दुष्कर्म के आरोप में पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरफ्तार, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

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शाहजहाँपुर: सरकार में गृह राज्य मंत्री रहे स्वामी चिन्मयानंद को छात्रा से दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार किया गया है। एसआइटी ने शुक्रवार को चिन्मयानंद को बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ उनके आश्रम में घेरा। पीड़ित छात्रा का सोमवार को 164 के तहत कलमबंद बयान दर्ज करवाया गया था। उसके बाद से ही पीड़िता स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ रेप का केस दर्ज करने और उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रही थी।
मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर में चिकित्सीय परीक्षण के बाद एसआइटी ने स्वामी चिन्मयानंद को कोर्ट में पेश किया गया। यहां कोर्ट में उनकी पेशी के मद्देनजर सुरक्षा की दृष्टि से जिला एवं सत्र न्यायालय के गेट पर पुलिस फोर्स तैनात किया गया। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद चिन्मयानंद को न्यायिक अभिरक्षा में लिया। उनको 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। इसके बाद उनको कड़ी सुरक्षा में शाहजहांपुर जिला जेल भेजा गया है। पुलिस उनको कोर्ट से जेल ले गई।
इससे पहले एसआइटी की टीम स्वामी चिन्मयानंद को मुमुक्ष आश्रम में उनके निवास से लेकर कोतवाली पहुंची। किसी भी अनहोनी की आशंका के कारण एसआइटी टीम के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल था । एसआइटी ने पुलिस की टीम के साथ पहुंचकर स्वामी चिन्मयानंद को आश्रम से उठाया। कोतवाली ले जाने के बाद चिकित्सीय परीक्षण के लिए मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंची। जहां के ट्रामा सेंटर में चेकअप किया गया । इस दौरान एसआइटी प्रभारी नवीन अरोड़ा के साथ ही अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद थे।
डीजीपी ओपी सिंह- जांच में सही मिला सेक्स स्कैंडल वीडियो
उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा कि जांच में वीडियो सही पाए जाने पर चिन्मयानंद की गिरफ्तारी हुई है। इनके अलावा ब्लैकमेल करने वाले तीन अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है।  डीजीपी शुक्रवार को डा. भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी में सूबे के पुलिस उच्चाधिकारियों के री यूनियन सेमिनार में शामिल होने आए थे। पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सभी साक्ष्य एकत्र करने के बाद गिरफ्तारी की गई है। पुलिस के पास मजबूत साक्ष्य हैं। चिन्मयानंद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। रामपुर सांसद आजम खां के सवाल पर कुछ नहीं बोले।
एसआइटी प्रभारी नवीन अरोड़ा ने कहा- दबाव में नहीं बदलेगी जांच
स्वामी चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप और रंगदारी प्रकरण की जांच कर रही एसआइटी के प्रभारी आइजी नवीन अरोड़ा ने कहा है कि उनकी जवाबदेही हाईकोर्ट के प्रति है। जिसका न सिर्फ उन्हें, बल्कि पूरी टीम को अहसास है। दोनों ही मामलों में जांच तेजी से और सही दिशा में चल रही है। हमको 23 सितंबर को अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट को सौंपनी है। किसी के कहने या मीडिया ट्रायल से जांच का रुख नहीं बदला जाएगा।
छह सितंबर के बाद आइजी नवीन अरोड़ा बुधवार शाम एक बार फिर शाहजहांपुर पुलिस लाइंस में बने अपने अस्थाई कार्यालय में थे। उन्होंने कहा कि दोनों ही मामलों में कड़ी से कड़ी जोड़ी जा रही है। सभी तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जा रही हैं। उन्होंने बतया कि जो भी वीडियो क्लिप या साक्ष्य मिले हैं, उनकी सत्यता भी जांची जा रही है।
आरोपों को स्वामी ने बताया साजिश
लॉ छात्रा की ओर से लगाए गए आरोपों पर स्वामी चिन्मयानंद का कहना था कि वह जल्द ही एक विश्वविद्यालय का निर्माण करने जा रहे थे। कुछ लोग चाहते हैं कि उसका निर्माण कार्य ना हो पाए। उनके खिलाफ पूरी साजिश की गई है और इसी के तहत आरोप लगाए गए हैं।
लखनऊ रेफर होने के बाद भी नहीं गए चिन्मयानंद
