Wednesday, December 25, 2024
spot_img
HomeFARRUKHABAD NEWSकड़ी कार्रवाई : CM के निर्देश पर सोनभद्र हत्याकांड में एसडीएम व...

कड़ी कार्रवाई : CM के निर्देश पर सोनभद्र हत्याकांड में एसडीएम व सीओ सहित पांच निलंबित

लखनऊ: सोनभद्र में जमीन पर कब्जा करने के प्रयास में दस लोगों की हत्या के मामले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहद गंभीरता से लिया है। उन्होंने गोपनीय रिपोर्ट मिलने के साथ बड़ी कार्रवाई की है। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वहां के एसडीएम व सीओ के साथ पांच लोगों को निलंबित किया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र में दस लोगों की हत्या के मामले में गठित जांच की संस्तुति पर सोनभद्र के घोरावल के एसडीएम, सीओ घोरावल, इंस्पेक्टर घोरावल समेत पांच अधिकारियों कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने इस कार्रवाई की जानकारी विधानसभा में दी है।

सदन की कार्यवाही जैसे ही सुबह 11 बजे शुरू हुई। नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी व बसपा के नेता लालजी वर्मा ने सोनभद्र का मुद्दा उठाते हुए चर्चा की मांग की। इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन में घोषणा करनी चाही कि नेता सदन एक महत्वपूर्ण विषय पर वक्तव्य देना चाहते हैं। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ह्रदयनारायण दीक्षित ने चर्चा से इनकार करते हुए नेता प्रतिपक्ष व बसपा नेता को शांत रहने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा एडीजी वाराणसी जोन व मंडलायुक्त मिर्जापुर की जांच समिति की रिपोर्ट पर शासन ने त्वरित कार्रवाई की है। समिति की जांच रिपोर्ट मे पाया गया है कि सीआरपीसी की धारा-145 के तहत कार्रवाई करने के लिए एसडीएम घोरावल रिपोर्ट काफी दिनों तक दबाए रहे। इसी तरह सीओ घोरावल के अलावा इंस्पेक्टर घोरावल ने भी कर्तव्यों का पालन नहीं किया। इतना ही नहीं घोरावल थाने के बीट सब-इंस्पेक्टर और सिपाही ने भी उचित कार्रवाई नहीं की। लिहाजा वहां के एसडीएम, सीओ, इंस्पेक्टर, एसआई व बीट इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया है।

यही नहीं अपर मुख्य सचिव राजस्व की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित कर दी गई है, जो वहां पूर्व में तैनात अधिकारियों की भूमिका की जांच करेगी। कमेटी देखेगी कि जमीन के हस्तांतरण के दौरान वहां पूर्व में तैनात अधिकारियों ने तो कोई लापरवाही तो नहीं की। इस विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद वहां पर भी बड़ी कार्रवाई होगी।

सोनभद्र की घटना दुर्भाग्यपूर्ण, कांग्रेस जिम्मेदार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सोनभद्र में इस बड़े हत्याकांड के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है। कांग्रेस ने 1955 से 1989 के बीत गलत तरीके से जमीन को आदर्श सोसायटी के नाम किया था। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण में 1955, 1989 और 2017 में हुई हरेक घटना की जांच होगी वाराणसी जोन के एडीजी पूरे प्रकरण की जांच कर दस दिन में रिपोर्ट सौपेंगे। इसके बाद सरकार दस दिन में सारे चेहरे को बेनकाब करेगी। उन्होंने दो टूक कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिस क्षेत्राधिकारी घोरावल,  उप जिला अधिकारी (एसडीएम) घोरावल, घोरावल पुलिस थाने के इंस्पेक्टर, हलके के दरोगा और बीट कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यपनाथ ने कहा कि सोनभद्र की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। 1955 से 1989 तक जमीन आदर्श सोसायटी के नाम पर थी। 1989 में इस जमीन को एक व्यक्ति के नाम पर चढ़ा दिया। आदर्श सोसायटी के नाम जमीन रहने पर भी यहां आदिवासी खेती करते थे और कुछ लगान सोसायटी को देते थे। जिन लोगों ने इस जमीन को अपने नाम किया था, वे इस जमीन पर कब्जाथ नहीं कर पाए।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 1989 में इसे दूसरे को बेच दिया। वनवासी इस जमीन पर खेती करते रहे। इस पूरे प्रकरण की तह में जाएं तो 1955 में कांग्रेस की सरकार के दौरान स्थानीय लोगों की जमीन को हड़पने के लिए ग्राम समाज की जमीन को आदर्श सोसायटी के नाम पर दिया गया। इस जमीन को बाद में 1989 में बिहार के एक आईएएस के नाम पर कर दिया जो गलत था। उस समय भी कांग्रेस की सरकार थी।

बिहार के अधिकारी ने कब्जा नहीं कर पाने पर इस जमीन को 2017 ग्राम प्रधान को बेच दिया। इस मामले कई मुकदमे चलते रहे। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण में 1955, 1989 और 2017 में हुई हरेक घटना की जांच जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकरण से जुड़े राजस्व अभिलेखों की जांच के लिए शासन ने अपर मुख्य सचिव राजस्व की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की है। इस समिति में प्रमुख सचिव श्रम तथा विन्ध्याचल मंडल मीरजापुर के आयुक्त को सदस्य नामित किया गया है। यह समिति राजस्व अभिलेखों की गहनता से जांच करेगी। सहायक अभिलेख अधिकारी, ओबरा, सोनभद्र के नामांतरण आदेश के संदर्भ में उनके खिलाफ त्रिस्तरीय कमेटी विशेष रूप से जांच करेगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मृतक आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है, जबकि घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक मदद किया गया है।

योगी आदित्यानाथ ने कहा कि उन्होंने खुद डीजीपी को निर्देश दिया कि वो व्यक्तिगत रूप से मामले की निगरानी करें। सीएम योगी ने कहा कि पीडि़त पक्ष इस जमीन पर खेती कर रहा था और आरोपी प्रधान को कुछ पैसा भी दे रहा था, लेकिन इस मामले में प्रधान के वाद दायर करने के बाद पीडि़त परिवार ने पैसा देना बंद कर दिया था। उन्होंने बताया कि इस मामले मे कुल 29 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं जिसमें आरोपी ग्राम प्रधान और उसका भाई को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके साथ ही एक लाइसेंसी एसबीबीएल, एक रायफल तथा तीन डीबीबीएल गन और घटना में प्रयुक्त 6 ट्रैक्टर को भी बरामद किए जा चुके हैं। सरकार ने मृतक आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक मदद की।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments