फर्रुखाबाद: अमन के शहर फर्रुखाबाद में उपद्रव की जमीन तैयार करने वाले मास्टर माइंड पर्दे के पीछे से गतिविधियां संचालित करते रहे।
पहले शांतिपूर्ण विरोध, फिर हिंसा भड़कने के बाद भी कोई बड़ा चेहरा शहर को शांत करने के इरादे से नहीं उतरा। सुबह से ही चौक व घुमना बाजार, नेहरु रोडपर पुलिस फोर्स बढ़ाई गई।
नेहरु रोड पर जामा मस्जिद में नबाज के बाद भीड़ जमा हुई| जिसमे से कुछ उपद्रवियों नें देखते ही देखते बबाल शुरू कर दिया और शहर शाम पांच बजे तक बबाल में दहकता दिखाई दिया।
अमन की बात करने वालों ने बिगाड़ी बात
खुफिया तंत्र से जुड़े लोगों का मानना है कि शहर में समय-समय पर अमन की बात करने वालों ने सबसे ज्यादा बात बिगाड़ी। गुपचुप ढंग से इसकी पूरी तैयारी की गई थी। उपद्रवियों का भेद पुलिस और प्रशासन के अधिकारी लेते रहे, लेकिन पर्दे के पीछे बैठने वालों तक उनके हाथ नहीं पहुंच सके। नेतृत्व विहीन उपद्रवियों ने जो चाहा वो किया।
पुलिस का खुफिया तन्त्र रहा पूरी तरह फेल
जिस तरह से भीड़ एकत्रित हुए और नबाज के बाद उसमे से कुछ तत्वों नें भीड़ में आक्रोश भरकर उपद्रव शुरू कराया| यह सब तत्काल नही हो सकता सूत्रों की माने तो पहले से ही योजना बनाकर बबाल को हवा दी गयी|
अधिकारियों को मिला धोखा
अधिकारीयों नें इस सम्बन्ध में सम्बन्धित लोगों से बात की थी| जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह का सीधा कहना था की पूर्व में बात हो चुकी थी कि किसी भी प्रकार का विरोध प्रदर्शन नही होगा| ज्ञापन दिया जा सकता है| सहमति बनी उसके बाद भी बबाल किया गया| अधिकारी पूरी तरह से अस्वस्थ्य थे कि अब कुछ भी नही होगा| लेकिन बड़ा बबाल हुआ|