जले पर छिड़का था नमक- हारने पर डिम्पल को फोन किया था- मायावती

FARRUKHABAD NEWS

नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों के परिणामों के बाद सपा और बसपा का महागठबंधन टूट चुका है। गठबंधन तोड़ने के बाद रविवार को बसपा सुप्रीम मायावती ने पहली बार अखिलेश यादव पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने अखिलेश यादव पर एक के बाद एक कई बड़े आरोप लगाए। यही नहीं मायावती ने चुनाव खत्म होने के बाद अखिलेश द्वारा कोई फोन नहीं करने पर भी कड़ा एतराज जताया। मायवती ने कहा कि एसपी के लोगों ने चुनाव में धोखा दिया कई जगहों पर बीएसपी को एसपी के नेताओं ने हराने का काम किया है।

अखिलेश नहीं चाहते थे लोकसभा चुनाव में मुस्लिमों को मिले अधिक टिकट रविवार को लखनऊ में रविवार को बीएसपी की बैठक हुई थी। इस बैठक में पार्टी को लेकर कई बड़े बदलाव किए गए। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में मायावती करीब 25 मिनट तक बोलीं। मायावती ने आरोप लगाया कि, अखिलेश नहीं चाहते थे कि लोकसभा चुनाव में मुस्लिमों को अधिक टिकट दिए जाएं। उन्हें डर था कि इससे वोटों का ध्रुवीकरण होगा, जबकि वह चाहती थी कि अधिक टिकट दिए जाएं।

जले पर छिड़का नमक-

मैंने बड़े होने का फर्ज निभाया, डिंपल को कॉल किया था मायावती ने कहा कि, मतगणना वाले दिन मैंने उन्हें फोन किया लेकिन लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया। सतीश मिश्रा ने उनसे कहा कि वे मुझे फोन कर लें, लेकिन फिर भी उन्होंने फोन नहीं किया। मैंने बड़े होने का फर्ज निभाया और मतगणना के दिन 23 तारीख को उन्हें फोन कर उनकी पत्नी डिंपल यादव और परिवार के अन्य लोगों के हारने पर अफसोस जताया। 3 जून को जब दिल्ली की मीटिंग में गठबंधन तोड़ने की बात हुई तब भी उन्होंने मिश्रा जी को फोन किया लेकिन मुझसे कोई बात नहीं की।

ताज कॉरिडोर केस में फंसाने में मुलायम सिंह यादव का भी अहम रोल उन्होंने मुझे मैसेज भिजवाया कि मैं मुसलमानों को ज्यादा टिकट ना दूं, इससे धार्मिक ध्रुविकरण होगा, लेकिन मैंने उनकी बात नहीं मानी। यह भी आरोप लगाया कि मुझे ताज कॉरिडोर केस में फंसाने में भाजपा के साथ मुलायम सिंह यादव का भी अहम रोल था। मायावती ने कहा कि, एसपी के लोग ये कह रहे हैं कि उनकी बदौलत बीएसपी 10 सीटें जीती है तो वो लोग अपने गिरेबां में झांककर देखें। उन्होंने कहा कि, सच्चाई ये हैं समाजवादी पार्टी बीएसपी के साथ के चलते 5 सीटें जीती है। उपचुनाव में हमें ये दिखाना है कि ये जीत हमारी अकेले की जीत है जिसका क्रेडिट एसपी के लोग ले रहे हैं।

यादवों का वोट नहीं हुआ ट्रांसफर मायावती ने कहा कि, लोकसभा चुनाव में सपा के कार्यकर्ताओं ने बीएसपी के खिलाफ प्रचार किया। अखिलेश से कई बार इसकी शिकायत की गई। मगर अखिलेश ने अपने लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की। नतीजे आने के बाद भी संपर्क किया मगर अखिलेश ने कोई बात नहीं की। मुझे उन्हें बताना चाहिए था कि आप के लोगों ने कहां-कहां सहयोग नहीं किया। अगर यादवों का पूरा वोट गठबंधन को मिलता तो बदायूं, फिरोजाबाद और कन्नौज जैसी सीटें सपा न हारती। इससे साफ है कि यादव का अधिकतर वोट भाजपा को ट्रांसफर हुआ।