क़साब की सुनवाई आज से शुरू

Uncategorized

मौत की सज़ा को चुनौती देने वाली अजमल आमिर क़साब की याचिका पर सुनवाई सोमवार से बॉम्बे हाईकोर्ट में शुरु होगी. क़साब वर्ष 2008 में मुंबई पर हुए चरमपंथी हमलों का एक मात्र जीवित हमलावर है.

गत मई में एक विशेष अदालत ने विभिन्न आरोपों में दोषी पाए जाने के बाद क़साब को मौत की सज़ा सुनाई थी.

क़साब ने इस सज़ा को चुनौती दी है. हालांकि हाईकोर्ट ने क़साब की यह अर्ज़ी नामंज़ूर कर दी है कि इस सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से या फिर जेल प्रशासन की ओर से कोई अधिकारी मौजूद न रहें.

सुरक्षा की चिंता जब हाईकोर्ट में सुनवाई शुरु होगी तो क़साब ख़ुद अदालत में मौजूद नहीं रहेंगे बल्कि वे वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए इस मुक़दमे में भाग लेंगे.

क़साब को अदालत में न लाने का फ़ैसला सुरक्षा की वजह से लिया गया है. माना जा रहा है कि यह सुनवाई तीन महीनों में पूरी हो जाएगी. इसके दौरान वरिष्ठ न्यायाधीशों की एक पीठ विशेष अदालत में क़साब के ख़िलाफ़ पेश किए गए सबूतों को फिर से परखेगा.

अभियोजन पक्ष के वकील उज्जवल निकम ने बीबीसी से ख़ास बातचीच में दावा किया है कि क़साब के ख़िलाफ़ सरकार के पास पुख्ता सबूत हैं और हाईकोर्ट में उनकी दावेदारी मज़बूत है. उन्होंने कहा, ”चश्मदीदों की गवाही, दस्तावेज़ी सबूत और वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर हमलोग अपना केस तैयार कर रहे हैं जो बहुत मज़बूत प्रमाण हैं.”

लेकिन हाईकोर्ट में हो रही सुनवाई क़साब का अंतिम क़ानूनी अधिकार नहीं है.

यदि हाईकोर्ट में भी अजमल क़साब की हार होती है तो उसे सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का अधिकार होगा और इसके बाद राष्ट्रपति के सामने सज़ा माफ़ करने करने के लिए अपील भी की जा सकती है.

उल्लेखनीय है कि नवंबर, 2008 में क़साब सहित दस लोगों ने भारत की व्यावसायिक राजधानी में अंधाधुँध गोलियाँ बरसाई थीं और हथगोले फेंके थे.

इसमें कम से कम 170 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे.