नई दिल्ली: पिछले एक महीने से जारी लॉकडाउन के बीच लाखों दुकानदारों और आम लोगों को बड़ी राहत देते हुए केंद्र सरकार ने शनिवार से सभी तरह की दुकानें खोलने की अनुमति दे दी है। इसमें जरूरी और गैर-जरूरी सामान की दुकानें शामिल हैं। इन दुकानों में काम करने वालों को लॉकडाउन के लिए जारी दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। लेकिन शॉपिंग मॉल्स और मार्केट कांप्लेक्स को खोलने की अनुमति नहीं दी गई है।
गृह मंत्रालय का यह आदेश ऐसे समय में आया है जब इस्लाम धर्म का पवित्र महीना रमजान शनिवार से शुरू हो रहा है। शुक्रवार मध्य रात्रि के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 15 अप्रैल को जारी अपने आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि लॉकडाउन के दौरान देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दुकानें और स्थापना अधिनियम के तहत पंजीकृत और नगर निगम और नगर पालिका क्षेत्रों में मौजूद आवासीय परिसरों व निकट पड़ोस (गली मोहल्ले) की दुकानों के साथ ही एकल दुकानें खोलने की अनुमति होगी।
आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इन दुकानों में 50 फीसद कर्मचारी ही काम करेंगे। उन्हें शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए मास्क पहनना होगा और लॉकडाउन की शर्तो का पालन करना होगा। 24 मार्च से बंद गली मोहल्लों की दुकानें सरकार के इस फैसले से खुल जाएंगी और जिससे लाखों लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। मंत्रालय ने भी साफ कर दिया है कि हॉटस्पॉट और कंटेनमेंट जोन में किसी तरह की छूट नहीं दी गई है।
माल्स में दुकानें नहीं खुलेंगी
मल्टी और सिंगल ब्रांड के माल्स में मौजूद दुकानों को ये छूट नहीं मिलेगी। यानी माल्स में दुकानें नहीं खुलेंगी। नगर निगम क्षेत्र में आस-पड़ोस की दुकानें खोलने की अनुमति होगी। लेकिन निगम क्षेत्र में मार्केट परिसर में मौजूद दुकानें तीन मई तक बंद रहेंगी।
नहीं खुलेंगी हॉटस्पॉट जोन की दुकानें
गौरतलब है कि लॉकडाउन अभी 3 मई तक चलेगा। कोरोना हॉटस्पॉट और कंटेनमेंट जोन में स्थित दुकानों को अभी खोलने की छूट नहीं मिली है। लॉकडाउन के दौरान सिर्फ जरूरी सामान वाले दुकानों को ही खोलने की इजाजत थी। इसमें राशन, सब्जी और फल की दुकानें शामिल हैं। अब सभी जरूरी और गैरजरूरी दुकानों को खोलने की अनुमति देने से उम्मीद है कि कारोबार एक बार फिर पटरी पर आएगा। एक महीने से जारी लॉकडाउन के चलते दुकानें बंद रहने से व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान हो चुका है।
गृह मंत्रालय ने लगाई हैं कुछ शर्तें
गृह मंत्रालय की तरफ से जारी हुए आदेश के मुताबिक केंद्र सरकार ने आवासीय कॉलोनियों के समीप बनी दुकानों और स्टैंड-अलोन दुकानों को खोलने की इजाजत दे दी है जो नगरपालिका निगमों और नगर पालिकाओं की सीमा के भीतर आती हों। लेकिन इस इजाजत के साथ गृह मंत्रालय ने कुछ शर्तें भी लागू की हैं। शर्तों के मुताबिक..
1-सभी दुकानें संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के स्थापना अधिनियम के तहत पंजीकृत होनीं चाहिए।
2- दुकानों में सिर्फ आधा स्टाफ ही काम कर सकेगा।
3- स्टाफ द्वारा मास्क लगाना अनिवार्य होगा।
4- दुकानदार और ग्राहक को शारीरिक दूरी जैसे उपायों को भी निभाना होगा।
स्कूली किताबों की दुकानों को पहले ही दी छूट
आपको बता दें कि इससे पहले 21 अप्रैल को सरकार ने आवश्यक कदम उठाते हुए स्कूली पुस्तकों की दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी थी। इसके अलावा बिजली के पंखे बेचने वाली दुकानों को भी प्रतिबंधों की सूची से बाहर कर दिया गया। गृह मंत्रालय ने कहा था कि शहरी क्षेत्रों में स्थित ब्रेड फैक्टरियां और आटा मिल भी लॉकडाउन के दौरान काम शुरू कर सकते हैं। कोरोना वायरस लॉकडाउन का असर बच्चों की पढ़ाई पर न पड़े, इसके लिए सरकार ने यह कदम उठाया था।