तबीयत बिगडऩे के बाद से शाहजहांपुर के राजकीय मेडिकल में भर्ती चिन्मयानंद को केजीएमयू, लखनऊ रेफर किया गया मगर उन्होंने वहां जाने से इन्कार दिया। वहां पर आयुर्वेदिक इलाज कराने की बात कहते हुए उनके साथ में आए लोग वापस मुमुक्षु आश्रम वापस ले गए। डायरिया होने की शिकायत पर चिन्मयानंद को बुधवार शाम करीब छह बजे राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। शाम करीब साढ़े चार बजे डॉक्टरों ने आगे के इलाज के लिए उन्हें किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) लखनऊ रेफर कर दिया। उनके प्रपत्र आदि तैयार थे, लेकिन चिन्मयानंद ने जाने से इन्कार कर दिया। उनके साथ आए इंद्रपाल व अन्य लोगों ने कहा कि चिन्मयानंद मुमुक्षु आश्रम में आयुर्वेदिक इलाज कराएंगे। उनके साथ आए लोगों ने लिखित में भी दिया कि वे उन्हें उनकी मर्जी से आश्रम लेकर जा रहे हैं। जिसके बाद मेडिकल कालेज प्रशासन ने औपचारिकताएं पूरी कराकर उन्हें जाने दिया।
दिल में दायीं ओर एक ब्लॉक
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एमपी गंगवार ने बताया कि चिन्मयानंद को डायरिया, ब्लड प्रेशर व शुगर असंतुलित होने की शिकायत थी, जिनमें इलाज के बाद सुधार हो गया, लेकिन ईसीजी के दौरान उनके दिल में दायीं ओर एक पुराना ब्लाकेज सामने आया था। इससे दिल के दौरे की संभावना थी, इसलिए एहतियात के तौर पर उन्हें केजीएमयू के लिए रेफर किया गया था।
कराया गया अल्ट्रासाउंड व जांच
गुरुवार को चिन्मयानंद का अल्ट्रासाउंड व अन्य जांचें कराई गईं। दोपहर में मेडिकल कालेज की पीआरओ डॉ. पूजा पांडेय ने मीडिया को बताया कि उन्हें शुगर, ब्लडप्रेशर आदि की दवाएं दी गईं। उन्हें केजीएमयू रेफर किया गया था। क्योंकि यहां के डॉक्टरों ने इसकी जरूरत बताई थी। वह यहां से कहां गए हैं पता नहीं। उन्होंने स्वयं को लामा कराया है।
एसआइटी को जाएगी मेडिकल रिपोर्ट
एसआइटी चिन्मयानंद की तबीयत पर नजर रखे है। मेडिकल कॉलेज की पीआरओ डॉ. पूजा ने बताया कि सोमवार को जब पहली बार चिन्मयानंद की तबीयत खराब हुई थी तब एसआइटी के कहने पर ही यहां से टीम मुमुक्षु आश्रम गई थी। बाद में बुधवार को उन्हें भर्ती करना पड़ा। चिन्मयानंद की मेडिकल रिपोर्ट तैयार कर एसआइटी को भेजी जाएगी।
निगरानी एक दिन बाद ही हटाई पुलिस
13 सितंबर को एसआइटी ने पूछताछ के बाद चिन्मयानंद की निगरानी के लिए पुलिस लगा दी थी। एक दिन बाद ही वहां से पुलिस हटा दी गई। हालांकि उन्हें हिदायत दी गई कि वह शाहजहांपुर छोड़कर कहीं बाहर नहीं जाएंगे। एसपी डॉ. एस चिनप्पा ने बताया कि 13 सितंबर के लिए आश्रम में तैनाती के लिए पुलिस मांगी थी जोकि दे दी गई थी। उसके बाद एसआइटी खुद अब खुद निगरानी कर रही है।
चिन्मयानंद के स्कूल में शिक्षक है छात्रा की मां, अभिलेख तलब
चिन्मयानंद के मुमुक्ष संकुल के एक स्कूल में छात्रा की मां सहायक अध्यापक है। इसी साल मई में ही उनकी नियुक्ति हुई थी। एसआइटी ने उनकी नियुक्ति से संबंधी अभिलेख तलब कर लिए। चिन्मयानंद का एक कॉलेज भी है, जोकि दो हिस्सों में संचालित होता है। एक हिस्सा कक्षा एक से आठवीं तक की पढ़ाई का है, जबकि दूसरे हिस्से में कक्षा नौ से इंटर तक पढ़ाई होती है। चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली छात्रा की मां को इसी वर्ष मई में सहायक अध्यापक नियुक्त किया गया था। कक्षा एक से आठवीं तक के स्कूल में पढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई थी। एसआइटी को जानकारी हुई तो गुरुवार को उनकी नियुक्ति से संबंधित अभिलेख तलब कर लिए। स्कूल प्रबंधन के लोग दोपहर को अभिलेख लेकर एसआइटी के अस्थाई कार्यालय पुलिस लाइंस पहुंचे। बताया कि छात्रा की मां कब से नौकरी कर रहीं, उनका वेतन कितना है। इसके अलावा कॉलेज में सुरक्षा के क्या इंतजाम हैं। कहां-कहां पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं इन सबके बारे में भी प्रधानाचार्य नरेंद्र शर्मा व लिपिक आदेश ने एसआइटी को जानकारी उपलब्ध कराई।
चिन्मयानंद के कहने पर मिली थी नौकरी
बताया जाता है कि छात्रा की मां का परिवार में कुछ विवाद हुआ था। जिसके बाद वह कुछ समय के लिए बेटी के पास हॉस्टल में चली गईं थीं। वहां उनको चिन्मयानंद के कहने पर मई में नौकरी दी गई थी। 24 अगस्त को वीडियो वायरल होने के बाद से वह वहां नहीं गईं।