एक और दुष्कर्म पीड़‍िता की उन्नाव में मौत, पुलिस पर आरोप

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कानपुर: उन्नाव में पांच दिन पहले एसपी कार्यालय में आत्मदाह करने के लिए खुद को आग के हवाले करने वाली दुष्कर्म पीड़‍िता एलएलआर(हैलट) अस्पताल में शनिवार देर शाम जिंदगी की जंग हार गई। सुबह सांस लेने में दिक्कत होने पर डॉक्टरों ने बचाने के लिए बहुत प्रयास किए, मगर हालत बिगड़ती चली गई, रात आठ बजे उसकी मौत हो गई। मौत की खबर पीड़‍िता के घर पहुंचते कोहराम मच गया। उधर आरोपित के परिवार वाले घर में ताला डाल फरार हो गए और पीड़‍िता के घर पुलिस तैनात कर दी गई है।
बीते सोमवार को हसनगंज क्षेत्र की युवती ने एसपी कार्यालय के गेट पर खुद को आग के हवाले करने के बाद भीतर दौड़ लगा दी थी। नौ साल से शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने वाले आरोपित और शादी का दबाव बनाने पर घर में घुसकर मारपीट करने वाले उसके परिवार वालों पर कार्रवाई नहीं होने से आहत होकर उसने यह कदम उठाया था। घटना के बाद पुलिस ने आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मुकदमा लिखकर मुख्य आरोपित अवधेश सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। एलएलआर अस्पताल (हैलट) में युवती की हालत गुरुवार से बिगड़ने लगी थी।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. जीडी यादव के मुताबिक युवती ने बोलना भी बंद कर दिया था। उसकी धीरे-धीरे हालत बिगड़ती चली गई। वह 85 फीसद जली थी। उसके गले, हाथ-पैर, पीठ, फेफड़े से लेकर नीचे का पूरा हिस्सा बुरी तरह जला था। अंदरुनी अंगों में सूजन से सांस लेने में तकलीफ शुरू हो गई। शनिवार सुबह दम घुटने पर उसके फेफड़े में ट्यूब डालकर ऑक्सीजन दी गई। हालत बिगड़ने पर वेंटीलेटर पर रखा गया, लेकिन बचा नहीं सके। शनिवार रात आठ बजे उसकी मौत हो गई। हसनगंज कोतवाली प्रभारी अरुण सिंह के मुताबिक अधिकारियों को जानकारी देने के साथ पीडि़ता के घर पर सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल लगा दिया गया है।
पुलिस की उदासीनता से टूट गई थी पीड़‍िता
पीडि़ता ने गांव के ही अवधेश सिंह समेत चार लोगों के खिलाफ 30 सितंबर को हसनगंज कोतवाली में दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस तत्काल कार्रवाई करने के बजाय जांच के नाम पर पीडि़ता को दो माह तक टालती रही। इस बीच आरोपित ने हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत ले ली और पीडि़ता के साथ उसके परिवार का गांव में मजाक बनाने लगा। युवती ने पुलिस के आलाधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी। पूरी तरह टूट चुकी पीड़‍िता ने 16 दिसंबर को एसपी कार्यालय में खुद को आग लगा ली थी।
सपाई और कांग्रेस धरने पर बैठे
उन्नाव की दुष्कर्म पीडि़ता की मौत की जानकारी होते ही रविवार की सुबह कांग्रेस और सपा नेता पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए। यहां पर पीडि़ता की मां को न्याय का भरोसा देने के साथ धरना शुरू कर दिया। समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष अभिमन्यु गुप्ता और कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष उषा रानी कोरी ने शासन से पीडि़ता के परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा व अन्य अनुमन्य लाभ दिलाने की मांग की। जानकारी होते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए और शहर के हालातों का हवाला देते हुए सपा व कांग्रेस नेताओं को धरना खत्म करने को कहा। इसपर नेताओं ने मांगें पूरी होने के आश्वासन के बाद ही धरना खत्म करने की बात कही। पुलिस अफसरों ने उन्नाव के डीएम से वार्ता की, जिसमें उन्होंने सोमवार को पीडि़ता के घर जाने और परिवार वालों की पूरी मदद करने का भरोसा दिया।