फर्रूखाबाद: सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मागी गई सूचना को देने से बचने के लिए खाद्य एवं विपणन विभाग के अधिकारी यादराम कार्यालय छोड़कर भाग गए| सूचना अधिकार अधिनियम के तहत कानपुर एवं फर्रुखाबाद की जेलों को दिए राशन के बाजार भावों की जानकारी करने के लिए कानपुर निवासी धीरेन्द्र ने सूचना मांगी थी| कानपुर एवं फर्रुखाबाद के जेल प्रशासन ने जब इस आशय की सूचना प्रार्थी को दी तो दोनों जेलों के राशन के बाजार भावों में बहुत अंतर सामने आया| फर्रुखाबाद जेल द्वारा खरीदा गया राशन कानपुर जेल द्वारा ख़रीदे गए राशन की अपेक्षा अधिक महगा था जिस पर धीरेन्द्र ने फर्रुखाबाद जेल प्रशासन पूंछा कि आपका राशन कानपुर जेल से अधिक महगा है आपको बाजार भाव किसके द्वारा उपलब्ध करवाए जाते हैं तो जेल प्रशासन ने खाद्य एवं विपणन विभाग का नाम बताया| खाद्य एवं विपणन विभाग का नाम आने पर धीरेन्द्र ने आर टी आई द्वारा खाद्य एवं विपणन विभाग से पिछले कई माह के राशन के बाजार भावों की सूची दिखाने के लिए आवेदन किया जिस पर विभाग द्वारा 14 मार्च 2011 को सांय 4 :30 का समय निर्धारित किया गया| पहले से निश्चित तिथि व समय पर धीरेन्द्र जब वहां पहुंचा तो खाद्य एवं विपणन विभाग अधिकारी यादराम उससे पल्ला झाड़कर भागने लगे| इस बात की सूचना धीरेन्द्र ने तत्काल JNI को दी| पत्रकार तुरंत मौके पर पहुंचे और यादराम से बात करनी चाही परन्तु यादराम ने पत्रकारों से भी कोई बात नहीं की और यह कहकर की आपको जो कुछ भी देखना है बाबू लोग दिखा देंगे और मौके से भाग गए| इसके बाद विपणन कार्यालय द्वारा जो राशन के बाजार भावों की सूची दिखाई गई वह विल्कुल भी प्रमाणिक नहीं थी| बाजार भाव रजिस्टरों के पन्ने बीच से फटे हुए थे और उन्हें देखकर यह प्रमाणित नहीं हो रहा था की ये किस विभाग के रजिस्टर हैं| सम्पूर्ण रिकार्ड्स पर कहीं भी कोई हस्ताक्षर व मोहर नहीं लगी थी|