कानपुर|| पान मसाले और गुटखे के प्लास्टिक पाउच पर सुप्रीम कोर्ट की पाबंदी के बाद अब पान मसाला और गुटखा निर्माताओं ने इसे कागज और एल्यूमिनियम क्वायल में पैक करने की नई तरकीब निकाली है।यह नई पैकिंग प्लास्टिक पैकिंग से थोड़ी महंगी होगी।
पान मसाला इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि प्लास्टिक पाउच का विकल्प ढूंढना उनकी मजबूरी बन गई थी। अगर ज्यादा दिन तक इसका विकल्प न ढूंढा जाता तो इसका पान मसाले के ब्रैंड की लोकप्रियता और उनके व्यवसाय पर काफी बुरा असर पड़ता।
शहर के प्रमुख पान मसाला वितरक और कानपुर किराना असोसिएशन के अध्यक्ष राकेश अग्रवाल ने बताया कि पान मसाला व्यवसायियों ने एक्साइज विभाग को 1 मार्च से 15 मार्च तक की बंदी का नोटिस दिया है। शहर में करीब 20 बड़ी पान मसाला इकाइयां है, जिनके यहां करीब 300 पान मसाला उत्पादन की मशीनें हैं। उन्हें प्रति मशीन साढ़े बारह लाख रुपये हर महीने सेंट्रल एक्साइज विभाग को देने होते हैं।
अब इन सभी इकाइयों ने विभाग को उत्पादन बंद करने का नोटिस दे दिया है और बता दिया है कि उनके यहां किसी मशीन पर कोई उत्पादन नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि नोटिस की अवधि 15 मार्च को समाप्त हो रही है, उसके बाद कागज और एल्यूमिनियम की पैकिंग में पान मसाला लाने की योजना बनाई है।