लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सियासी जमीन मजबूत करने के लिए की दिशा में आगे बढ़ रहीं प्रदेश प्रभारी व राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने सोमवार को भी लखनऊ में वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ मंथन किया। दोपहर के बाद उन्होंने पत्रकार वार्ता कर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर हुई हिंसा के बाद निर्दोष लोगों को गिरफ्तार करने का आरोप लगा योगी सरकार को घेरा। उन्होंने सीएए को संविधान के खिलाफ बताया और कहा कि जहां-जहां कांग्रेस की सरकार है वहां इस कानून को लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने भाजपा के सीएए को लेकर जागरूकता अभियान को झूठा अभियान करार दिया। इससे पहले कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि पुलिस ने जनता को प्रताड़ित किया। हम ऐसे प्रताड़ित लोगों को मदद देंगे।
सीएए और एनआरसी को लेकर प्रियंका वाड्रा ने सोमवार को फिर सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में प्रियंका ने कहा कि हमने राज्यपाल को पत्र के माध्यम से पूरा विवरण भेज दिया है कि नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वालों के खिलाफ हुई कार्रवाई का कोई कानूनी आधार नहीं है। छात्रों पर कोई कार्रवाई न करने, मामले की रिटायर्ड जज से जांच कराने और संपत्ति जब्ती की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है। प्रियंका ने बताया कि कांग्रेस ने तय किया है कि इस मामले में गिरफ्तार लोगों की विधिक सहायता भी पार्टी करेगी।
दस्तावेज के रूप में राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
प्रियंका ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यूपी में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई की जांच होनी चाहिए। इसके लिए प्रियंका ने राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन की जानकारी दी कि यह एक दस्तावेज के रूप में है, जिसको हम सब कई दिनों से देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार और पुलिस ने अराजकता फैलाई है। ऐसे कदम उठाए गए हैं, जिनका कोई लीगल आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि आप जानते हैं कि मैं बिजनौर गई थी, वहां हिंसा में दो लोगों की मौत हुई थी। लड़का कॉफी मशीन चलाता था, पिता को कहा कि मैं 5 मिनट में दूध लेकर आता हूं, वो बच्चा गली में से निकला, पिता ने 10 मिनट इंतजार किया। फिर उन्हें एक बच्चे की खबर मिली और उन्हें अपने बेटे की लाश मिली। पुलिस ने दबाव डाला, केस दर्ज न करने के लिए धमकाया गया।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार 21 साल का सुलेमान यूपीएससी की तैयारी कर रहा था। पढ़ाई के दौरान बच्चों के ट्यूशन भी लेता था। शाम को नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद गया, वह मस्जिद के बाहर खड़ा था। परिवार और मौके पर खड़े लोगों का कहना है कि पुलिस ने उसे उठाया था। बाद में पता चला कि 5-6 किलोमीटर दूर लड़के की लाश मिली है, उसे छाती में गोली लगी थी। इसी स्थिति में उसके परिवार को यह लड़का मिला। पुलिस ने इस मामले में भी एफआइआर दर्ज नहीं करने के लिए दबाव डाला।
शांति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों को भेजा जेल
प्रियंका गांधी ने कहा कि लखनऊ में मैं 77 साल के रिटायर्ड आइपीएस अधिकारी के घर जा रही थी, जिनको उनके घर से गिरफ्तार किया गया था। उनकी पत्नी बीमार हैं, घबरा गई थीं। क्योंकि उनको ऐसी लिस्ट में डाला गया था, जिसमें 48 लोंगों के नाम हैं। उन लोगों पर गंभीर केस लगाए गए हैं। इसी प्रकार विश्वविद्यालयों के बच्चों को जेल में डाला गया, जो शांति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे। राज्यपाल को दी गई चिट्ठी में ऐसे तमाम मिसाल दिये गए हैं, जहां पुलिस और प्रशासन खुद गलत काम कर रहे हैं। इन उदाहरणों में दिख रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो बयान दिया है कि वह बदला लेंगे। उस बयान पर पुलिस और प्रशासन कायम है। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब एक मुख्यमंत्री ने ऐसा बयान दिया कि जनता खिलाफ बदला लिया जाएगा।
यह श्रीकृष्ण और श्रीराम का देश
