लखनऊ: नरेंद्र मोदी सरकार के बजट 2020 पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बजट को जहां दिवालिया करने वाला बताया है, वहीं बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने इसको हसीन सपने दिखाने वाला बजट बताया है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि यह तो इस सदी में दिवालिया सरकार का पहला दिवालिया बजट है। वित्त मंत्री ने करीब पौने तीन घंटा में बजट भाषण पढ़ा। बजट भाषण इतना लंबा इसलिए था, क्योंकि उनके (केंद्र सरकार) पास कुछ कहने के लिए नहीं था। अखिलेश यादव ने कहा कि इसलिए सोच रहे थे कि आखिर पेश करें तो क्या करें। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश बजट पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने कहा कि आखिर इस बजट में किसके लिए क्या क्या है, जरा बता दिया जाए। अखिलेश यादव ने कहा कि दिवालिया सरकार का इस साल का पहला दिवालिया बजट है।
उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि जिनका सबसे पसंदीदा काम गायों की रक्षा करना और बैलों से खेतों की सुरक्षा करना है। वो यही दो काम बेहतर तरीके से नहीं कर पा रहे हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि गाय भूख से मर रही हैं, बैल खेतों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और मुख्यमंत्री यहां दिल्ली में बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं। अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि महंगाई पर आप रोक नहीं लगा सके। उत्तर प्रदेश में दो बार इन्वेस्टर्स मीट हुई लेकिन, कुछ भी इन्वेस्टमेंट नहीं आया. नौजवानों को नौकरी नहीं मिली, किसानों के लिए उनके खस्ताहाल पर कोई बात नहीं की गई। आखिर जब लोगों के लिए इनकम की सहूलियत ही नहीं बढ़ी है तो, भला बोरोजगारी दूर कैसे होगी। उत्तर प्रदेश ने सबसे ज्यादा सांसद और विधायक दिए हैं, फिर भी इस बजट में उत्तर प्रदेश को कुछ नहीं मिला है।
अखिलेश यादव ने कहा कि जब व्यापारी जीएसटी से मर गया और नौकरियां है ही नहीं तो इनकम टैक्स की सहूलियत दी क्यों जा रही है। वित्त मंत्री के लंबे भाषण को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि यह सिर्फ इसलिये था ताकि जनता बजट को समझ ना पाए। किसान को कुछ मिलने नहीं जा रहा, ना ही उनकी आय दोगुनी होने जा रही है। बजट में नौजवनों के लिये नौकरी और बेरोजगारी को लेकर कोई ठोस फैसले नहीं लिये गये हैं।
केंद्र की गलत नीतियों से बढ़ी गरीबी
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि केन्द्र की गलत नीतियों व कार्यकलापों के कारण बढ़ती गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी आदि से लोगों की प्रति व्यक्ति/परिवार आय लगातार तंग होती जा रही है, फिर भी भाजपा सरकार लोगों को हसीन सपने दिखा रही है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि आज संसद में पेश आर्थिक सर्वे इसका ताजा ताजा प्रमाण है। इसके साथ ही, आज केंद्र सरकार द्वारा पेश की गई आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट, देश की जनता को काफी कुछ निराश करने वाली है। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण सरकारी लेखा-जोखा होता है और आज संयुक्त संसद के समक्ष उनके अभिभाषण में देश और जनहित को लेकर जो भी बातें कही गई हैं वे हवा-हवाई ज्यादा हैं और जमीनी हकीकत में बहुत कम हैं। यह किसी से छिपा नहीं है।