DC-MDM का DM कार्यालय पर पत्रावली खोने का आरोप

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फर्रुखाबाद, जिला समंवयक मध्याह्न भोजन नीलू मिश्रा ने अपने संविदा कार्यकाल के नवीनीकरण के लिये अब जिलाधिकारी कार्यालय पर ही अपनी नियुक्ति पत्रावली खोने का आरोप लगा दिया है। इस सम्बंध में उन्होंने स्वयं ही अपनी नियुक्ति पत्रावली की गुमशुदगी की सूचना भी कोतवाली पुलिस को दे दी है।  इस दौरान उन्होंने 21 फरवरी को ही समाप्त हो चुके अपने संविदा कार्यकाल के नवीनीकरण के बिना ही वेतन निकालने के लिये भी बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखा है।
*एक वर्ष बाद कोतवाली को स्वयं दी अपनी नियुक्ति पत्रावली की गुमशुदगी की सूचना

*नवीनीकरण आवेदन के साथ नियुक्ति एवं नवीनीकरण आदेशों की प्रतियां संलग्न हैं


जनपद में विगत कई वर्षों से तैनात जिला संमन्वयक मध्याह्न भोजन नीलू मिश्रा की कर्मठता का अंदाजा परिषदीय विद्यालयों में मध्याह्न भोजन की वर्तमान स्थिति से बखूबी लगाया जा सकता है। उनकी कार्यप्रणाली के विषय में बेसिक शिक्षा अधिकारी, सहायक निदेशक बेसिक शिक्षा और मध्याह्न भोजन प्राधाधिकारण में फाइलें जीवंत प्रामण हैं। श्रीमती नीलू मिश्रा का संविदा कार्यकाल विगत 20 मार्च को समाप्त हो चुका है। जाहिर है कि ऐसे में नवीनीकरण के लिये मूल पत्रावली घातक हो सकती थी, सो वह मूल नियुक्ति पत्रावली ही नदारद है। मजे की बात है कि श्रीमती मिश्रा ने इस पत्रावली के खोने का आरोप भी परोक्ष रूप से जिलाधिकारी कार्यालय पर ही लगा दिया है। इतना ही नहीं इस पत्रावली के खो जाने की सूचना भी कोतवाली फतेहगढ़ में स्वयं ही दी है। इतना ही नहीं इन परिस्थितियों के आधार पर ही अपनी संविदा को बढ़ाने का भी अनुरोध किया है।

वर्तमान में संविदा नवीनीकरण की पत्रावली जिलाधिकारी के पास लंबित है। डीएम ने मूल पत्रावली मांगी है। जाहिर है कि जब कतिपय कारणों से गायब मूल नियुक्त पत्रावली की गुमशुदगी की सूचना पुलिस को दी जा चुकी है तो वह डीएम को भेजी कैसे जा सकती है। पत्रावली गायब होने के संभावित कारणों को यदि फिलहाल छोड़ भी दें तो भी सवाल यह है कि आखिर अपनी नियुक्ति पत्रावली की गुमशुदगी की सूचना देने के लिये नीलू मिश्रा को स्वयं कोतवली जाने की जरूरत क्यों पड़ी और इस फइल के रखरखाव के लिये जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी की ओर से यह गुमशुदगी क्यों नही दर्ज करायी गयी। उल्लेखनीय है कि पुलिस विभाग से जुड़े अधिकारी इस गुमशुदगी की सूचना को फर्जी बता रहे है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जब थाने या कोतवाली में कोई प्रर्थनापत्र दिया जाता है तो उस पर बाकायदा GD नंबर व तिथि अंकित की जाती है। जबिक इस पर इस प्रकार का कोई अंकन नहीं है। इस सम्बंध में श्रीमती मिश्रा से बात करने का प्रयास किया गया, परंतु उनके सीयूजी फोन की घंटी बजती रही, उन्होंने फोन नहीं उठाया। इस सम्बंध में श्रीमती मिश्रा ने बताया कि उन्होंने केवल पत्रावली गुम होने की सूचना पुलिस को दी थी। पत्रावली के विषय में अधिक जानकारी बेसिक शिक्षा अधिकारी को हो सकती है।

प्रकरण से जुड़े अन्य समाचार
1-मध्याह्नन भोजन जिला समंवयक के नवीनीकरण पर तलवार
2 –नीलू की लापरवाही लील रही मासूमों के मुंह का निवाला
3 –फर्जी आंकड़ेबाजी में समन्वयक का कटा वेतन