गर्मियों में जरुर पिए बेल का शरबत, पढ़े बेल के फायदे और नुकसान

FARRUKHABAD NEWS

विशेष- बेल का पेड़ मूल रूप से भारत में ही पाया जाता है इसके साथ साथ एशिया के दक्षिणी भाग, श्रीलंका, थाईलैंड और अन्य क्षेत्रों में भी पाया जाता है। इस पेड़ की ऊंचाई 30 फीट तक बढ़ सकती है और इसके फल का माप 5cm-9cm तक का होता है। बेल की बाहरी कवच कठोर होती है और अंदर से भूरे रंग का गुदा होता है जिसमें छोटे सफेद बीज होते हैं। इस फल का गुदा कच्चा भी खाया जा सकता है पर आमतौर पर इसका उपयोग जेम को बनाने में किया जाता है। बेल के फल में टैनिन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, फाइबर, प्रोटीन, आयरन आदि जैसे उपयोगी खनिज निहित हैं। इसके अलावा इसमें विटामिन बी और विटामिन सी की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है। बेल वास्तव में एक जड़ी-बूटी है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत उपयोगी है। इसका हरेक अंश मानव-शरीर के लिए फायदेमंद होता है, चाहें वह इसका फल हों या फिर पत्तियां, तना, शाखाएं व जड़।

बेल के फायदे लाएं पाचन प्रक्रिया में सुधार – Bael Fruit for Digestion

बेल ना केवल पाचन प्रक्रिया में सुधार लाता है परंतु आंत में विकसित हानिकारक कीड़ों का भी नाश करता है और पाचन-सम्बंधित विकारों को शरीर से कोसों दूर रखता है। बेल के पेड़ की शाखाएं व तने में फेरोनिया गम (Feronia Gum) नामक पाएँ जाने वाला तत्व बहुत ही व्यापक रूप से डायरिया और डिसेंट्री के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है। बेल का इस्तेमाल बवासीर के इलाज में भी किया जाता है। यह एक रेचक के रूप में कार्य कर कब्ज़ पर भी रोक लगाता है। इसके अतिरिक्त, बेल के कवकरोधी एवं परजीवी-विरोधी गुण, इसे पाचन प्रणाली के स्वास्थ के लिए एक उत्तम आहार बनाता है।

बेल फल के फायदे करें रक्त को साफ – Bael ke Fayde for Blood

शारीर में स्वच्छ रक्त, स्वस्थ जीवन जीने के लिए अनिवार्य होता है। तो यदि आप अपने शरीर को रक्त में उपस्थित हानिकारक एवं विषाक्त पदार्थों से पहुँचाने वाली क्षति से बचाना चाहते हैं तो 50 ग्राम बेल के जूस में गर्म पानी एवं शक्कर की मिठास मिलाकर पी लें।

यह स्कर्वी के उपचार के लिए भी लाभदायक है। स्कर्वी एक प्रकार का रक्त-रोग है जो जानलेवा भी साबित हो सकता है। यह शरीर में विटामिन सी की कमी की वजह से होता है और क्योंकि बेल विटामिन सी का एक प्रचुर स्रोत है।

बेल का पेड़ है कान दर्द में उपयोगी – Bael for Ear Pain

बेल के पेड़ की जड़ कानों के विकार के लिए बहुत ही उपयोगी होती है और उनमें हो रहे दर्द से राहत दिलाती है।

बेल के पत्तों को काटकर तिल के तेल में मिला कर गर्म करलें, अब अच्छे से उबलने के बाद पत्तों को छान लें और तेल को अलग करलें। इस तेल को कान में डालने की दवा के रूप में इस्तेमाल करें। इसके उपयोग से आपको कान के दर्द से जल्द राहत मिलेगी।

बेलपत्र के उपाय हैं मधुमेह के रोगी के लिए फायदेमंद – Bael Fruit for Diabetes

बेल के पेड़ में उपस्थित फेरोनिया गम इसे मधुमेह के रोगी के लिए उपयोगी बनाता है। यह तत्व मधुमेह के विपरीत कार्य करता है और शुगर के स्तर और इन्सुलिन के उत्पादन को नियंत्रित करता है। यह शुगर के स्तर में आने वाले मुख्य उतार-चढ़ाव को रोकता है जो जानलेवा भी साबित हो सकता है।

हर सुबह खाली पेट बेल के 4-5 पत्ते चबाएं। लंबे समय तक इस दिनचर्या को जारी रखने से मधुमेह को नियंत्रण किया जा सकता है।थोड़े से पानी में बेल के पत्तों को मिलाकर उसका रस बनाएं और सेवन करें। इस मिश्रण में चुटकी भर काली मिर्च पाउडर डालने से इसका शरीर पर और भी प्रभावशाली असर हो सकता है।

