बजट सत्र खत्म, 32 बिल पास कर राज्यसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित

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JNI DESK: संसद के बजट सत्र का आज आखिरी दिन था आज राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई| सभापति ने इस सत्र का कई मायने में ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इस बार काफी अच्छा काम काज हुआ जो पिछले कई सत्रों में देखने को नहीं मिला था| उच्च सदन में 32 और लोकसभा में 36 विधेयकों को पारित किया गया| राज्यसभा में आज जलियावाला बाग राष्ट्रीय स्मारक बिल को वापस ले लिया गया और इससे पहले सदन ने मौन रखकर पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि दी|

सभापति ने कहा कि सत्र में तीन तलाक बिल का पास होना एक बड़े सामाजिक बदलाव का प्रतीक है. साथ ही जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल जैसे बिल भी काफी अहम रहे. उन्होंने सदन के सभी सदस्यों का आभार जताया और फिर से गतिरोध की ओर न लौटने की अपील की. सभापति ने सचिवालय के कर्मचारियों और महासचिव का भी आभार जताया. सदन के कुछ नए सदस्यों ने मुझे काफी प्रभावित किया है और जानकारी से अचंभित हूं. यह काफी अच्छी शुरूआत है और आने वाले वक्त में भी वह इस धारा पर चलते रहेंगे. राज्यसभा में अब वंदे मातरम गाया जा रहा है. सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई है|

राज्यसभा में पास हुए 32 बिल: सभापति

इस सत्र में 39 चर्चाएं हुईं और अच्छे माहौल में चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि इस सत्र में 32 विधेयकों को पारित किया गया और नकारात्मक खबरें इस बार नहीं बन सकीं. सभापति ने कहा कि इस सत्र की 35 बैठकों में 32 बिल पास हुए जो पिछले 17 साल की 52 सत्रों में पहली बार हुआ. इससे पहले 2002 में 35 बिल पास हुए थे. यह राज्यसभा का 5वां सबसे बेहतर सत्र रहा है. समय के उपयोग में भी रिकॉर्ड बना और 104 फीसदी उत्पादकता रही जो 5 साल में पहली बार हुआ. सदन में कुल 194 घंटे काम हुआ जो 11 साल बाद हो पाया है.|
सदन ने पेश की समन्वय की मिसाल: सभापति

राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित की जा रही है और जलियावाला बिल पर चर्चा नहीं हो सकी. सभापति ने कहा कि इस सत्र में काफी अच्छा काम हुआ है और इस सत्र में अच्छी चर्चा देखने को मिली जो पिछड़े सत्र में नहीं मिली थी. उन्होंने कहा कि इस सत्र में मोटर व्हीकल बिल पर चर्चा के दौरान राज्यों का चिंताओं का भी ध्यान रखा गया और बिल में संशोधन हुआ. इसी के साथ मेडिकल कमीशन बिल में भी सरकार की ओर से सदन की मांग पर संशोधन किया गया. साथ ही पोस्टल एग्जाम को विपक्ष की मांग के बाद रद्द किया गया. यह सभी मुद्दे आपसी सहयोग के परिचायक हैं|
जजों की संख्या बढ़ाने के बिल वापस

राज्यसभा में सुप्रीम कोर्ट के जजों की संख्या बढ़ाने संबंधी बिल को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने वापस ले लिया है. इस पर अगले सत्र में चर्चा की जाएगी. सभापति ने कहा कि वह बिल इस सदन में चर्चा या पारित हुए बिना भी कानून बनेगा क्योंकि वह मनी बिल के तौर पर लाया गया है, लेकिन नेता प्रतिपक्ष ने उस पर चर्चा के लिए सहमति जताई है जो अच्छी बात है|
अगले सत्र में बिल पर हो चर्चा, अभी करें पास: रविशंकर

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस बिल को अगले सत्र के लिए रखा जाएगा और किसी भी मुद्दे पर आपस में लड़ने का मौका नहीं है| रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह शताब्दी का वर्ष है और 1919 की त्रासदी से पूरा राष्ट्र आक्रोशित हुआ था. कांग्रेस की भूमिका को देश-दुनिया ने देखा है लेकिन किसी एक कंपोजिशन को बिल में जोड़ा जाए, हमें यही देखना होगा. प्रसाद ने कहा कि सदन से आग्रह है कि इस बिल को सदन से पास किया जाए और नवंबर में इस पर चर्चा के लिए हम तैयार हैं|
विपक्ष ने की बिल वापस लेने की मांग

सपा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि सुषमा जी के निधन से हम सभी दुखी हैं और ट्रस्ट में किसी को स्थाई नहीं रखना चाहिए जब जो जिस पद पर रहे वह अध्यक्ष रहे. बसपा प्रमुख ने भी सपा सांसद की बात का समर्थन किया है. टीएमसी के सांसद ने तीन विकल्प हैं बिल पर चर्चा करे, बगैर चर्चा के पास करें या फिर बिल को वापस लिया जाए. बीजेडी ने कहा कि या तो इसे बगैर चर्चा के पास किया जाए या फिर सरकार इसे अगले सत्र में लेकर आए.  डीएमके ने भी बिल को अगले सत्र में लाने की मांग की है|
बिल को बगैर चर्चा के पास कर दीजिए: संसदीय कार्यमंत्री

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि इसमें नेता प्रतिपक्ष और सबसे बड़ी पार्टी के नेता का नाम शामिल है| आज सुषमा जी के निधन की वजह से इस बिल को बगैर चर्चा के पास होने दीजिए और सभापति भी सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित करना चाहते हैं. संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि अगर विपक्ष राजी नहीं है तो इस पर पूरी चर्चा होने दीजिए और कोई विकल्प नहीं है. उन्होंने कहा कि ट्रस्ट की कई सदस्यों का निधन हो चुका है और अब इसकी शताब्दी पर इस बिल को पास करने की जरूरत है|
कांग्रेस को ट्रस्ट से बाहर करना गलत: आनंद शर्मा

राज्यसभा में केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बिल पेश करते हुए कहा कि इसमें तीन छोटे संशोधन हैं| इस पर आनंद शर्मा ने कहा कि हम आज के दिन ऐसी चर्चा नहीं चाहते जिससे कोई कटुता हो| शर्मा ने कहा कि अंतिम दिन इसे लाने की जरूरत नहीं थी| उन्होंने कहा कि जलियावाला बाग के साथ देश की भावनाएं जुड़ी हैं और जिन्होंने भी देश की आजादी के लिए संघर्ष किया उनका नमन देश का कर्तव्य है| कांग्रेस सांसद ने कहा कि देश की आजादी के लिए कांग्रेस ने संघर्ष किया था और इसे स्वीकार करने में किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए| जलियावाला बाग के 100 साल पूरे होने पर जिस दल ने राष्ट्रीय आंदोलन की अगुवाई की उसे बाहर करने पर विचार होना चाहिए|
J-K आरक्षण बिल हुआ वापस

राज्यसभा में गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने सदन में जम्मू कश्मीर आरक्षण दूसरा संशोधन बिल को वापस लेने की मांग की| यह बिल 5 अगस्त को सदन में पास हुआ था और फिर 6 अगस्त को लोकसभा से इसे वापस ले लिया गया था. इसके बाद सभापति ने राज्यसभा से भी इस बिल को वापस लेने की इजाजत दे दी| सभापति ने कहा कि जलियावाला बाग राष्ट्रीय स्मारक बिल को बगैर चर्चा के सदन से पास कर दिया जाए और उसके बाद सदन की कार्यवाही को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया जाएगा| इस पर सभी की सहमति बन चुकी है|