17 मई तक बढ़ा लॉक डाउन बंद रहेंगी रेल, मेट्रो और विमान सेवाएं

FARRUKHABAD NEWS कोरोना राष्ट्रीय

नई दिल्ली:कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने लॉकडाउन को दो हफ्ते के लिए बढ़ाने का फैसला तो कर लिया है लेकिन साथ ही राहतों का ऐलान भी कर दिया है। यानी लाकडाउन -3 पिछले दो लॉकडाउन के मुकाबले काफी नरम होगा। जिसमें न सिर्फ ग्रीन जोन बल्कि रेड जोन में भी कई कई गतिविधियों में राहत मिलेगी।
रेड जोन में सीमित सेवाएं हासिल होंगी। लेकिन ग्रीन और आरेंज जोन में केंटेनमेंट एरिया और उसके चारों ओर बफर जोन को छोड़कर बाकी क्षेत्रों में नाई की दुकान, शराब, सिगरेट, पान, गुटका और तंबाकू की दुकानों को खोलने की अनुमति मिलेगी। ग्रीन जोन में तो माल भी खुलेंगे। हालांकि पूरे देश में हवाई, ट्रेन, बस व मेट्रो सेवा समेत माल, सिनेमाघर आदि बंद ही रहेंगे। शुक्रवार को जारी सूची के अनुसार फिलहाल 130 रेड जोन जिले, 284 आरेंज जिले और 319 ग्रीन जोन जिले हैं। जाहिर है कि देश का बड़े हिस्से में कारोबार शुरू हो जाएगा। हर सप्ताह इसकी समीक्षा होगी।
क्‍या-क्‍या रहेगा बंद, किन चीजों की रहेगी अनुमति
वस्तुत: लॉकडाउन खोलने का क्रम फेज तीन से शुरू हो जाएगा। लॉकडाउन-3 के दौरान पूरे देश में शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक जरूरी सेवाओं को छोड़कर लोगों को बाहर निकलने की इजाजत नहीं होगी। इस दौरान लोगों की आवाजाही रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन धारा-144 लागू कर सकता है। इस दौरान रेल, हवाई, मेट्रो, अंतरराज्यीय बस सेवाएं नहीं चलेंगे। स्कूल, कॉलेज व अन्य शैक्षिक संस्थान, होटल, रेस्टोरेंट, बार, सिनेमा हॉल, मॉल आदि बंद रहेंगे।
धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और खेलकूद से जुड़े जमावड़े पहले की तरह प्रतिबंधित रहेंगे। पूरे देश में 65 से अधिक उम्र के बुजुर्गों और 10 साल के कम उम्र के बच्चों के साथ ही गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों के घर से निकलने पर पाबंदी रहेगी। वे सिर्फ जरूरी काम से या फिर इलाज के लिए बाहर जा सकते हैं। रेल मंत्रालय के अनुसार, 17 मई तक सभी यात्री ट्रेन सेवाओं को रद्द कर दिया गया। ‘श्रमिक स्पेशल ट्रेनों’ द्वारा विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी श्रमिकों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य व्यक्तियों की आवाजाही जारी रहेगी। माल ढुलाई और पार्सल ट्रेन परिचालन जारी रहेगा।
लेकिन राहतों का पैकेज भी कम नहीं होगा। नए दिशानिर्देश में रेड, आरेंज और ग्रीन जोन के लिए अलग-अलग राहत का ऐलान किया है। इनमें शहरी और ग्रामीण इलाके में अलग-अलग राहत दी गई है। अभी तक रेड जोन वाले जिले में किसी भी तरह की गतिविधि की इजाजत नहीं थी। लेकिन अब कंटेनमेंट एरिया और उसके चारे ओर के बफर जोन को छोड़कर बाकी जिले में कई गतिविधियों की अनुमति दे गई है।
ग्रीन जोनों में किन-किन चीजों की मिलेगी छूट
देशभर को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोनों में बांटा जा रहा है। ग्रीन जोन में सभी बड़ी आर्थिक गतिविधियों की छूट दे दी गई है। गृह मंत्रालय के ताजा आदेश के मुताबिक, ग्रीन जोनों में बसें चल सकेंगी, लेकिन बसों की क्षमता 50 फीसद से ज्यादा नहीं होगी। इसी तरह बस डिपो में भी 50 फीसद से ज्यादा कर्मचारी काम नहीं करेंगे। देश के ग्रीन जोन के जिलों में नाई की दुकानें, सैलून समेत अन्य जरूरी सेवाओं और वस्तुएं मुहैया कराने वाले संस्थान भी 4 मई से खुल जाएंगे। सिनेमा हॉल, मॉल, जिम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स आदि बंद रहेंगे।
ऑरेंज जोन में कैब की अनुमति
ऑरेंज जोन में बसों के परिचालन की छूट नहीं होगी, लेकिन कैब की अनुमति होगी। रेड जोन में प्रतिबंधित ओला, उबर जैसी टैक्सी को भी आरेंज में चलाने की छूट दी गई है। लेकिन वे केवल एक ही पैसेंजर को बिठा सकेंगे। ऑरेंज जोन में औद्योगिक शुरू होगी और कॉम्प्लेक्स भी खुलेंगे। रेड जोन में नाई की दुकानें, सैलून आदि बंद रहेंगे। इस बारे में विस्तृत जानकारी गृह मंत्रालय की तरफ से दी जाएगी।
