और जब नंबर बढ़ाने के चक्कर में करा दी जिला प्रशासन की किरकिरी

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद: मतदान और मतदाता दोनों एक दूसरे के पूरक होते है| बिना एक के दूसरा अधूरा ही रहता है| वैसे तो चुनाव आयोग साल में दो बार मतदाता सूची को अपडेट करने का अभियान चलाता रहता है मगर जिस वर्ष चुनाव होते है उस वर्ष ये अभियान विशेष तौर से चलाया जाता है ताकि अधिक से अधिक मतदाता सूची में जुड़ सके और परलोक सिधार गए मतदाताओ को सूची से हटा दिया जाए| बाकायदा ढोल पीट कर अभियान चलता है| वोटर सूची को दुरुस्त करने का आखिरी जिम्मा बूथ लेवल ऑफिसर का होता है और उसकी भी रैंडम चेकिंग की व्यवस्था रहती है| इसी सब तैयारी से मतदान प्रतिशत बढ़ने उम्मीद भी की जाती है| मगर जब इस प्रकार के गंभीर मामलो में सिर्फ लीक पीटने और फोटो खीच सोशल मीडिया पर वायरल कर अफसरों को खुश करने में कर्मचारी लग जाता है तो वैसा ही होता है जैसा कि मतदान के दिन फर्रुखाबाद में हो गया| यहाँ मतदाता जागरूकता अभियान में लगी शिक्षिकाओ ने ऐसा प्रदर्शन कर दिया जिससे जिला प्रशासन की न केवल किरकिरी हो गयी बल्कि मीडिया कर्मियों को जबाब देते भी नहीं बना|

कलेक्ट्रेट में एक सेल्फी पॉइंट बनाया गया था| मतदान उत्सव मनाने की अच्छी तैयारी थी|जिन जिन लोगो ने मुख्य विकास अधिकारी के निर्देशन में पिछले 15 दिन मतदाता जागरूकता अभियान में हिस्सा लिया था उन्हें सम्मानित करने के लिए बाकायदा कलेक्ट्रेट परिसर में इंतजाम किया गया| सुबह की शुरुआत मीडिया कर्मियों के साथ चाय और फोटो सेशन से हुई, इसके बाद दिव्यांग मतदाता, महिला मतदाता, और थर्ड जेंडर के मतदाताओ को कलेक्ट्रेट परिसर ससम्मान लाया गया| इसी कड़ी में बेसिक शिक्षा विभाग की कुछ शिक्षिकाएं दो नए शादी के जोड़ो को बुला लायी जिनकी बीती रात शादी हुई थी और उन्हें अपने ससुराल विदा होना था| विदा होने से पहले दोनों जोड़े अपने शादी के लिवास में कलेक्ट्रेट पहुचे और बाकायदा उनके सम्मान के साथ प्रस्तुत किया गया|

गए थे हरिभजन को ओटन लगे कपास-

यानि सन्देश ये दिया जाना था कि पहले मतदान फिर विदाई| मगर यहीं पर गड़बड़ हो गयी| जिन दो बेटियों को शादी के जोड़े में बुलाया गया था वे कैंट के कासिमबाग़ की रहने वाली है और उनकी शादी अमृतपुर तहसील के कनकापुर गाँव में हुई थी| दोनों बेटियों ने जब भरी महफ़िल में मीडिया को बताया कि उनके तो वोट ही नहीं है तो पैरो के तले से जमीन सरकना तो लाजिमी था ही| दो सगी बहने नैंसी और पूजा की शादी कनकापुर निवासी रामसेवक के बेटो विपिन और सचिन के साथ सम्पन्न हुई है| एक ने बताया कि उसका तो लोकसभा चुनाव की बनी सूची में वोट ही नहीं बना जबकि कैंट बोर्ड में मतदाता सूची में उसका नाम है| जबकि दूसरी ने बताया कि उसका वोट था मगर कट गया| ऐसे में मतदाता सूची का हाल अब सबके सामने था| जब दोनों का वोट ही नहीं था और उन्हें मतदान से वंचित रहना है तो उन बेचारो की नुमाइश कराने का क्या मतलब था| और दूल्हो के वोट कनकापुर में है जो विदा ले जाने के बाद वोट डालेंगे ये भविष्य का मामला था| सवाल बड़ा था और जबाब किसी के पास नहीं| इसे कहते है नंबर बढ़ाने के चक्कर में किरकिरी करा देना| जिलाधिकारी तो चुनाव में व्यस्त थी और मामले को सम्भालने को मुख्य विकास अधिकारी बाहर निकले| एक मीडिया कर्मी ने सवाल दाग ही दिया- “दो महीने के युवा मतदाता अभियान का क्या ये परिणाम है?” जबाब में लापरवाही हुई कहते हुए जैसे तैसे मामला टला|