Monday, December 23, 2024
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काव्य की रसधार में बंदियों ने लगाये गोते

फर्रुखाबाद: बुधवार को स्वतन्त्रता दिवस की पूर्व संख्या पर जिला जेल में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवियों ने अपनी रचनाओं से समाज से जुड़ी समस्याओं पर काव्यपाठ कर झकझोरा। वहीं कवियों ने काव्यपाठ से बंदियों को गलत कार्य छोड़ समाज की मुख्य धारा से जुड़ने की सलाह भी दी।

कवि सम्मेलन का शुभारम्भ जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह ने किया| रंजन विशद ने काव्य पाठ करते हुए कहा कि जिन्दगी बागव की होती है चमन के लिए, चांदनी जूं खिला करती है हर इक मन के लिए, मांगू खुद गर्ज जमाने की सलामति कि यू कर,सलाम उनको है जो मर गये वतन के लिए,। ऋषि कुमार शर्मा ने कहा कि खून में हमारे वह रवानी चाहिए मौत आए ऐसी मौत आनी चाहिए, हो जिक्र हर जुबान पर वह कहानी चाहिए,
इस देश पर मिटे जो वह जवानी चाहिए|

नगमा बरेलवी नें कहा कि तुम न समक्षोगे वो पहेली हूं, मैं तो अपनी,ही खुद सहेली हूं,लौट आओ तुम्हें कसम है मेरी,बिन तुम्हारे बहुत अकेली हूं। हरीश शर्मा “यमदूत” नें कहा कि माना मैडम दोनों की लगें एक सी बात है बिल्कुल सच्ची । परन्तु भूतनी कभी अल्ट्रासाउंड करा मरवाती नही हैं बच्ची |
जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह नें बंदियों को सम्मेलन  में प्राप्त ज्ञान को अपने जीवन में उतारने की सलाह दी और कहा कि ऐसा करने से उनके कष्टों का निवारण खुदबुखद हो जायेगा। संचालन रंजन विशद ने किया| जेल प्रशिक्षक राजकुमार नें भी गजल गयी|
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शासन के निर्देश पर जिला जेल में बंद बंदी टीटू पुत्र सियाराम कुलदीप उर्फ कल्लू पुत्र राम महेश राजीव कंजर पुत्र स्वर्गीय मुन्नू को जिला कारागार फतेहगढ़ से जुर्माना जमा कर रिहा किया जाएगा।

 

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