देश के 129 जिले रेड जोन में, दिल्ली और अहमदाबाद रेड जोन में
देश में 130 जिले रेड जोन्स में हैं यानी वहां कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट्स हैं। पूरी दिल्ली रेड जोन में है। मुंबई, अहमदाबाद, सूरत जैसे बड़े औद्योगिक केंद्र भी रेड जोन्स में हैं, जहां काफी कम रियायत नहीं मिलेगी।
रेड जोन में इन्हें मिलेगी राहत
-यहां निजी वाहन से कुछ सेवाओं के लिए लोगों को आने-जाने की अनुमति होंगी। लेकिन कार में ड्राइवर के अलावा केवल दो लोग ही बैठ सकेंगे। दोपहिया वाहन की स्थिति में केवल चलाने वाले को ही आने-जाने की अनुमति होगी।
-एसईजेड (स्पेशल इकोनॉमिक जोन)और ईओयू (एक्सपोर्ट ओरिएंटेड यूनिट्स) के साथ-साथ औद्योगिक शहरों और क्षेत्रों को कामकाज के लिए पूरी तरह छूट दे दी गई है। इसके साथ ही जरूरी सामान, दवा, मेडिकल उपकरण और उनके लिए अन्य सामान बनाने इकाइयां समेत पूरे सप्लाई चैन के साथ ही आइटी हाडवेयर की इकाइयों को भी छूट दी गई है।
-मजदूर आधारित जुट और पैकेजिंग उद्योग को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन की शर्त के साथ काम करने छूट होगी।
-प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक मीडिया, आइटी सेवाओं, कॉल सेंटर, कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउसिंग सेवाओं और निजी सुरक्षा गार्ड को काम करने की छूट दी गई है।
ग्रामीण इलाके रेड जोन में क्‍या मिलेगी छूट
-ग्रामीण इलाके में स्थिति रेड जोन वाले जिले में में कंटेनमेंट एरिया और बफर जोन को छोड़कर पूरे जिले में सभी तरह की आर्थिक और कंस्ट्रक्शन गतिविधियों की छूट होगी, जिनमें मनरेगा, फूड प्रोसेसिंग इकाइयां और ईट-भट्टा शामिल हैं।
-सभी दुकानें और मॉल खुलेंगे और कृषि से जुड़ी किसी भी गतिविधि पर कोई रोक नहीं होगी।
-बैंक, इंश्योरेंस समेत सभी तरह की फाइनेंशिल गतिविधियों पूरी तरह चालू रहेंगी।
-आंगनबाड़ी समेत महिलाओं, विधवाओं, बुजुर्गों और बच्चे की देखभाल के लिए बने विशेष आश्रमों को काम करने की छूट दी गई है।
-यहां कूरियर और पोस्टल सेवाओं की भी इजाजत होगी।
देश के 319 जिले ग्रीन जोन में
देश में कुल 739 जिले हैं, जिनमें से 307 अब भी कोरोना से अछूते हैं यानी 40 प्रतिशत से भी ज्यादा। ये 319 जिले ग्रीन जोंस हैं। 3 मई के बाद इन जिलों में फैक्ट्रियों, दुकानों, छोटे-मोटे उद्योगों समेत परिवहन और अन्य सेवाओं को भी शर्तों के साथ पूरी तरह खोलने की अनुमति दे दी गई है। गौरतलब है कि जिन जिलों में पिछले 21 दिनों से कोरोना वायरस के संक्रमण का एक भी मामला नहीं आता है, उन्हें ग्रीन जोन घोषित कर दिया जाता है। पहले यह अवधि 28 दिनों की थी जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने घटाकर 21 दिन कर दी।
मुख्‍यमंत्रियों की बैठक में पीएम ने दिए थे संकेत
दरअसल, पिछले सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी की मुख्‍यमंत्रियों के साथ हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में ज्‍यादातर मुख्‍यमंत्रियों ने लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की थी। इस दौरान पीएम मोदी ने राज्यों के लिए हॉटस्पॉट्स यानी रेड जोन क्षेत्रों में सख्ती से दिशा- निर्देश लागू करने के महत्व पर प्रकाश डाला था। उन्होंने कहा कि रेड जोन को नारंगी में बदलने और उसके बाद हरे क्षेत्रों में परिवर्तित करने के लिए राज्यों को निर्देशित किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि पिछले 24 घंटे में भारत में 1,993 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, जिससे कुल मामले 35,043 हो गई है, इसमें से 25,007 मामले सक्रिय हैं। 24 घंटे में लगभग 600 लोग ठीक भी हुए। देश में रिकवरी रेट 25 फीसद से अधिक होने के बाद भी कोराना वायरस के मरीजों की संख्‍या लगातार बढ़ रही है। यही कारण है कि देश में सावधानी बरती जा रही है।