बेल के पत्ते का उपयोग बचाएं सर्दी से – Bel ke Patte Khane ke Fayde for Sore Throat

बेल की पत्तियां सर्दी के लिए बहुत ही उपयोगी होती है चाहें वो आम सर्दी हो या फिर पुरानी सर्दी (chronic cold)। यह श्वसन प्रणाली से बलगम को बाहर निकाल फेंकता है और सुचारू रूप से सांस लेने में सहयाता करता है। यह गल-शोथ (sore throat) का भी एक सफल उपचार है।

बेलपत्र के फायदे बढ़ाएं ऊर्जा स्तर – Bael Fruit for Boosting Immune System

रिसर्च द्वारा पाया गया है की बेल के फल का सेवन करने से यह आपके प्रतिरक्षा तंत्र को उत्तेजित करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है। बेल के 100 ग्राम गूदे में 150 कैलोरी होती है और साथ ही में अनेक पोषक तत्व भी होते हैं जो शरीर की गतिविधियों में सुधर लाती है और उपापचयी (मेटाबॉलिक) क्रियाओं में सुधार ला आपको फुर्तीला महसूस कराती है। यह प्रोटीन का भी एक प्रचुर श्रोत है जो माशपेशियों के विकास को बढ़ाता है और घावों को जल्दी भरने में करता है।

बेल फल के लाभ हैं गुर्दों के लिए स्वास्थ्यवर्धक – Bael Good for Kidney Health

बेल किडनी से सम्बंधित विकारों के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। यह शरीर से विषाक्त प्रदार्थों की निकासी कर किडनी के कार्य को उत्तेजित करता है और उससे सम्बंधित विकारों से छुटकारा दिलाता है। गुनगुने पानी में एक चमच सूखे बेल के पत्तों के चूरन को मिलाए और इसका सेवन नियमित रूक से करें। इसका उपयोग करने से आपको किडनी की कोई बिमारी नहीं होगी।

बेल के जूस के फायदे लाएं लीवर के स्वास्थ्य में सुधार – Bael Patra for Liver

रिसर्च द्वारा पाया गया है की बेल के पत्तों में जिगर के लिए रक्षात्मक प्रभाव होता है। जिगर के रोग आमतौर पर संक्रमण के कारण होते हैं। बेल बीटा-कैरोटीन का एक अच्छा श्रोत होता है और इसमें थिअमिने और राइबोफ्लेविन भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। यह तीनों तत्व लिवर के स्वास्थय के लिए अति महत्वपूर्ण होते हैं। बेल में एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरिया, एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-वायरल गुण भी मौजूद होते हैं जो संक्रमण और चोट से जिगर की रक्षा करते हैं।

बेल के गुण करें मलेरिया से बचाव – Bel Patra ke Fayde for Malaria

बेल के पेड़ की शाखाएं एवं तना टनीन नामक एक तत्व से प्रचुर होता है जिसका काढ़ा पीने से मलेरिया से बचाव किया जा सकता है। विटिलिगो (vitiligo) के इलाज के लिए भी इस फल के गुदे का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा आयुर्वेद में बेल का हरेक अंश सांप के डंक का इलाज करने में इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, इस तरह के मामलों में यह सलाह दी जाती है की पहले आप डॉक्टर से संपर्क करें। थाई-म्यांमार क्षेत्र में अक्सर डेंगू और मलेरिया से प्रभावित लोगों की संख्या अधिक पाई जाती है और अध्ययनों के अनुसार बेल के गुदे को त्वचा पर लगाने से भी मलेरिया से बचा जा सकता है।

बेल का सेवन कैसे करें – 

•             आप इसके फल का भी सेवन कर सकते हैं।

•             आप पका हुआ बेल फल साबुत भी खा सकते हैं या फिर उसका रस भी पी सकते हैं।

•             कच्चा बेल खट्टा होता है तो आप इसकी चटनी बना कर खा सकते है।

•             इसकी पत्तियों का सेवन आप सलाद के रूप में कर सकते है।

•             बेल को सुखाकर और उसका चूरन बनाकर आप उसे दूध, मक्खन और अपने दैनिक आहार के साथ भी ले सकते हैं।

•             श्रीलंका में बेल के फल का सेवन आइसक्रीम के रूप में भी किया जाता है।

बेल के नुकसान निम्न हैं –

•             अधिक मात्रा में बेल का सेवन पेट में होने वाली सम्याओं का एक कारण बन सकता है।