फर्रुखाबाद:(नगर प्रतिनिधि) जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह के लाख प्रयास के बाद भी नगर में कई जगह सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती हुई दिखती है| जिसमे किराने का थोक बाजार लिंजीगंज मुख्य है| बीते दिन सोशल डिस्टेंसिंग की पोल खुली थी| जिसकी खबर जेएनआई ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी| जिसका असर हुआ| बुधवार को सुबह से ही पुलिस शख्त हो गयी और भीड़ को आने नही दिया गया| केबल उन्ही को दुकान में पैकिंग करने की अनुमति दी गयी जिन्हें जिला प्रकाशन की तरफ से अधिकृत किया गया है|
लिंजीगंज बाजार से वैसे तो आस-पास के जनपदों में भी किराने आदि का सामान सप्लाई होता है| लेकिन लॉक डाउन के चलते बाहर से खरीददार नही आ पा रहे है लेकिन जनपद से भीड़ पंहुच जाती है| दूकानदार अपनी जिम्मदारी भूलकर नोट सीधे करने में लग जाते है| आने वाले लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नही कराते| पहले तो आदेश आने तक किसी भी परचून की दुकान को खोलने की अनुमति नही है| इसके बाद भी भीड़ एकत्रित कर दुकानें संचालित हो जाती है और लॉक डाउन में सोशल डिस्टेंसिंग का कानून टूट जाता है|
बीते दिन भी लिंजीगंज में थोक के भाव भीड़ एकत्रित हो गयी थी| यह केबल पुलिस, मीडिया और जिला प्रशासन की ही जिम्मेदारी नही है| बल्कि खुद हम सब की जिम्मेदारी है कि देश की रक्षा लिए लॉक डाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें| मंगलवार को जेएनआई ने लिंजीगंज बाजार की देख लो डीएम साहब: लिंजीगंज में थोक के भाव में टूट रहा सोशल डिस्टेंसिंग शीर्षक पर खबर प्रकाशित की थी| जिसकें बाद पुलिस फिर हरकत में आ गयी और सुबह से ही भीड़ को खदेड़ दुकानें बंद करा दी|
जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह का कहना है कि केबल वही दुकानें खुलेगी जिसको अनुमति दी गयी है| वह भी केबल पैकिंग कर सामान की सप्लाई देंगे| दुकान पर भीड़ लगाना गैरकानूनी है यदि सोशल डिस्टेंसिंग टूटी तो कार्यवाही की जायेगी|