प्रियंका गांधी ने कहा कि यह श्रीकृष्ण और श्रीराम का देश है। इस देश की आत्मा में हिंसा, बदला और रंज की जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि योगी जी यह भगवा आपका नहीं, हिंदू धर्म का प्रतीक है। इसमें हिंसा की कोई जगह नहीं है। भगवा पहना है तो इसका मूल्य भी समझिए। यह प्रेम और करुणा का संदेश देने वाले राम और कृष्ण का देश है। यहां भगवान शिव की बारात में सभी नाचते हैं। एक प्रश्न के जवाब में प्रियंका ने कहा कि भाजपा एनआरसी पर जागरूकता अभियान नहीं, झूठ का अभियान चला रही है। कांग्रेस नेता ने अपनी सुरक्षा के सवाल को यह कहकर टाल दिया कि मेरी सुरक्षा का विषय बहुत छोटा है, यहां तो पूरा प्रदेश असुरक्षित है, हमें उसकी चिंता करनी है।
एनआरसी का वैध नागरिकता के प्रमाण पत्र से कोई ताल्लुक नहीं
प्रियंका गांधी ने कहा कि यह वैध नागरिकता का प्रमाण पत्र नहीं है। इसे लोग ही लागू नहीं होने देंगे। जो गरीब है, श्रमिक है, वह नागरिकता कैसे प्रमाणित करेगा। जिस प्रकार से नोटबंदी ने सभी को प्रताड़ित किया वैसे ही यह कानून भी सभी को प्रताड़ित करेगा। आज तमाम छात्र सड़क पर हैं। वे पढ़े-लिखे बच्चे हैं, वे समझते हैं कि किया हो रहा है। उन्होंने कहा कि एनआरसी का वैध नागरिकता के प्रमाण पत्र से कोई ताल्लुक नहीं है। यह एनआरसी को लागू करने का बहाना है। प्रेसवार्ता में प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, राष्ट्रीय महासचिव पीएल पुनिया, पूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद, पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी, कांग्रेस विधानमंडल दल नेता आराधना मिश्रा और आचार्य प्रमोद कृष्णम भी थे।
प्रियंका गांधी ने रखी ये चार मांगें
– पुलिस अपने रवैये को सुधारे। हिंसात्मक, गैरकानूनी और आपराधिक कार्रवाई को रोका जाए।
– मौजूदा हाई कोर्ट जज या रिटायर्ड जज की निगरानी में पूरे मामले की जांच कराई जाए।
– जब तक आरोप साबित नहीं हो जाते तब तक लोगों की प्रॉपर्टी को जब्त न किया जाए।
– शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे छात्रों के खिलाफ केस दर्ज न किया जाए।
आरोपितों को कांग्रेस निशुल्क विधिक मदद देगी
नागरिकता संशोधन कानून, कानून व्यवस्था, किसान या फिर महिला सुरक्षा, वह कोई भी मुद्दा हाथ से जाने नहीं देना चाहती हैं। तय हुआ है कि कांग्रेस अब हर मुद्दे को पकड़कर अगले विधानसभा चुनाव की ओर कदम बढ़ाएगी। दो दिवसीय दौरे पर शनिवार शाम लखनऊ आईं प्रियंका वाड्रा ने यूपी की वर्तमान राजनीतिक तपिश को भांपते हुए सोमवार को भी रुकने का फैसला किया है। वह पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ लगातार प्रदेश मुख्यालय में मंथन कर रही हैं। इसी क्रम में तय किया गया है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुई हिंसा के दौरान गिरफ्तार आरोपितों को कांग्रेस निशुल्क विधिक मदद देगी। इस संबंध में प्रियंका वाड्रा ने पूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद के नेतृत्व में आए वकीलों के दल से विचार विमर्श किया है।
कांग्रेस ने राज्यपाल को सौंपी पेन ड्राइव
कांग्रेस महासचिव व प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने पार्टी कार्यालय में पहुंचकर वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक शुरू की है। इससे पहले यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल को प्रियंका वाड्रा का पत्र और पेन ड्राइव सौंपी है। कांग्रेसियों ने कहा है कि बीते दिनों यूपी में सीएए और एनआरसी के विरोध को लेकर हुई हिंसा और पुलिस की भूमिका की जांच होनी चाहिए।
निर्दोषों को रिहा किए जाने की उठाई मांग
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात कर उन्हें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पत्र के साथ एक पेन ड्राइव सौंपी गई है। राज्यपाल को अवगत कराया गया है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शनों के दौरान भड़की हिंसा में पुलिस किस तरह से गोलियां चलाती और गाड़ियां तोड़ती दिख रही है। राज्यपाल इसकी जांच की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से पूरा प्रदेश जला और उपद्रव हुआ, इसके दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर तमाम बेगुनाहों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। उनको न्याय दिलाने के लिए भी राजपाल से बात की गई है।
सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं
प्रियंका गांधी ने सोमवार को ट्वीट करते हुए कहा कि सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं। दरअसल, ये बात प्रियंका ने हिंदी ज़ुबान के महान कवि दुष्यंत कुमार की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए लिखा- आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी..शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए..सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।