कैदियों ने योग को बनाया तनाव मुक्ति का साधन

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद:(दीपक-शुक्ला) नियति के क्रूर हाथों विवश हो जाने-अनजाने में किए गए अपराध की सजा भुगतने जेल की सलाखों के पीछे पहुंचे कैदियों ने अकेलेपन एवं तनाव से मुक्ति पाने के लिए योग को साधन बनाया है। जिला कारागार व केन्द्रीय कारागार के कैदी योग को अपना हथियार बना चुके है| जिससे उन्हें अस्पताल की तरफ कम रुख करना पड़ रहा है| अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर भी दोनों जेलों पर कैदियों और बंदियों ने बढ़चढ़ कर योग किया|यंहा तक की जिला जेल में महिला बंदियों ने योग में अपने हाथ घुंघट के भीतर से आजमाये|
दोनों जेलों में योग की पाठशाला लगाने की पहल आर्ट आफ लिबिंग के योग शिक्षक रामकृपाल मिश्रा के द्वारा की गयी| जिला जेल में रामकृपाल सुबह 6:30 बजे से 8:30 बजे तक वर्तमान में नियमित शिविर लगा रहे है| वही सेन्ट्रल जेल में भी शिविर चलता है| कैदियों को योग सीखने के लिए प्रेरित किया।
कम ही जाते हैं अस्पताल
योग शिक्षक रामकृपाल ने बताया कि जिन बंदियों ने योग करना शुरू कर दिया है, वह अब कम ही जेल के अस्पताल में चिकित्सक के पास जाते हैं। थकान, बेचैनी, तनाव और पेट संबंधी कई बीमारियां योगासनों के नियमित अभ्यास से ठीक होने लगी हैं। यही वजह है कि अन्य बंदी भी अब योग की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
यह योगासन करते हैं कैदी
प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, कपालभाति, भस्त्रिका, सूर्य नमस्कार, सुदर्शन क्रिया, अश्विनी मुद्रा, धनुरासन, मकरासन, मरकटासन इत्यादि।
खाली समय में करते हैं योग
जेल मैनुअल के मुताबिक प्रत्येक सजायाफ्ता कैदी को उसकी क्षमता और कौशल के अनुसार काम दिया जाता है। इसके लिए बाकायदा उसे मेहनताना भी दिया जाता है। इन कैदियों को जब काम से फुरसत मिलती है तो थकान मिटाने और फिर स्फूर्ति पाने के लिए योग कर लेते हैं।
योग शरीर एवं मन को संतुलित और नियंत्रित करने का साधन
योग शिक्षक रामकृपाल मिश्रा ने बताया कि योग शरीर एवं मन को संतुलित और नियंत्रित करने का साधन है। योगाभ्यास शुरू करते ही इसका प्रभाव दिखने लगता है, लेकिन दीर्घकालिक लाभ के लिए निरंतरता आवश्यक है। इससे निश्चित तौर शरीर स्वस्थ होता है| और स्वस्थ होने पर मन भी शांत होता है। फलस्वरूप तनाव व अन्य व्याधियों से मुक्ति मिलती है।
महिला बंदियों ने घुंघट की ओट से सीखा योग का मंत्र
जिला जेल में बंद महिला बंदियों ने भी योग दिवस पर बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया|उनमे से कई ने घुंघट की ओट से ही योग की गुर सीखे| 
विश्व योग दिवस के अवसर पर सेन्ट्रल जेल में सुबह 6:30 बजे से 7:30 बजे तक में बंदियों को योग कराया गया| इस दौरान सेन्ट्रल जेल अधीक्षक एसएचएम रिजवी, जेलर पीके सिंह, सुरेश चन्द्र, उपकारापाल अरविन्द कुमार, सुरेन्द्र मोहन व पीके मिश्रा आदि रहे| वही सुबह 7:30 से 8:30 तक जिला जेल में बंदियों को योग कराया गया| जिसमे जिला जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह आदि रहे|