फर्रुखाबाद:(नगर प्रतिनिधि) लॉक डाउन है तो फिर शहर में जाम क्यों है जाम की झाम कोरोना काल में भारी ना पड़ जाए यह डर हर किसी को है| लेकिन घंटों जाम के बाद भी पुलिस के नाम पर खाकी किसी को भी नजर नही आयी| कोरोना वायरस संक्रमण के विस्तार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन में वाहनों के आवागमन को मिली छूट के साथ नगर की लगभग सभी छोटी-बड़ी सड़कें वाहनों के आवागमन से पटी दिखी| भीषम जाम से लोगों का पसीना छूट गया।
बताते चले कि जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह व जिले के पुलिस मुखिया डॉ० अनिल कुमार मिश्रा सोशल डिस्टेसिंग का लगातार पालन कराने पर जोर दे रहे है| पुलिस को भी इसका कड़ाई से पालन कराने के कड़े निर्देश दिये गये थे| आम जनता तो कानून तोड़ने के लिए ही बनी है| लेकिन कानून तोड़ने वालों को कानून की ताकत का अहसास कराने का काम खाकी का है| लॉकडाउन में छूट व वाहनों के आवागमन की खबर लगते ही मानों सभी को मुंह मांगी सौगात मिल गई हो। बाइक से लेकर छोटे-बड़े अन्य वाहनों की सड़कों पर रेला लग गया। एक बार जो भी जाम में फंसा वह उमस व गर्मी से बिलबिला उठा। उधर इस तरह दिखी भीड़ ने लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर भी चिता बढ़ा दी है।
सोमवार को नगर की सड़के नेहरु रोड, रेलवे स्टेशन रोड, लोहाई रोड व चौक से पक्के पुल या यूँ कहिये की घुमना से पक्के पुल तक लगभग चक्का जाम रहा| लेकिन पुलिस के नाम पर एक सिपाही भी नजर नही आया| जो एक दो कही दिखे भी वह भी कोना पकड़ कर खड़े रहे| और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां किस कदर उड़ी यह लिखने की जरूरत नही तस्वीरें खुद इसकी गवाही दें रही है|
घुमना चौकी इंचार्ज शिव शंकर तिवारी नें बताया कि वह कोर्ट में है| जाम खुलाने को चीता पुलिस को भेजा जा रहा है|