Thursday, December 26, 2024
spot_img
HomeCRIMEदुष्कर्म के आरोपित चिन्मयानंद की जमानत मंजूर

दुष्कर्म के आरोपित चिन्मयानंद की जमानत मंजूर

प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एलएलएम छात्रा से दुष्कर्म करने के आरोपित पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। कोर्ट ने सीजेएम शाहजहांपुर को उन्हें बड़ी धनराशि के मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने दिया है। कोर्ट ने अर्जी पर 19 नवंबर 2019 को बहस के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। चिन्मयानंद पर एलएलएम छात्रा के साथ दुष्कर्म करने का आरोप है। कोर्ट ने मुकदमे की प्रतिदिन सुनवाई करने का भी निर्देश दिया है। दुष्कर्म पीडि़ता ब्लैकमेल की आरोपी छात्रा व उसके सहयोगियों की जमानत पहले ही मंजूर हो चुकी है।
मामले की जांच एसआइटी कर रही है। इसकी चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है। हाईकोर्ट की खंडपीठ इस मामले की मानीटरिंग कर रही है। गौरतलब है कि एलएलएम छात्रा ने स्वामी चिन्मयानंद पर अश्लील वीडियो बनाकर कई बार दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। दूसरी तरफ चिन्मयानंद की तरफ से पांच करोड़ रुपये की ब्लैकमेलिंग के आरोप में पीडि़ता छात्रा व उसके साथियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी गयी। छात्रा के लापता होने पर सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया था, इसके बाद छात्रा राजस्थान से साथियों के साथ बरामद की गई। उसे सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया। बयान दर्ज होने के बाद कोर्ट ने प्रकरण मानीटरिंग करने के लिए हाईकोर्ट को भेज दिया था। हाईकोर्ट की ओर से अब लगातार मानीटरिंग की जा रही है।
ब्लैकमेलिंग के आरोपित हो चुके है जमानत पर रिहा
चिन्मयानंद से ब्लैकमेलिंग की आरोपित छात्रा, उसके दोस्त संजय सिंह, विक्रम सिंह और सचिन सेंगर की हाईकोर्ट से पहले ही जमानत मंजूर हो चुकी है। ब्लैकमेलिंग के आरोपितों को जमानत पर जेल से रिहा भी किया जा चुका है।
फेसबुक एक वीडियो जारी कर उत्पीड़न का था आरोप
स्वामी चिन्मयानंद के संस्थान एसएस लॉ कॉलेज शाहजहांपुर में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने 24 अगस्‍त को फेसबुक एक वीडियो जारी कर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। वीडियो पोस्‍ट कर उसने पूर्व केंद्रीय मंत्री पर आरोप लगाए थे कि उन्‍होंने पीडि़ता समेत कई लड़कियों का यौन शोषण किया है। उसने यह भी दावा किया कि उसके पास इसके सबूत हैं। यह वीडियो पोस्‍ट करने के बाद छात्रा गायब हो गई थी, जो कि बाद में राजस्थान में मिली थी। इसपर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लड़की को 30 अगस्‍त को कोर्ट में पेश किया गया था।
कोर्ट के आदेश पर फिलहाल वह दिल्ली में शार्ट स्टे होम में पुलिस सुरक्षा में रही और उसके माता-पिता भी दिल्ली लाए गए थे। इससे पहले शाहजहांपुर पुलिस ने 25 अगस्‍त को चिन्‍मयानंद के कानूनी सलाहकार ओम सिंह की शिकायत पर अज्ञात व्‍यक्तियों के खिलाफ जबरन वसूली और सूचना तकनीक ऐक्‍ट के तहत एफआएआर दर्ज कराई थी। इसके बाद इस केस में छात्रा के पिता की तहरीर पर स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ अपहरण और जान से मारने की धमकी मुकदमा दर्ज किया गया था।
सितंबर माह में हुई थी गिरफ्तारी
कई दिनों की जद्दोजहद के बाद बीते साल सितंबर महीने में स्वामी चिन्मयानंद की गिरफ्तारी उनके मुमुक्ष आश्रम से हुई थी। स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) टीम ने यूपी पुलिस के साथ मिलकर चिन्मयानंद को आश्रम से गिरफ्तार किया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की दो सदस्यीय विशेष पीठ गठित करवा कर पूरे मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित करने का निर्देश दिया था।
टाइमलाइन में जानें कब क्या हुआ 

