दी गयी|
इसके बाद लगभग 3 बजे नगर मजिस्ट्रेट अशोक कुमार मौर्य कलेक्ट्रेट पंहुचे और वार्ता की| तकरीबन 15 मिनट बाद डीएम मानवेन्द्र सिंह भी आ गये| उनसे धरने पर बैठे दिगम्बर सिंह आदि नें वार्ता की| उन्होंने जिलाधिकारी से कहा कि भाजपा नेता उन्हें नामांकन करने नही दे रहे| जिसके बाद डीएम ने एडीएम विवेक श्रीवास्तव को फोन किया| लेकिन उनका फोन नही उठा| जिसके बाद एएसपी त्रिभुवन सिंह ने धरने पर बैठे लोगों का नामांकन कराने के निर्देश दिये|  जिसके बाद दिगम्बर उनके पुत्र दिग्विजय आदि बैंक की  तरफ पंहुचे लेकिन भाजपा नेताओं की संख्या अधिक होनें से बैंक के इर्दगिर्द जाने की हिम्मत नही जुटा पाए| जिससे उनका नामांकन नही हो सका|