लखनऊ: उत्तर प्रदेश में राजकीय मेडिकल कालेजों से एमबीबीएस करने के अवसर बढ़ गए हैैं। सात नए मेडिकल कालेज शुरू करके जहां 700 सीटें बढ़ाई जा रही हैैं, वहीं सवर्ण आरक्षण से 370 सीटें बढ़ने की उम्मीद है, जबकि छह पुराने मेडिकल कालेजों में भी 210 सीटें बढ़ सकती हैैं। हालांकि कई मेडिकल कालेजों में सीटें कम होने से झटका भी लगा है।
नीट यूजी का परिणाम आने के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग को अब एनआइसी से स्टेट की मेरिट लिस्ट तैयार होने का इंतजार है। नीट यूजी काउंसिलिंग इसी महीने शुरू होकर जुलाई के दूसरे-तीसरे हफ्ते तक चलेगी। पिछले साल प्रदेश की 1990 एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश लिया गया था। नए शुरू हो रहे अयोध्या, फीरोजाबाद, बस्ती, बहराइच, शाहजहांपुर व बदायूं के मेडिकल कालेजों के साथ ग्रेटर नोएडा स्थित संस्थान की भी सौ-सौ सीटें भी इस साल बढ़ रही है। चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.केके गुप्ता ने बताया कि दस फीसद सवर्ण आरक्षण के तौर पर राजकीय कालेजों में 370 सीटें बढ़ने की उम्मीद है। सवर्ण आरक्षण के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने गुरुवार को केंद्र सरकार को आवेदन भेज दिया है।
इसके अलावा कानपुर, आगरा, प्रयागराज, मेरठ, झांसी व गोरखपुर के छह पुराने मेडिकल कालेजों में भी 210 सीटें बढ़ने की उम्मीद है। दूसरी तरफ बांदा, आजमगढ़ व जालौन के मेडिकल कालेजों में इस साल एमबीबीएस की अनुमति का नवीनीकरण न होने से प्रवेश फंस गया है। तीनों कालेजों में सौ-सौ सीटें हैैं। पिछले वर्षों में झांसी व गोरखपुर मेडिकल कालेजों में भी इसी तरह प्रवेश रुक चुके हैैं। इसके अलावा मेरठ में 50 और आगरा में 22 सीटों की भी कटौती हुई है। राजकीय कालेजों के अलावा निजी कालेजों में भी इस साल दो हजार से अधिक सीटें होंगी।
2318 सीटों के लिए तैयारी
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने भविष्य में संभावित सीटों को अभी शामिल न करते हुए 2318 सीटों पर प्रवेश की तैयारी की है। सवर्ण आरक्षण व अन्य कालेजों की सीटें बढऩे के बाद एमबीबीएस सीटों की कुल संख्या तीन हजार तक पहुंच सकती है।
कहां कितनी सीटें
केजीएमयू-250, कानपुर-190, प्रयागराज-150, आगरा-128, मेरठ-100, झांसी-100, गोरखपुर-100, सैफई-150, अंबेडकरनगर-100, कन्नौज-100, सहारनपुर-100, लोहिया संस्थान-150, बदायूं-100, ग्रेटर नोएडा-100, अयोध्या-100, बहराइच-100, बस्ती-100, शाहजांपुर-100, फीरोजाबाद-100