Thursday, December 26, 2024
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खास खबर: केन्द्रीय कारागार में कैदी चलायेंगे अपना ‘जेल रेडियो’

फर्रुखाबाद:(दीपक शुक्ला)मैं बैरक नंबर छह-ए से कैदी संत राम मुझे ‘नदिया के पार’ फिल्म का गाना ‘कौन दिशा में लेके चला रे बटोहिया’ गाना सुनना है। कुछ ही देर बाद

बैरक में लगे साउंड सिस्टम में गाने की धुन बजने लगती है और कैदी झूम उठते हैं। सलाखों के पीछे तन्हा जिंदगी को सुकून और शांति के कुछ पल देगा जेल का अपना रेडियो। कैदी अपनी फरमाइश बताएंगे और साथी कैदी उद्घोषक कर उसका नाम पुकार कर मनपसंद गीत का प्रसारण करेगा। जेल के अपने रेडियो का लगातार ट्रायल सफल होने के बाद शनिवार को उसका विधिवत शुभारम्भ कर देशभक्ति के गीत के साथ प्रसारण शुरू हो गया|
जेल की ऊंची-ऊंची दीवार के बीच किसी न किसी जुर्म की सजा भुगत रहे कैदियों को वह सभी सहूलियतें मिल रही हैं जो जेल के मैन्युअल में शामिल है। इनके परिजन है, वह हफ्ता दस दिन में उनकी राजी खुशी लेने के लिए पहुंच रहे हैं और जिनका कोई नहीं है, वह दूसरे से दोस्ती करके वक्त की घड़ी गुजार रहे है। उनको जेल में सिर्फ एक ही पीड़ा हो रही है और वह बेचैनी। जो कभी उनको मायूस करती है तो कभी मन मस्तिष्क को तनाव घेर रहा है। इसी तनाव को कम करने के लिए सेन्ट्रल जेल फतेहगढ़ ने अपना रेडियो शुरू किया है। इसके लिए जेल प्रशासन को कोई ज्यादा तामझाम भी एकत्र नहीं करने पड़े हैं।
जिलाधिकारी नें विधिवत किया शुभारम्भ
जिलाधिकारी मोनिका रानी नें सेंट्रल जेल पंहुचकर विधिवत फीता काटकर जेल रेडियों का शुभारम्भ किया| उन्होंने कहा यह जेल रेडियो बंदियों के अकेले पन और तनाव को दूर करेगा|
जिससे बंदियों को नई सोच और दिशा मिलेगी| वहीं शुभारम्भ के दौरान ही बंदी नें “संदेशे आते है हमे तड़पाते है” गाकर सभी को तालियाँ बजाने पर मजबूर कर दिया |
शाम एक घंटे का होगा रेडियों कार्यक्रम 
जेल अधीक्षक एचएसएम रिजवी नें बताया कि सुबह सभी बैरकों में एक पेटी रखा दी जायेगी| जिसमे बंदी अपनी फरमाइस का गीत नाम और बैरक नम्बर लिखकर डाल देनें और उसके बाद शाम को 3 बजे से 4 बजे तक जेल रेडियों फतेहगढ़ JR-82.5 के कंट्रोल रूम से बंदियों के नाम का गाना बजेगा | बैरकों में साउंड सिस्टम लगे है जिनके जरिये गाना बैरक में ही बंदी सुन सकेंगे| गीत भी इंटरनेट से अपलोड किए जा रहे हैं। उद्धोषक की भूमिका कैदी ही निभा रहे हैं।

मुख्यधारा से जोडऩे के लिए व्यवस्था लागू
जेल अधीक्षक के मुताबिक, जेल में निरुद्ध कैदियों के जेहन से आपराधिक प्रवृत्ति को समाप्त करने और सजा पूरी कर जेल से छूटने के बाद उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोडऩे के लिए कारागार विभाग द्वारा ‘जेल रेडियो’ की शुरुआत की जा रही है। उम्मीद है कि संगीत के माध्यम से कैदियों में आपराधिक भावना में कमी आएगी।
कैदी भी रिकार्डिंग रूम जे गा सकेंगे गाना
कैदी रिकॉर्डिंग रूम में जाकर खुद गाने गाकर और कोई संदेश देकर उसकी रिकॉर्डिंग भी करा सकेंगे। फिर एक निश्चित समय पर उन्हें गाना सुनाया जाएगा। कैदी अपनी बैरक से पर्ची के जरिये गाने की फरमाइश करेंगे और उसके बाद म्यूजिक रूम से उन्हें गाने सुनाए जाएंगे।

 

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