  • 24 अगस्त: स्वामी चिन्मयानंद के मुमुक्षु आश्रम द्वारा चलाए जा रहे एसएस लॉ कॉलेज के 23 वर्षीय लॉ छात्रा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री द्वारा उत्पीडऩ और यौन शोषण का आरोप लगाते हुए अपने फेसबुक वॉल पर एक वीडियो पोस्ट वायरल।
  • 25 अगस्त:  लॉ छात्रा लापता हो गई, पिता ने स्वामी चिन्मयानंद व अन्य पर बेटी को अगवा करने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी।
  • 26 अगस्त: स्वामी चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने खुलासा किया कि अज्ञात नंबर से पांच करोड़ की फिरौती मांगी, रिपोर्ट दर्ज कराई। 26 अगस्त एसपी ने छात्रा की बरामदगी के लिए तीन टीमें गठित की। आरोपों की जांच कोतवाल को सौंपी गई।
  • 27 अगस्त:  जिला पुलिस ने स्वामी चिन्मयानंद व अन्य के खिलाफ अपहरण और आपराधिक धमकी से संबंधित धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज की।
  • 30 अगस्त: लॉ छात्रा को यूपी पुलिस ने दौसा (राजस्थान) में मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के पास उसके एक दोस्त के साथ पाया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने लड़की को पेश करने के आदेश दिए। इस मामले में वीडियो वारयल हुआ। वीडियो में स्वामी चिन्मयानंद के होने का दावा किया। इसमें वह लड़की से मसाज करा रहे थे।
  • 2 सितंबर: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि लॉ छात्रा द्वारा लगाए गए स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ आरोपों को देखने के लिए स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) टीम का गठन किया जाए। कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मामले में दर्ज दो क्रॉस एफआइआर में जांच की निगरानी के लिए एक बेंच गठित करने का आग्रह किया।
  • 3 सितंबर: यूपी के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी के निर्देश मिलने के बाद यूपी डीजीपी ने आइजी नवीन अरोड़ा के अधीन एसआइटी का गठन किया।
  • 4 सितंबर: चिन्मयानंद ने अपने शैक्षणिक संस्थानों को बदनाम करने के लिए उनके खिलाफ एक साजिश का आरोप लगाया।
  • 10 सितंबर:  चिन्मयानंद और एक लड़की के बीच मालिश का एक कथित वीडियो वायरल हुआ।
  • 12 सितंबर: एसआइटी ने स्वामी चिन्मयानंद से करीब सात घंटे तक पूछताछ की। स्वामी का कमरा भी सील कर दिया। चिन्मयानंद के बिना अनुमति आश्रम से बाहर निकलने पर भी रोक लगा दी गई है। साथ ही जांच पूरी होने तक उनके शाहजहांपुर से बाहर जाने पर भी रोक लगा दी गई है।
  • 14 सितंबर: लॉ स्टूडेंट के पिता ने एक पेन ड्राइव एसआइटी को सौंपी, जिसमें चिन्मयानंद के 43 वीडियो क्लिप थे।
  • 16 सितंबर: छात्रा को कोर्ट लाया गया। इस दौरान सुरक्षा काफी कड़ी रही। छात्रा सुबह 10 बजे जेएम प्रथम कोर्ट में पहुंची और बयान दर्ज कराने के बाद दोपहर 2:42 बजे कोर्ट से निकली। करीब पौने पांच घंटे तक कोर्ट की कार्यवाही चली, जिसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच छात्रा को घर भेज दिया गया। धारा 164 से तहत छात्रा के कलमबंद बयान दर्ज किए जाने के बाद देर शाम स्वामी चिन्मयानंद की हालत अचानक बिगड़ गई। रात करीब आठ बजे मेडिकल कॉलेज और प्राइवेट डॉक्टरों की टीम आश्रम में उनके आवास दिव्य धाम पहुंची और उपचार किया।
  • 18 सितंबर: चिन्मयानंद के खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज न होने से नाराज छात्रा अपने पिता व भाई के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंची। यहां छात्रा ने कहा कि स्वामी की गिरफ्तारी नहीं हुई तो वह आत्महत्या कर लेगी। एसआइटी भी उसे इस मामले में कुछ नहीं बता रही है। इसलिए वह और भी व्यथित है, इस बात की जानकारी छात्रा के पिता ने दी है।
  • 20 सितंबर: एसआइटी ने चिन्मयानंद को उनके आश्रम से गिरफ्तार किया और उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। जबकि संजय, विक्रम और सचिन को चिन्मयानंद से ब्लैकमेलिंग में गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
  • 25 सितंबर : एसआइटी ने छात्रा को भी ब्लैकमेलिंग का आरोपित बनाते हुए जेल भेज दिया था। बीती नवंबर में एसआइटी ने मामले में कोर्ट में अपनी चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री डीपीएस राठौर और भाजयुमो के पूर्व जिला महामंत्री अजीत सिंह को भी ब्लैकमेलिंग का आरोपित बनाया था।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments